गृह मंत्रालय
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आदर्श कारागार नियमों को अपनाना और कारागार पुस्तकालयों के लिए सहायता

Posted On: 06 AUG 2025 5:56PM by PIB Delhi

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने वर्ष 2023 में एक ‘आदर्श कारागार एवं सुधार सेवा अधिनियम’ तैयार किया था और इसे 10 मई, 2023 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को उनके संबंधित अधिकार क्षेत्र में अपनाने के लिए भेज दिया था। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदर्श अधिनियम का उपयोग करने तथा अपने-अपने क्षेत्राधिकार में कारागारों के संबंध में उपयुक्त कानून बनाने की सलाह दी गई है। अभी तक किसी भी राज्य सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र में आदर्श कारागार अधिनियम को अपनाने के बारे में गृह मंत्रालय को पुष्टि नहीं की है।

हालांकि, वर्ष 2016 में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे गए मॉडल जेल मैनुअल, जिसका उद्देश्य देश भर में जेलों और सुधार संस्थानों को नियंत्रित करने वाले बुनियादी सिद्धांतों में एकरूपता लाना है, उस नियम को 21 राज्यों और सभी 8 केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनाया गया है।

ए: आदर्श कारागार अधिनियम के अंतर्गत जेलों में पुस्तकालयों के संबंध में कोई विशिष्ट मानक निर्धारित नहीं किए गए हैं।

बी: चूंकि भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची II की प्रविष्टि 4 के अनुसार “कारागार” एक “राज्य सूची” का विषय है, इसलिए संबंधित राज्य सरकारों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में जेल पुस्तकालय अवसंरचना के लिए उचित बजटीय प्रावधान करना आवश्यक है।

गृह राज्य मंत्री श्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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पीके/केसी/एनकेएस/एसएस


(Release ID: 2153294)
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