मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
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महामारी निधि परियोजना

Posted On: 05 AUG 2025 2:55PM by PIB Delhi

पशुपालन एवं डेयरी विभाग को 25 अक्टूबर 2024 को शुरू की गई "महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए भारत में पशु स्वास्थ्य सुरक्षा सुदृढ़ीकरण" के नाम से जी20 महामारी निधि परियोजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त हुआ है।

इस पहल का उद्देश्य लोगों में पालतू और वन्य दोनों प्रकार के पशुओं से उत्पन्न होने वाले रोगाणुओं के फैलने के जोखिम को कम करना है ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य, पोषण सुरक्षा और कमजोर समुदायों की आजीविका की रक्षा हो सके। इस परियोजना के प्रमुख उद्देश्यों में शामिल हैं:

  • प्रयोगशाला प्रणालियों का विस्तार
  • निगरानी और पूर्व चेतावनी प्रणालियों में वृद्धि
  • क्षमता, योग्यता और मानव संसाधन विकास को सुदृढ़ बनाना
  • डेटा प्रणालियों, विश्लेषण, जोखिम के विश्लेषण और इससे संबंधित संचार को उन्नत बनाना
  • राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तरों पर संस्थागत क्षमता में अंतर को दूर करना

पशुजन्य रोगों के खतरे को कम करने के लिए इस परियोजना के अंतर्गत होने वाली प्रमुख गतिविधियों में शामिल हैं:

  • प्रयोगशालाओं में कमी का आकलन ताकि मान्यता में सहायता प्रदान की जा सके
  • राष्ट्रीय प्रयोगशाला नेटवर्क की स्थापना जिससे जीन संबंधी व्यवस्था और पूर्व चेतावनी प्रणालियों सहित विभिन्न देशों और क्षेत्रों से फैलने वाले और पशुजन्य रोगों पर नज़र रखी जा सके।
  • प्रयोगशालाओं के अपने मूल्यांकन, जैविक सुरक्षा और एकीकृत सूचना प्रबंधन के लिए डिजिटल उपकरणों का विकास
  • जगह-जगह जाकर शोध और अनुसंधान करने वाले महामारी विज्ञानियों और पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवर लोगों के लिए क्षमता निर्माण
  • शीघ्र जानकारी देने और व्यवहार परिवर्तन के संबंध में सूचना के लिए जोखिम संचार रणनीतियों और सामुदायिक जागरूकता पहलों का विकास
  • ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रोगों के शीघ्र पहचान, प्रतिक्रिया और लोगों तक पहुंच के लिए सामुदायिक स्तर के पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण और उन्हें इन कार्यों में शामिल करना।

इस परियोजना को जी20 महामारी कोष से 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान प्राप्त हुआ है, जिसे तीन कार्यान्वयन संस्थाओं (आईई) को आवंटित किया गया है। इस प्रकार: एशियाई विकास बैंक को 12.00 मिलियन अमेरिकी डॉलर, खाद्य एवं कृषि संगठन को 8.714 मिलियन अमेरिकी डॉलर, और विश्व बैंक को 4.285 मिलियन अमेरिकी डॉलर दिये गए हैं। 30 जून 2025 तक एशियाई विकास संस्थानों को जारी 5.442 मिलियन अमेरिकी डॉलर में से 0.837 मिलियन अमेरिकी डॉलर का उपयोग किया जा चुका है।

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने 5 अगस्त, 2025 को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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पीके/केसी/केके/एचबी


(Release ID: 2152562)
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