भारी उद्योग मंत्रालय
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इलेक्ट्रिक वाहन इकोसिस्टम मजबूत करने से संबंधित योजनाएं

Posted On: 01 AUG 2025 4:54PM by PIB Delhi

भारी उद्योग मंत्रालय की भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) इकोसिस्टम को उन्नत और मजबूत बनाने के लिए तैयार की गई विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत उपलब्धियों का विवरण निम्न प्रकार से है:

1. फेम-I: यह योजना 2015-2019 के दौरान क्रियान्वित की गई। फेम-I की उपलब्धियाँ इस प्रकार हैं: -

  1. फेम-I के अंतर्गत भौतिक प्रगति नीचे दी गई है:

खंड

समर्थित ईवी की संख्या
(दिसंबर, 2018 तक)

2 डब्ल्यू

1,51,648

3डब्ल्यू

786

4डब्ल्यू

1,02,446

-बस

425

कुल

2,55,305

 

  1. फेम-I के अंतर्गत निधियों का शीर्षवार उपयोग नीचे दिया गया है:

वस्तुओं का विवरण

कुल

(करोड़ रुपये में)

प्रौद्योगिकी मंच

64

मांग प्रोत्साहन

307

प्रायोगिक परियोजनाएं

158

उपरोक्त के लिए कुल

529

फेम-I की देयता फेम-II को हस्तांतरित

366

कुल

895

 

  1. विभिन्न संगठनों/संस्थानों में परीक्षण अवसंरचना की स्थापना, विद्युतीकृत परिवहन, बैटरी इंजीनियरिंग आदि में उन्नत अनुसंधान हेतु 'उत्कृष्टता केंद्र' की स्थापना जैसी प्रौद्योगिकी विकास परियोजनाओं के लिए लगभग 158 करोड़ रुपये की प्रायोगिक परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई। इसके अतिरिक्त, प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म के विकास पर 64 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

2. फेम-II: फेम-II योजना वित्त वर्ष 2019-2024 की अवधि के दौरान कार्यान्वित की गई है। फेम-II की उपलब्धियाँ इस प्रकार हैं: -

वर्ग

30.06.2025 तक उपलब्धि (समर्थित संख्या में)

-2डब्ल्यू

14,35,065

-3डब्ल्यू

1,65,029

-4डब्ल्यू

22,644

-बसें

तैनात -5,165
(6,862 -
प्रतिबद्ध)

ईवीपीसीएस

8,885 (स्थापित)

 

3. पीएम -ड्राइव योजना: 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 29.09.2024 को अधिसूचित, इस योजना का उद्देश्य -2डब्ल्यू, -3डब्ल्यू, -एम्बुलेंस, -ट्रक और -बसों सहित 28.00 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करना है। पर्याप्त ईवी चार्जिंग अवसंरचना स्थापित करने के लिए इस योजना के अंगर्गत 2,000 करोड़ रुपये का आवंटन भी किया गया है। इसके अलावा, इस योजना के अंतर्गत परीक्षण एजेंसियों के उन्नयन के लिए 780 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिससे ईवी क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। 27/07/2025 तक इस योजना के अंगर्गत बेचे गए इलेक्ट्रिक वाहनों की स्थिति निम्न प्रकार से है: -

घटक

27/07/25 तक उपलब्धि (समर्थित संख्या में)

  -2डब्ल्यू

13,82,947

 -3डब्ल्यू: -रिक्शा/-कार्ट

3,430

  -3डब्ल्यू: एल-5

1,87,881

  कुल

15,74,258

 

4. पीएलआई ऑटो: 31.03.2025 तक योजना का प्रदर्शन नीचे दर्शाया गया है:

पैरामीटर

5 वर्षों के लिए प्रक्षेपित

मार्च 2025 तक वास्तविक (संचयी)

निवेश

42,500 करोड़ रुपये

29,576 करोड़ रुपये

वृद्धिशील बिक्री

(आधार वर्ष वित्त वर्ष 2019-20)

2,31,500 करोड़ रुपये

19,753 करोड़ रुपये

रोज़गार

1,48,147

44,987

प्रोत्साहन संवितरण

25,938 करोड़ रुपये

322 करोड़ रुपये

 

5. उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) एसीसी: भारत सरकार ने मई 2021 में 50 गीगावाट घंटा एसीसी क्षमता के लिए 18,100 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पीएलआई-एसीसी योजना "उन्नत रसायन सैल (एसीसी) बैटरी भंडारण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम" को स्वीकृति दी है। पीएलआई एसीसी लाभार्थियों में से एक, मेसर्स ओला सैल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड ने सीमित उत्पादन क्षमता के साथ 1 गीगावाट घंटा एसीसी क्षमता की स्थापना की पुष्टि की है। लाभार्थी फर्मों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस योजना ने 30.06.2025 तक 2,145 करोड़ रुपये का निवेश और 1,007 लोगों को रोजगार प्रदान किया है।

6. एसपीएमईपीसीआई: भारत सरकार ने अधिसूचना एसओ संख्या 1363 () दिनांक 15.03.2024 के अंतर्गत भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को प्रोत्साहन देने की योजना (एसपीएमईपीसीआई) को स्वीकृति दी और अधिसूचित किया है। वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने 15/03/2024 को अधिसूचना जारी की, जिसमें योजना के अनुरूप इलेक्ट्रिक यात्री कारों के सीबीयू के आयात पर कम सीमा शुल्क की रूपरेखा दी गई। इस योजना का उद्देश्य वैश्विक ईवी निर्माताओं से निवेश आकर्षित करने और भारत को -वाहनों के विनिर्माण स्थल के रूप में प्रोत्साहन देने में सहायता करना है। यह योजना भारत को ईवी के विनिर्माण के लिए वैश्विक मानचित्र पर लाने, रोजगार पैदा करने और "मेक इन इंडिया" के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी सहायता करेगी। भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को प्रोत्साहन देने की योजना (एसपीएमईपीसीआई) के विस्तृत दिशानिर्देश 02.06.2025 को अधिसूचित किए गए हैं। एसपीएमईपीसीआई के लिए आवेदन 21.10.2025 तक किए जा सकते हैं।

7. पीएम -बस सेवा- भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना : इस योजना को राजपत्र अधिसूचना संख्या एसओ 4711() के माध्यम से 28 अक्टूबर, 2024 को अधिसूचित किया गया है। इसका कुल परिव्यय 3,435.33 करोड़ रुपये है। यह योजना देश में 38,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती में सहायता करेगी।

इस योजना का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों (पीटीए) द्वारा इलेक्ट्रिक बसों के संचालन हेतु चयनित बोलीदाताओं/संचालकों/ओईएम को उनके मासिक भुगतान दायित्वों का समय पर भुगतान करने की स्थिति में भुगतान सुरक्षा प्रदान करना है। इसके अतिरिक्त, यह निधि क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण पहलों को समर्थन प्रदान करेगी तथा इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को अनुकूलित करने के लिए पीटीए द्वारा नवीन तकनीकों को अपनाने को प्रोत्साहन देगी।

भारी उद्योग एवं इस्पात राज्य मंत्री श्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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(Release ID: 2151517)
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