कोयला मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

खदान से प्राप्त उपचारित जल का इस्तेमाल

Posted On: 30 JUL 2025 3:55PM by PIB Delhi

कोयला मंत्रालय, अपने कोयला और लिग्नाइट सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू), अर्थात् कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल), और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के माध्यम से प्रासंगिक पर्यावरण और जल संरक्षण दिशानिर्देशों के अनुरूप, पीने, सिंचाई और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए खदान से प्राप्त उपचारित जल के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहा है। लाभकारी उपयोग के लिए उपचारित खदान जल की गुणवत्ता पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986, जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के प्रावधानों और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (एसपीसीबी) द्वारा जारी निर्देशों द्वारा निर्देशित होती है। इसके अतिरिक्त कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक उपक्रमों ने विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपचारित खदान जल के सुरक्षित और प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए अपनी स्वयं की मानक संचालन प्रक्रियाएं तैयार की हैं।

यह सुनिश्चित करने हेतु कि पेयजल के लिए आपूर्ति किया जाने वाला उपचारित खदान जल स्वास्थ्य एवं सुरक्षा मानकों के अनुरूप है, विभिन्न गुणवत्ता नियंत्रण उपाय किए जाते हैं, जिनमें भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस आईएस 10500:2012), केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) और अन्य लागू मानकों द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं द्वारा समय-समय पर उपचारित खदान जल का परीक्षण शामिल है। आपूर्ति से पहले अवसादन, निस्पंदन और कीटाणुशोधन जैसी पर्याप्त उपचार प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं।

सभी कोयला और लिग्नाइट खनन राज्यों में खदान जल प्रबंधन पहलों का विस्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने घरेलू, सिंचाई और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए अधिशेष खदान जल के लाभकारी उपयोग हेतु परियोजनाएं शुरू की हैं।

केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में आज यह जानकारी दी।

***

पीके/एके/केसी/केएल/एचबी


(Release ID: 2150195)
Read this release in: English , Urdu , Telugu