पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
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भारतीय पत्तनों द्वारा संचालित समुद्री व्यापार

Posted On: 05 AUG 2025 6:24PM by PIB Delhi

पिछले पांच वर्षों के दौरान आयात और निर्यात के प्रतिशत सहित भारतीय पत्तनों द्वारा हैंडल किए गए कार्गो की कुल मात्रा का वर्षवार विवरण नीचे दिया गया है:

वर्ष

भारतीय पत्तनों द्वारा हैंडल किया गया (मिलियन टन में)

 आयात और निर्यात का %

2020-21

1249.98

81.74

2021-22

1323.80

80.10

2022-23

1435.33

78.39

2023-24

1542.64

78.55

2024-25

1594.33

79.26

 

मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 के अंतर्गत, सरकार ने भारत में पोत निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने और विदेशी निर्मित पोतों पर निर्भरता कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जो इस प्रकार हैं:-

  1. मंत्रालय ने पोत निर्माण गतिविधियों में अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए 29 जनवरी 2025 को पोत निर्माण वित्तीय सहायता नीति (एसबीएफएपी) दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है।
  2. सरकार ने नवंबर, 2021 में भारतीय शिपयार्ड में निर्मित किए जाने वाले टगों की खरीद के लिए प्रमुख बंदरगाहों द्वारा उपयोग हेतु पांच प्रकार के मानक टग डिजाइन जारी किए हैं।
  3. स्वदेशी पोत निर्माण को बढ़ावा देने के लिए, मंत्रालय ने 20 सितम्बर 2023 को किसी भी प्रकार के जलयान चार्टर में, जिसे निविदा प्रक्रिया के माध्यम से भारत में निर्मित, भारतीय ध्वज वाले और भारतीय स्वामित्व वाले जलयानों को प्राथमिकता देकर लिया जाता है, में पालन किए जाने वाले प्रथम अस्वीकार करने का अधिकार (आरओएफआर)अनुक्रम को संशोधित किया है।

(iv) मंत्रालय ने 16 अगस्त, 2024 को ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम (जीटीटीपी) शुरू किया है जिसका उद्देश्य पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल टगबोट संचालनों को अपनाने को प्रोत्साहित करके कार्बन उत्सर्जन को कम करना और पर्यावरणीय पर पड़ने वाले प्रभाव को न्यूनतम करना है।

(v) सरकार ने अंतर्देशीय जलयानों के लिए हरित नौका दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनका उद्देश्य अंतर्देशीय जलमार्ग जलयानों में हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने को बढ़ावा देना है।

(vi) भारत सरकार ने 13 अप्रैल, 2016 की राजपत्र अधिसूचना संख्या 112 के माध्यम से अद्यतन हार्मोनाइज्ड मास्टर लिस्ट ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर सब-सेक्टर्स में 'शिपयार्ड' को शामिल किया है।

(vii) स्वदेशी पोत निर्माण को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने 19 मई 2016 को सरकारी विभागों या एजेंसियों, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भी शामिल हैं, द्वारा सरकारी उद्देश्यों या अपने स्वयं के प्रयोग के लिए उपयोग किए जाने वाले किसी भी प्रकार के जलयान के अधिग्रहण के लिए नए पोत निर्माण के दिए गए ऑर्डरों की निविदाओं के मूल्यांकन और उन्हें सौंपने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जब भी किसी जलयान का अधिग्रहण निविदा के माध्यम से किया जाता है, तो पात्र भारतीय शिपयार्डों को "प्रथम अस्वीकार करने का अधिकार" प्राप्त होगा ताकि वे विदेशी शिपयार्ड द्वारा प्रस्तावित न्यूनतम मूल्य के बराबर मूल्य का प्रस्ताव दे सकें। इस प्रयास का उद्देश्य भारतीय शिपयार्डों में पोत निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, पोत निर्माण और पोत-स्वामित्व से संबंधित सरकारी संस्थाओं को भारत सरकार के सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को वरीयता) आदेश, 2017 के अनुसार स्थानीय सामग्री सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। इस आदेश के अनुसार, 200 करोड़ रुपये से कम मूल्य के जलयानों की खरीद भारतीय शिपयार्डों से की जानी आवश्यक है।

() पिछले दशक में देश के तटीय शिपिंग क्षेत्र में तीव्र वृद्धि देखी गई है, जिसमें कार्गो यातायात वित्तीय वर्ष 2014-15 के 86.3 मिलियन टन (एमटी) के आंकड़े से लगभग दोगुना होकर वित्तीय वर्ष 2024-25 में 165.4 मिलियन टन हो गया है।

(ड़) आवश्यक परिसंपत्तियों के समावेशन/आधुनिकीकरण, तटीय निगरानी उन्नयनों, क्षेत्रीय साझेदारियों और एजेंसियों के बीच सूचना साझा करने की पहलों के माध्यम से 'समुद्री सुरक्षा' को बढ़ाया गया है। समुद्री और तटीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए निम्नलिखित विशिष्ट उपाय किए गए हैं:-

i) भारतीय नौसेना को समग्र समुद्री सुरक्षा के लिए उत्तरदायी प्राधिकारी के रूप में नामित किया गया है जिसमें तटीय सुरक्षा और अपतटीय सुरक्षा शामिल है।

ii) भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) को तटीय पुलिस द्वारा गश्त किए जाने वाले क्षेत्र सहित भू-भागीय जल में तटीय सुरक्षा के लिए उत्तरदायी प्राधिकारी के रूप में नामित किया गया है।

iii) सभी हितधारकों द्वारा तटीय क्षेत्रों और ईईजेड में पोतों व विमानों द्वारा गश्त/निगरानी बढ़ाई गई।

iv) आईसीजी, भारत के समुद्री क्षेत्रों में निगरानी और सुरक्षा कार्यों के लिए प्रतिदिन 18-20 पोत, 30-35 नौकाएं/यान और 10-12 विमान तैनात करता है।

v) समुद्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं और अन्य ऑपरेटरों के व्यक्तिगत ब्यौरों की प्रमाणिकता की जांच के लिए नियमित रूप से बोर्डिंग ऑपरेशन।

vi) सभी हितधारकों के बीच समन्वय के लिए सभी तटीय राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में तटीय सुरक्षा के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) कार्यान्वित की गई हैं।

vii) मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) और तटीय सुरक्षा तंत्र की पुष्टि करने के लिए नियमित रूप से तटीय सुरक्षा अभ्यास और तटीय सुरक्षा प्रचालन कार्य करना।

viii) 46 रडार स्टेशनों वाली तट आधारित स्थिर सेंसर चेन (सीसीएस) के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक निगरानी रखी जाती है। इसके अतिरिक्त, सीएसएस परियोजना के दूसरे चरण में 38 रडार स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं।

ix) आईसीजी, समुद्री और तटीय सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए जागरूकता बढ़ाने हेतु मछुआरों के लिए नियमित सामुदायिक संपर्क कार्यक्रम (सीआईपी) आयोजित करता रहा है। सीआईपी के दौरान, मछुआरों को इस दृष्टि से सुरक्षा एजेंसियों को सर्तक करने की आवश्यकता के बारे में भी अवगत कराया जाता है कि जब भी वे समुद्र में कोई भी संदिग्ध/विदेशी नाव देखें तो वे उस बारे में बताएं।

यह जानकारी पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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पीके/केसी/एसके/एसएस


(Release ID: 2152789)
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