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राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन 'मानस'

Posted On: 06 AUG 2025 5:57PM by PIB Delhi

मानस (मादक-पदार्थ निषेध सूचना केंद्र) हेल्पलाइन-1933 को सरकार द्वारा 18 जुलाई, 2024 को शुरू किया गया था, ताकि नागरिकों को नशीली दवाओं के खतरे से लड़ने के लिए सशक्त बनाया जा सके और नशीली दवाओं की तस्करी, अवैध खेती तथा संबंधित अपराधों की गुमनाम रिपोर्टिंग करने हेतु सक्षम बनाने के लिए एक सुरक्षित व नागरिक-केंद्रित मंच के रूप में कार्य किया जा सके। यह परामर्श और पुनर्वास के लिए भी सहायता प्रदान करता है, जिससे नशीली दवाओं के खतरे से निपटने में नागरिकों की भागीदारी में बढ़ोतरी होती है। एकीकृत, सुरक्षित एवं द्विभाषी डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित, मानस नागरिकों को नशीली दवाओं से संबंधित मुद्दों की रिपोर्ट करने और पुनर्वास संसाधनों तक पहुंचने के लिए एक सहज, गोपनीय तथा बहु-चैनल इंटरफ़ेस प्रदान करता है। नागरिक निम्नलिखित माध्यमों से मानस हेल्पलाइन तक पहुंच सकते हैं:

  1. टोल-फ्री नंबर: 1933
  2. आधिकारिक वेब पोर्टल: www.ncbmanas.gov.in
  3. ईमेल: info.ncbmanas[at]gov[dot]in
  4. उमंग मोबाइल ऐप

नागरिक निम्नलिखित के लिए मानस हेल्पलाइन का उपयोग कर सकते हैं:

  1. नशीली दवाओं की तस्करी, भंडारण, विनिर्माण या खेती से संबंधित किसी भी जानकारी को गुमनाम रूप से रिपोर्ट करें।
  2. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजेई) हेल्पलाइन 14446 पर एकीकृत स्थानांतरण के माध्यम से परामर्श और पुनर्वास मार्गदर्शन प्राप्त करें।
  3. जन-जन तक सूचना ले जाने के लिए मानस वेब पोर्टल के माध्यम से जागरूकता संसाधनों (पोस्टर, वीडियो, ब्रोशर) तक पहुंचें।
  4. माईगव प्लेटफॉर्म पर प्रश्नोत्तरी, पोस्टर-मेकिंग व रील-मेकिंग प्रतियोगिताओं के माध्यम से जागरूकता गतिविधियों में भाग लें और नशा-मुक्त भारत अभियान को बढ़ावा दें।

अपनी शुरुआत के बाद से, मानस हेल्पलाइन के कई महत्वपूर्ण परिणाम देखे गए हैं (जुलाई 2025 तक):

  1. 70,000 नागरिकों ने मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध खेती की रिपोर्ट करने या पुनर्वास सहायता प्राप्त करने के लिए मानस हेल्पलाइन 1933 पर सहायता प्राप्त की।
  2. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) जोनल इकाइयों और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) को 6,152 कार्रवाई योग्य दवा-संबंधी सुझाव भेजे गए, जिसके परिणामस्वरूप 36 नारकोटिक ड्रग्स तथा साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडीपीएस) मामले सामने आए।
  3. 7,100 कॉल नशा मुक्ति और पुनर्वास से संबंधित थीं, जबकि 56,700 कॉल विविध मुद्दों से जुडी हुई थीं।
  4. हेल्पलाइन ने माईगव प्लेटफॉर्म के माध्यम से बड़े पैमाने पर सार्वजनिक सहभागिता को भी बढ़ावा दिया, जिसमें 2,013 नागरिकों ने नशा मुक्त भारत प्रश्नोत्तरी में भाग लिया और जागरूकता प्रतियोगिताओं के भाग के रूप में 835 पोस्टर तथा 522 रील प्रस्तुत किए गए।

गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी है।

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पीके/केसी/एनकेएस/एसएस

 


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