जनजातीय कार्य मंत्रालय
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ओडिशा में जवाबदेह प्रशासन को बढ़ावा देने और जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने के लिए चौथी आदि कर्मयोगी क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशाला का आयोजन

प्रविष्टि तिथि: 01 AUG 2025 8:14PM by PIB Delhi

समावेशी विकास और अंतिम छोर तक सेवा पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, आज भुवनेश्वर में चौथी आदि कर्मयोगी क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशाला (आरपीएल) का उद्घाटन किया गया। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीएजेजीयूए) के तहत आयोजित इस सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम का उद्देश्य अग्रणी जनजातीय कार्यकर्ताओं को उत्तरदायी, जन-केंद्रित शासन चलाने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं और ज्ञान से अवगत कराना है।

क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशाला का उद्घाटन ओडिशा सरकार के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री श्री नित्यानंद गोंड ने किया। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों, श्री मनोज आहूजा, आईएएस, मुख्य सचिव, ओडिशा सरकार, श्री मनीष ठाकुर, आईएएस, अपर सचिव, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार, श्री बी. परमेश्वरन, आईएएस, आयुक्त-सह-सचिव, अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग, ओडिशा, सुश्री मानसी निम्भल, आईएएस, निदेशक (एसटी), ओडिशा सरकार, सुश्री समिधा सिंह, निदेशक, जनजातीय कार्य मंत्रालय, की
उपस्थिति रहीं।

यह कार्यक्रम झारखंड, बिहार और ओडिशा के 25 चयनित प्रतिभागियों को व्यापक मंच प्रदान करता है और भारत ग्रामीण आजीविका फाउंडेशन (बीआरएलएफ) द्वारा संचालित है।

आदि कर्मयोगी: जनजातीय वास्तविकताओं में निहित जवाबदेह प्रशासन

आदि कर्मयोगी – जवाबदेह प्रशासन कार्यक्रम, राज्य, जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर आदिवासी अग्रणी कार्यकर्ताओं और सरकारी अधिकारियों की क्षमता निर्माण हेतु जनजातीय कार्य मंत्रालय की एक अग्रणी पहल है। इसका उद्देश्य निम्नलिखित को सुदृढ़ करना है:

  • कल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, ग्रामीण विकास, जल शक्ति और वन जैसे विभागों में आपसी संयोजन
  • सहभागी शिक्षा और सामुदायिक सहभागिता
  • पारदर्शी और जवाबदेह शासन तंत्र

ओडिशा में क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशाला (आरपीएल) क्षमता निर्माण के एक व्यापक मॉडल का हिस्सा है। प्रशिक्षित राज्य मास्टर प्रशिक्षक (एसएमटी) राज्य और जिला प्रक्रिया प्रयोगशालाओं का नेतृत्व करेंगे और प्रासंगिक एवं स्थानीय ज्ञान प्रसार सुनिश्चित करेंगे।

नेतृत्व संबंधी पहल: परिवर्तन के लिए एक सामूहिक आह्वान

श्री नित्यानंद गोंड ने उद्घाटन भाषण देते कहा, "प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के तहत, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान प्रत्येक आदिवासी परिवार तक बुनियादी सेवाएँ पहुँचाने के लिए शुरू किया गया है। आदि कर्मयोगी कार्यक्रम सेवा प्रदाताओं को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्हें इस वादे को पूरा करना होगा। प्रतिभागियों को इस मिशन को ज़िला और ब्लॉक स्तर पर आगे बढ़ाना होगा।"

मुख्य सचिव श्री मनोज आहूजा ने अंतर-विभागीय संयोजन पर ज़ोर देते हुए कहा, "संयोजन जनजातीय क्षेत्रों में बदलाव को गति दे सकता है। उत्तरदायी, समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक विभाग को सहयोग से काम करना चाहिए।"

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आयुक्त-सह-सचिव श्री बी. परमेश्वरन ने कहा, "जवाबदेह प्रशासन एक बार का समाधान ही नहीं है, इसे जनजातीय समुदायों के अनुभवों और आवश्यकताओं के साथ सार्वजनिक सेवा वितरण के अनुरूप करना चाहिए।"

जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव, श्री विभु नायर, इस कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल हुए और प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा, "आप परिवर्तन के वाहक हैं जो केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण ज्ञान को जमीनी स्तर तक पहुँचाएँगे। यह सात दिवसीय प्रक्रिया प्रयोगशाला ‘शासन कैसे प्रदान किया जाता है’ इस पर पुनर्विचार करने का एक जीवन-परिवर्तनकारी अवसर है।" उन्होंने प्रतिभागियों से प्रतिबद्ध नेतृत्व का आह्वान किया और प्रभावशाली परिवर्तन की कुंजी के रूप में समुदाय-उत्तरदायी नीति-निर्माण पर ज़ोर दिया।

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जनजातीय सशक्तिकरण के लिए एक सहयोगात्मक ढांचा

आदि कर्मयोगी कार्यक्रम सरकारी अधिकारियों, नागरिक समाज संगठनों और जनजातीय समुदायों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पॉपुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल (पीएसआई) और बीआरएलएफ जैसी संस्थाओं की उपस्थिति प्रासंगिक, सांस्कृतिक रूप से निहित शिक्षण प्रणालियों के निर्माण में नागरिक समाज की भागीदारी सुनिश्चित करती है।

भुवनेश्वर आरपीएल भारत सरकार के उस मिशन में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है जिसके तहत 20 लाख आदिवासी परिवर्तनकारी लोगों का एक ऐसा कैडर तैयार किया जाना है जो 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने में मदद करेगा।

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