संचार मंत्रालय
दूरसंचार विभाग ने सुरक्षा परीक्षण मूल्यांकन शुल्क में 95 प्रतिशत तक की कटौती की और दूरसंचार/आईसीटी क्षेत्रों के लिए अनुपालन प्रक्रिया को सरल बनाया
दूरसंचार विभाग की नई शुल्क संरचना दूरसंचार सुरक्षा परीक्षण को आसान और किफायती बनाती है
अत्यधिक विशिष्ट और जीवन-काल समाप्त दूरसंचार उपकरणों के लिए सरल अनुपालन प्रक्रिया
Posted On:
04 AUG 2025 5:40PM by PIB Delhi
व्यापार में सुगमता बढ़ाने और दूरसंचार एवं आईसीटी क्षेत्रों पर अनुपालन का बोझ कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के अंतर्गत दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने दूरसंचार और आईसीटी उत्पादों के लिए सुरक्षा परीक्षण मूल्यांकन शुल्क में 95 प्रतिशत तक की भारी कटौती की घोषणा की है। 1 अगस्त 2025 से प्रभावी संचार सुरक्षा प्रमाणन योजना (कॉमसेक) के अंतर्गत इस संशोधित शुल्क संरचना का उद्देश्य घरेलू निर्माताओं, विशेष रूप से एमएसएमई के लिए सुरक्षा प्रमाणन प्रक्रिया को और अधिक किफायती बनाना है।
सुरक्षा परीक्षण मूल्यांकन शुल्क उपकरण श्रेणी के आधार पर ₹2,00,000 से ₹3,50,000 तक था, जिसे अब काफी कम कर दिया गया है। संशोधित ढांचे के अंतर्गत ग्रुप ए के उपकरणों के लिए शुल्क ₹2,00,000 से घटकर ₹10,000, ग्रुप बी के लिए ₹2,00,000 से घटकर ₹20,000, ग्रुप सी के लिए ₹2,50,000 से घटकर ₹30,000 और ग्रुप डी के लिए ₹3,50,000 से घटकर ₹50,000 हो गया है। इससे घरेलू कंपनियों सहित दूरसंचार/आईसीटी उत्पाद निर्माताओं पर वित्तीय दबाव काफी कम हो जाएगा।
सीडीओटी और सीडैक जैसे सरकारी अनुसंधान और विकास संस्थानों के लिए, सार्वजनिक क्षेत्र के अनुसंधान में नवाचार को प्रोत्साहित करने के व्यापक प्रयास के अंतर्गत 31 मार्च 2028 तक उत्पाद प्रमाणन के लिए प्रस्तुत आवेदनों पर सभी सुरक्षा परीक्षण मूल्यांकन शुल्क पूरी तरह से माफ कर दिए गए हैं।
दूरसंचार विभाग ने अति विशिष्ट उपकरण (एचएसई) और बिक्री समाप्ति/जीवन समाप्ति दूरसंचार उत्पादों के लिए सुरक्षा परीक्षण और अनुपालन प्रक्रिया को भी सरल बनाया है।
वर्तमान में आईपी राउटर, वाई-फाई सीपीई और 5जी कोर एसएमएफ जैसे उत्पाद अनिवार्य सुरक्षा परीक्षण के अधीन हैं। ऑप्टिकल लाइन टर्मिनल और ऑप्टिकल नेटवर्किंग टर्मिनल स्वैच्छिक सुरक्षा प्रमाणन के अधीन हैं। इसमें 31 अगस्त 2025 तक शुल्क छूट लागू है।
आवेदक एमटीसीटीई पोर्टल (https://mtcte.tec.gov.in) के माध्यम से ऑनलाइन शुल्क का भुगतान कर सकते हैं।
दूरसंचार विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय संचार सुरक्षा केंद्र (एनसीसीएस) को इस योजना के अंतर्गत सुरक्षा परीक्षण और प्रमाणन लागू करने का अधिकार दिया गया है। अद्यतन ढांचे के अनुसार, देश में दूरसंचार उपकरण बेचने, आयात करने या उपयोग करने के इच्छुक ओईएम, आयातकों और डीलरों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके उत्पाद कॉमसेक योजना के अंतर्गत सुरक्षा परीक्षण और प्रमाणन से गुजरें।
कॉमसेक योजना के अंतर्गत दूरसंचार/आईसीटी उपकरणों के सुरक्षा परीक्षण और प्रमाणन के लिए, ओईएम/आयातकों/डीलरों से सुरक्षा परीक्षण मूल्यांकन शुल्क लिया जाता है। यह शुल्क दूरसंचार/आईसीटी उपकरणों के समूह के आधार पर भिन्न होता है। इन्हें उपकरणों के परीक्षण या परीक्षण रिपोर्टों के मूल्यांकन में लगने वाले समय और जटिलता के आधार पर ए, बी, सी और डी श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। दूरसंचार/आईसीटी उपकरणों की सूची में राउटर, मोबाइल कोर उपकरण, बेस स्टेशन, उपग्रह संचार उपकरण, परिवहन उपकरण, ग्राहक परिसर उपकरण, सिम कार्ड आदि शामिल हैं।
यह योजना व्यापक अनिवार्य दूरसंचार उपकरण परीक्षण और प्रमाणन (एमटीसीटीई) ढाँचे के अंतर्गत आती है। इसे पहली बार सितंबर 2017 में अधिसूचित किया गया था और बाद में दूरसंचार (मानकों, अनुरूपता मूल्यांकन और प्रमाणन को अधिसूचित करने का ढाँचा) नियम, 2025 द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया।
इस शुल्क में कमी से भारतीय दूरसंचार निर्माताओं की प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि, स्थानीय नवाचार को प्रोत्साहन और घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) दोनों के लिए बाजार में प्रवेश का मार्ग सरल होगा। यह भारत को दूरसंचार सुरक्षा परीक्षण और प्रमाणन का केंद्र बनाने के सरकार के उद्देश्य के अनुरूप है। परीक्षण आवश्यकताओं को अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के अनुरूप बनाकर, दूरसंचार विभाग देश के दूरसंचार बुनियादी ढाँचे की दीर्घकालिक सुरक्षा और अखंडता सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है।
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