गृह मंत्रालय
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नए आपराधिक कानूनों में पीड़ित केंद्रित बदलाव

Posted On: 30 JUL 2025 5:34PM by PIB Delhi

भारतीय न्याय संहिता, 2023 में पहली बार महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध से संबंधित प्रावधानों को प्राथमिकता दी गई है और उन्हें एक अध्याय के अंतर्गत रखा गया है। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के लिए मृत्युदंड तक की कड़ी सज़ा का प्रावधान किया गया है। 18 वर्ष से कम उम्र की महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के लिए आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है। विवाह, रोजगार, पदोन्नति जैसे झूठे वादे करके या अपनी पहचान छिपाकर यौन संबंध बनाने को भी अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है। इसके अलावा, भारतीय न्याय संहिता, 2023 में मानव तस्करी के अपराध और मानव तस्करी के शिकार बच्चों के यौन शोषण के लिए आजीवन कारावास तक की कठोर सजा का प्रावधान है। बच्चों की तस्करी जैसे अपराधों में कम से कम 10 वर्ष के कारावास जैसे दंड शामिल हैं, जिसे आजीवन कारावास और जुर्माने तक बढ़ाया जा सकता है। 'भिक्षावृत्ति' को तस्करी के लिए शोषण के एक रूप के रूप में प्रस्तुत किया गया है और यह भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 143 के तहत दंडनीय है। किसी अपराध को करने के लिए बच्चे को काम पर रखने या नियुक्त करने के कार्य को भी दंडनीय बना दिया गया है। नये आपराधिक कानूनों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा से संबंधित मुख्य प्रावधान अनुलग्नक-II में दिए गए हैं।

अनुलग्नक देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यह जानकारी गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री बंङी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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पीके/एके/केसी/डीवी


(Release ID: 2150401)
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