पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने डॉ. भूपेन हजारिका के घर जाकर उनकी महान विरासत को श्रद्धांजलि अर्पित की
“भूपेन दा का कार्य असम के लोगों के लिए आशा और गौरव की किरण बना हुआ है। उनकी विरासत असम के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के लिए एक मार्गदर्शक शक्ति है। वैश्विक मंच पर असमिया पहचान के हमारे सफर को जारी रखने के लिए भूपेन दा की विरासत को युवाओं तक पहुँचाना है” : श्री सर्बानंद सोनोवाल
Posted On:
26 JUL 2025 8:37PM by PIB Delhi
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री (MoPSW) श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज गुवाहाटी स्थित डॉ. भूपेन हज़ारिका के प्रतिष्ठित आवास का दौरा किया और महान संगीत सम्राट डॉ. भूपेन हज़ारिका को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस यात्रा के दौरान हज़ारिका परिवार के सदस्यों के साथ एक भावनात्मक बातचीत हुई और उनके घर का एक दौरा भी हुआ, जो अब ब्रह्मपुत्र के कवि के जीवन और विरासत के प्रति एक जीवंत श्रद्धांजलि है।
इस यात्रा के दौरान, श्री सोनोवाल का स्वागत डॉ. हजारिका के छोटे भाई समर हजारिका और उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने किया। उन्होंने मंत्री महोदय को आवास के विभिन्न कमरों में घुमाया, जहां उनके गायक, कवि, संगीतकार और मानवतावादी जीवन की यात्रा को दर्शाने वाली व्यक्तिगत स्मृतियां, वाद्ययंत्र, पुस्तकें और तस्वीरें प्रदर्शित हैं।
यात्रा के बाद पत्रकारों से बात करते हुए श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, "भूपेन दा का कार्य असम के लोगों के लिए आशा और गौरव की किरण बना हुआ है। उनके गीत आज भी एकता, करुणा और मानवता के मूल्यों की प्रतिध्वनि करते हैं - ये ऐसे मूल्य हैं जो हर असमिया के दिल के करीब हैं।"
श्री सोनोवाल ने डॉ. हजारिका की विरासत को आज के युवाओं तक पहुंचाने के महत्व पर ज़ोर दिया और कहा, "यह ज़रूरी है कि भूपेन दा की कालजयी रचनाएं नई पीढ़ियों तक पहुँचें। उनका संगीत और संदेश आज भी प्रासंगिक हैं और युवाओं को मानवता, सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक गौरव को अपनाने के लिए गहराई से प्रेरित कर सकते हैं। उन्होंने हमें दिखाया कि कला परिवर्तन का एक सशक्त माध्यम हो सकती है और हमारी युवा पीढ़ी को उस दृष्टिकोण को अपनाना चाहिए।"
सोनोवाल ने डॉ. हज़ारिका की जयंती के शताब्दी वर्ष को वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों के साथ मनाने की असम सरकार की योजना पर भी प्रकाश डाला, जो उनके कलात्मक और सांस्कृतिक योगदान को दर्शाते हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी इस शताब्दी समारोह में भाग लेंगे, जो डॉ. हज़ारिका की विरासत के राष्ट्रीय और वैश्विक महत्व को रेखांकित करता है।
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, "भूपेन दा के संगीत में असमिया समाज को एक शक्तिशाली सांस्कृतिक शक्ति के रूप में एकजुट करने की शक्ति है। इसी एकता और गौरव के माध्यम से हम असमिया पहचान को वैश्विक मंच पर उसके उचित स्थान पर पहुँचा सकते हैं। डॉ. हज़ारिका के घर का रूपांतरण शांति और श्रद्धा के एक पवित्र स्थान के रूप में उभरा है, एक ऐसा स्थान जहाँ कोई उनकी स्थायी उपस्थिति को महसूस कर सकता है और उनके असाधारण जीवन और विरासत के विविध पहलुओं को देख सकता है। यह महान व्यक्तित्व डॉ. भूपेन हज़ारिका की शाश्वत भावना से चिंतन, शिक्षा और प्रेरणा का अवसर प्रदान करता है।"
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पीके/एके/केसी/वीएस
(Release ID: 2148981)