खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
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पूरे भारत में 1601 परियोजनाओं के लिए पीएमकेएसवाई के तहत 8,853 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी गई


2024 से पीएमकेएसवाई के तहत 52 नई परियोजनाओं को मंजूरी; खाद्य सुरक्षा बुनियादी ढांचे पर विशेष जोर

कोल्ड चेन हस्तक्षेप से फलों, डेयरी और मत्स्य पालन में अपव्यय में उल्लेखनीय कमी आई: एनएबीसीओएनएस अध्ययन

पीएमकेएसवाई के तहत धन का आवंटन

Posted On: 01 AUG 2025 4:44PM by PIB Delhi

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) एक केंद्रीय क्षेत्र की व्यापक योजना "प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई)" का कार्यान्वयन कर रहा है। 30 जून, 2025 तक, 1601 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है, जिनकी परियोजना लागत 30,656.57 करोड़ रुपये और स्वीकृत अनुदान सहायता 8,853.38 करोड़ रुपये है।

जनवरी 2024 से जून 2025 तक पीएमकेएसवाई की घटक योजनाओं के तहत 52 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना योजना के तहत 01 परियोजना का संचालन किया गया है, जिसका विवरण अनुलग्नक में दिया गया है।

फसल-उपरांत बुनियादी ढांचे और प्रसंस्करण सुविधाओं के निर्माण से फसल-उपरांत नुकसान में कमी आती है। पीएमकेएसवाई के अंतर्गत घटक योजनाएं उद्यमियों को खाद्य प्रसंस्करण/संरक्षण बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं, इसमें फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए कोल्ड स्टोरेज तथा रेफ्रिजरेटेड वाहनों जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

2020 में नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज प्रा. लि. (नैबकॉन्स) द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) को प्रस्तुत की गई “एकीकृत कोल्ड चेन एवं मूल्य वर्धन अवसंरचना योजना” के अंतर्गत क्रियान्वित इकाइयों के प्रभाव पर आधारित मूल्यांकन अध्ययन के अनुसार यह स्पष्ट किया गया कि मंत्रालय की इस योजना के हस्तक्षेप से सभी क्षेत्रों में कुछ हद तक अपव्यय में कमी देखी गई है। विशेष रूप से फल एवं सब्ज़ियां, डेयरी और मत्स्य क्षेत्र में अपव्यय में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है।

यह जानकारी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री रवनीत सिंह ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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(Release ID: 2151675)
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