संस्कृति मंत्रालय
सांस्कृतिक धरोहर का प्रोत्साहन एवं संरक्षण
Posted On:
31 JUL 2025 4:05PM by PIB Delhi
संस्कृति मंत्रालय विभिन्न पहलों के माध्यम से भारतीय कला, स्मारकों और सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण, डिजिटलीकरण और वैश्विक प्रोत्साहन में सक्रिय रूप से लगा हुआ है।
संस्कृति मंत्रालय वैश्विक जुड़ाव योजना के माध्यम से भारतीय लोक कलाओं और सांस्कृतिक परंपराओं को विदेशों में बढ़ावा देता है। इस योजना के तहत अन्य देशों में भारत के महोत्सव आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोक कला और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे प्रदर्शनियाँ, नृत्य, संगीत, रंगमंच, फ़ूड फ़ेस्ट, फ़िल्म फ़ेस्ट, योग आदि शामिल होते हैं। संस्कृति मंत्रालय के साथ सूचीबद्ध कलाकारों को विदेशों में भारत के महोत्सव में प्रदर्शन करने के लिए प्रायोजित किया जाता है। इसके अतिरिक्त, इंडो-विदेशी मैत्री सांस्कृतिक समितियों को अन्य देशों में लोक कला और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों सहित कार्यक्रमों और गतिविधियों के आयोजन के लिए अनुदान-सहायता जारी की जाती है।
संगीत नाटक अकादमी (एसएनए), संस्कृति मंत्रालय, पूरे देश में विभिन्न फेस्टिवलों का आयोजन करती है व परफार्मिंग आर्ट में अनुसंधान, डाक्यूमेंटेशन और प्रकाशन के लिए अनुदान सहायता प्रदान करती है। अकादमी विषय विशेषज्ञों की सेमिनार और कॉन्फ्रेंस का आयोजन करती है और उन्हें सब्सिडी भी देती है। साथ ही, यह अपने ऑडियो-विजुअल संग्रह के लिए प्रदर्शन कलाओं का प्रलेखन और रिकॉर्डिंग भी करती है। अकादमी अपने सभी कार्यक्रमों को ऑडियो/वीडियो और तस्वीरों के रूप में दर्ज करती है, और यह सारी सामग्री अकादमी के अभिलेखागार में सुरक्षित रखी जाती है।
केरल में भारत के संस्कृत रंगमंच के अवशेषों को संरक्षित और बढ़ावा देने के प्रयास में, SNA ने 1990-91 में कुटियाट्टम परियोजना शुरू की। इस परियोजना ने इस क्षेत्र में मौजूद मुट्ठी भर संस्थाओं और कलाकारों को नियमित सहायता प्रदान की, जिसमें प्रशिक्षण और नियमित प्रदर्शनों के लिए धन, रखरखाव आदि शामिल थे।
तिरुवनंतपुरम में कुटियाट्टम केंद्र, कुटियाट्टम के समर्थन में अकादमी की परियोजना का एक तार्किक विकास है। इसे 'कुटियाट्टम के लिए एक केंद्र' के रूप में स्थापित किया गया है, जिसका उद्देश्य इस शास्त्रीय संस्कृत रंगमंच के पूरे क्षेत्र को सहायता प्रदान करना है।
एसएनए कथकली, मोहिनीअट्टम, थेय्यम और केरल के अन्य कला रूपों के कलाकारों को अपने विभिन्न त्योहारों में प्रस्तुतियाँ देने के लिए आमंत्रित करना जारी रखती है और अपनी विभिन्न योजनाओं के तहत इन सभी कला रूपों के प्रचार और संरक्षण के लिए सहायता प्रदान करती है।
जहाँ तक धरोहर स्थलों के संरक्षण और संवर्धन का सवाल है, संस्कृति मंत्रालय के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) संरक्षित स्मारकों के संरक्षण और रखरखाव का कार्य करता है।
यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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पीके/ एके / केसी
(Release ID: 2150914)