पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
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उत्तर प्रदेश में अंतर्देशीय जल परिवहन विकास

Posted On: 25 JUL 2025 1:30PM by PIB Delhi

भारतीय अन्तर्देशीय जल परिवहन प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) द्वारा अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) विकास के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में स्वीकृत परियोजनाओं का विवरण, उनकी स्थिति और आर्थिक प्रभाव नीचे दिया गया है। आर्थिक प्रभाव में परिवहन के पूरक साधनों का निर्माण, रसद लागत में कमी, नदी पर्यटन को बढ़ावा और कार्बन उत्सर्जन में कमी शामिल है।

उत्तर प्रदेश में आईडब्ल्यूटी  परियोजनाए

उत्तर प्रदेश में पूरी हुई परियोजनाए

क्रम सं.

उप परियोजना का नाम

लागत (करोड़ रुपये में)

1.

वाराणसी में बहुआयामी टर्मिनल का विकास

182.33

2.

उत्तर प्रदेश में वाराणसी, चंदौली, गाज़ीपुर और बलिया में 11 सामुदायिक घाटों का विकास

17

3

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में एनडब्ल्यू -40 (घाघरा नदी) पर 2 जेटियां स्थापित की गईं

4

4

वाराणसी और अयोध्या में 2 इलेक्ट्रिक कैटामारन तैनात किए गए

25.6

5

वाराणसी में 1 हाइड्रोजन ईंधन सेल पोत

22.62

 

कुल योग

251.55

 

उत्तर प्रदेश में चल रही परियोजनाएं

क्रम सं.

उप परियोजना का नाम

लागत (करोड़ रुपये में)

1.

फेयरवे विकास मझौवा-गाजीपुर

78.64

2

उत्तर प्रदेश के बलिया और गाज़ीपुर में 4 स्टील सामुदायिक घाटों का विकास

7.82

3

ग़ाज़ीपुर से वाराणसी, उत्तर प्रदेश तक फ़ेयरवे विकास

102.98

4.

मथुरा में यमुना नदी पर आईडब्ल्यूटी जेटी का विकास (6 स्थापित; 2 का कार्य प्रगति पर)

12.00

5.

अयोध्या और मथुरा परियोजनाएं - मात्रा आधारित ड्रेजिंग

गुप्तारघाट (एनडब्ल्यू-40) और नयाघाट और जुगल किशोर के बीच

घाट– गोकुल बैराज (एनडब्ल्यू -110)

8.45

6.

वाराणसी में रिवर क्रूज़ टर्मिनल का विकास

200

7.

वाराणसी में क्षेत्रीय उत्कृष्टता केंद्र का विकास

150

8.

जहाज मरम्मत सुविधा का विकास

50

 

अंतर्देशीय जल परिवहन में प्रमुख चुनौती फेयरवे और टर्मिनल अवसंरचना की उपलब्धता से संबंधित है, जिसका समाधान सरकार द्वारा ड्रेजिंग/बैंडलिंग और जेटी के निर्माण के माध्यम से किया गया है।

आईडब्ल्यूएआई ने वाराणसी मल्टी-मॉडल टर्मिनल से सटे एक लॉजिस्टिक्स हब यानी फ्रेट विलेज के विकास के लिए उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में 75 एकड़ ज़मीन का अधिग्रहण किया है। यह फ्रेट विलेज लॉजिस्टिक्स और संबद्ध क्षेत्रों में रोज़गार सृजन, बेहतर भंडारण और परिवहन के माध्यम से स्थानीय एमएसएमई और किसानों को सहायता और शहर की सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने जैसे कई लाभ प्रदान करेगा।

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने यह जानकारी लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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(Release ID: 2148357)
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