वस्त्र मंत्रालय
ग्रामीण क्षेत्रों में हथकरघा और हस्तशिल्प का विकास
Posted On:
25 JUL 2025 1:53PM by PIB Delhi
भारत सरकार का वस्त्र मंत्रालय ग्रामीण क्षेत्रों सहित पूरे देश में हथकरघा और हस्तशिल्प के विकास के लिए निम्नलिखित योजनाएं क्रियान्वित कर रहा है:
- राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम;
- कच्चा माल आपूर्ति योजना;
- राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम;
- व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास योजना;
उपरोक्त योजनाओं के अंतर्गत कच्चे माल, करघे, सहायक उपकरण और टूलकिट की खरीद, डिजाइन नवाचार, उत्पाद विविधीकरण, बुनियादी ढांचे के विकास, घरेलू और विदेशी बाजारों में हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के विपणन, रियायती दरों पर ऋण आदि के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
वस्त्र मंत्रालय द्वारा इन क्षेत्रों में कार्यान्वित योजनाओं में, राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के अनुसार बजट आवंटित नहीं किया जाता है। पात्र हथकरघा एजेंसियों को संबंधित योजनाओं के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार व्यवहार्य प्रस्ताव प्राप्त होने पर विभिन्न क्रियाकलापों के लिए धनराशि जारी की जाती है। पिछले पांच वर्षों के दौरान इन योजनाओं के अंतर्गत जारी की गई और उपयोग की गई धनराशि का विवरण इस प्रकार है:
(करोड़ रुपये में)
वर्ष
|
जारी/उपयोग की गई धनराशि
|
2020-21
|
392.98
|
2021-22
|
651.86
|
2022-23
|
428.60
|
2023-24
|
465.85
|
2024-25
|
486.35
|
पिछले पांच वर्षों के दौरान हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र की योजनाओं के अंतर्गत महिला बुनकरों/कारीगरों सहित लाभार्थियों की राज्यवार संख्या का विवरण नीचे दिया गया है।
वस्त्र मंत्रालय की ओर से अनुसूचित जनजाति समुदायों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें अपने व्यवसाय को बनाए रखने और आगे बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है। देश भर के अनुसूचित जनजाति बुनकरों/कारीगरों को प्रदान किए जाने वाले कुछ लाभ इस प्रकार हैं:
- हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र की योजनाओं के अंतर्गत उन कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जाती है जिनमें महिला/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के बुनकर/कारीगर शामिल हों।
- राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत वर्क शेड के निर्माण के लिए बीपीएल/ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिला/ट्रांसजेंडर/दिव्यांग बुनकरों को शत-प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है।
पिछले पांच वर्षों के दौरान हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र की योजनाओं के अंतर्गत महिलाओं सहित बुनकरों/कारीगरों की राज्यवार संख्या
क्र.सं.
|
राज्य
|
लाभान्वित बुनकर
|
लाभान्वित कारीगर
|
-
|
आंध्र प्रदेश
|
85,201
|
17,597
|
-
|
अरुणाचल प्रदेश
|
1,356
|
2,500
|
-
|
असम
|
46,120
|
21,163
|
-
|
बिहार
|
5,968
|
15,111
|
-
|
छत्तीसगढ
|
7,509
|
4,530
|
-
|
दिल्ली
|
172
|
12,965
|
-
|
गोवा
|
27
|
2,120
|
-
|
गुजरात
|
3,192
|
29,977
|
-
|
हरियाणा
|
3,514
|
7,435
|
-
|
हिमाचल प्रदेश
|
2,319
|
15,136
|
-
|
जम्मू-कश्मीर
|
4,551
|
24,987
|
-
|
झारखंड
|
5,713
|
9,674
|
-
|
कर्नाटक
|
25,440
|
12,894
|
-
|
केरल
|
17,140
|
10,331
|
-
|
मध्य प्रदेश
|
4,657
|
42,740
|
-
|
महाराष्ट्र
|
4,515
|
18,996
|
-
|
मणिपुर
|
30,009
|
15,193
|
-
|
मेघालय
|
494
|
4,426
|
-
|
मिजोरम
|
2,617
|
2,350
|
-
|
नगालैंड
|
1,073
|
4,730
|
-
|
ओडिशा
|
34,538
|
16,210
|
-
|
पुडुचेरी
|
1,520
|
4,460
|
-
|
पंजाब
|
567
|
9,310
|
-
|
राजस्थान
|
1,465
|
29,992
|
-
|
सिक्किम
|
81
|
2,310
|
-
|
तमिलनाडु
|
1,25,463
|
13,806
|
-
|
तेलंगाना
|
44,871
|
8,984
|
-
|
त्रिपुरा
|
1,749
|
16,230
|
-
|
उत्तर प्रदेश
|
1,20,818
|
1,04,054
|
-
|
उत्तराखंड
|
5,302
|
8,315
|
-
|
पश्चिम बंगाल
|
55,964
|
14,531
|
-
|
अखिल भारतीय (गैर-राज्य विशिष्ट)
|
1,060
|
7,263
|
कुल
|
6,44,985
|
5,10,320
|
इसके अलावा, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में 1,810 कारीगर, चंडीगढ़ में 750, दमन और दीव में 50 तथा लद्दाख में 3,264 कारीगर लाभान्वित हुए।
नोट: हथकरघा बुनकर महिलाओं की संख्या 71 प्रतिशत और महिला कारीगरों की संख्या 64 प्रतिशत हैं, इसलिए अधिकतम लाभ महिला बुनकरों/कारीगरों को दिया जा रहा है।
केन्द्रीय कपड़ा मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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(Release ID: 2148363)
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