स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री, श्रीमती अनुप्रिया पटेल लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के वार्षिक दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं
श्रीमती पटेल ने कहा, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध रहा है और राष्ट्र के विकास में उसका उल्लेखनीय योगदान है
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने कहा, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की भविष्य दृष्टि है क्योंकि हम केवल विकासशील राष्ट्र की पहचान के साथ नहीं रह सकते। इस लक्ष्य को पाने में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा, क्योंकि एक स्वस्थ राष्ट्र ही वास्तव में एक विकसित राष्ट्र बन सकता है
स्वस्थ भारत और सभी के लिए स्वास्थ्य केवल नारे नहीं, बल्कि सरकार की प्रतिबद्धता, साझा दृष्टिकोण तथा सभी हितधारकों का सामूहिक एजेंडा है। स्वास्थ्य में निवेश विकसित भारत के लिए सबसे बड़े निवेशों में से एक है
डॉ. वी. के. पॉल ने राष्ट्रीय एंटीबायोटिक प्रबंधन का आग्रह किया, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से स्वास्थ्य सेवा उत्कृष्टता के क्षेत्र में नेतृत्व करने और विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने का आह्वान किया
Posted On:
24 JUL 2025 4:05PM by PIB Delhi
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल आज दिल्ली में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज) के वार्षिक दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल सम्मानित अतिथि और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सुनीता शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।

श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि एक संस्थान के रूप में, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध रहा है और राष्ट्र के विकास में उसका अभूतपूर्व योगदान है। उन्होंने कहा कि लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज देश के सबसे पुराने चिकित्सा संस्थानों में से एक होने के कारण विशिष्ट है, जो कनॉट प्लेस, संसद भवन और राष्ट्रपति भवन जैसे ऐतिहासिक स्थलों से भी पुराना है। पिछले 110 वर्षों में, कॉलेज काफी विकसित हुआ है और आज लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज परिसर पुरानी इमारत और नए भवनों का अनूठा मिश्रण है।

श्रीमती पटेल ने इस बात को रेखांकित किया कि लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज ने महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित अपनी विशिष्ट पहचान बनाए रखी है, जिसमें एमबीबीएस में छात्राओं को प्रवेश दिया जाता है और स्नातकोत्तर तथा विशिष्ट पाठ्यक्रमों में लैंगिक समानता रखी जाती है। लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज प्रतिवर्ष 240 छात्राओं को स्नातक उपाधि और लगभग 200 डॉक्टरों को विशिष्ट उपाधि प्रदान करता है, जिससे यह देश और दुनिया को ऐसे कुशल और सक्षम डॉक्टर दे रहा है जो अगली आधी सदी तक स्वास्थ्य सेवा को आयाम देते रहेंगे।
श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने मेडिकल छात्राओं को संबोधित करते हुए, कहा कि उन्होंने कोविड-19 महामारी के सबसे कठिन दौर में काम किया है, जो उन्हें जीवन की वास्तविक चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा और उनके व्यक्तिगत विकास में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि यह समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सा पेशा विशेषाधिकार और उत्तरदायितव का अनूठा मिश्रण है क्योंकि समाज में डॉक्टरों को बहुत सम्मान दिया जाता है और वे अपने पेशेवर जीवन में उच्चतम नैतिक मूल्य के साथ समाज के वंचित लोगों की सेवा की जिम्मेदारी निभाते हैं। उन्होंने छात्राओं से कहा कि संस्थान से जिन मूल्यों के साथ वे आगे बढ़ेंगी वही उन्हें करूणामयी चिकित्सक बनने में मदद करेंगे। श्रीमती पटेल ने उत्तीर्ण विद्यार्थियों के अभिभावकों, शिक्षकों और उनके लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त करने में योगदान देने वाले सभी लोगों को बधाई दी।

श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने ज़ोर देकर कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की भविष्य दृष्टि है क्योंकि हम केवल विकासशील राष्ट्र की पहचान के साथ नहीं रह सकते। इस लक्ष्य को पाने में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा, क्योंकि एक स्वस्थ राष्ट्र ही वास्तव में एक विकसित राष्ट्र हो सकता है।
श्रीमती पटेल ने सभी छात्राओं से देश के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य और पिछले 11 वर्षों में हुए बदलावों के बारे में जानने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रथम और सबसे महत्वपूर्ण कदम 2017 में एक नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति का आरंभ होना है जो दुनिया में विकसित हो रहे स्वास्थ्य सेवा के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि सरकार का स्वास्थ्य के प्रति व्यापक दृष्टिकोण है जो उपचारात्मक और निवारक के साथ ही प्रोत्साहनात्मक, उपशामक और पुनर्वासात्मक भी है, जिसमें निवारक सबसे महत्वपूर्ण है।
सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए श्रीमती पटेल ने कहा कि 140 करोड़ की जनसंख्या वाले भारत जैसे विशाल देश में सरकार सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के अथक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि दृढ़ राजनीतिक प्रतिबद्धता, बढ़े वित्त पोषण, सही नीति और सही रणनीति के साथ, स्वास्थ्य पर सरकार का व्यय बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 2 प्रतिशत हो गया है और हम निरंतर राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में उल्लिखित 2.5 प्रतिशत व्यय के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
श्रीमती पटेल ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि सरकार आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता और स्वच्छ रसोई ईंधन की उपलब्धता जैसे सभी सामाजिक संकेतकों में सुधार कर रही है क्योंकि इन सभी का बेहतर स्वास्थ्य में योगदान है। उन्होंने देश में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे की बड़ी खामियों को दूर कर रही है और देश के दुर्गम क्षेत्रों में भी विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध करा रही है। हम विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिशों के अनुरूप डॉक्टर और लोगों के बीच अनुपात सुनिश्चित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा में क्रांतिकारी बदलाव आया है; अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स की संख्या सात से बढ़ाकर 23 हो गई है और बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए डिजिटल समाधान अपनाए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच, उपलब्धता और गुणवत्ता में सुधार की सरकार की पहल का उल्लेख करते हुए श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है जो कुल आबादी के 40 प्रतिशत, 55 करोड़ लोगों, अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों और 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करती है। इसके अलावा जन औषधि केंद्रों द्वारा रियायती दरों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। सरकार की इन सभी पहल से लोगों के स्वास्थ्य सेवा पर होने वाले खर्च में काफी कमी आई है। श्रीमती पटेल ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत द्वारा किए गए त्वरित और सुदृढ़ उपायों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत ने सबसे तेज़ और सबसे व्यापक टीकाकरण अभियान द्वारा 220 करोड़ से अधिक कोविड टीके लगाकर एक मिसाल कायम की।
उन्होंने कहा कि स्वस्थ भारत और सभी के लिए स्वास्थ्य केवल नारे भर नहीं हैं, बल्कि यह सरकार की प्रतिबद्धता, साझा दृष्टिकोण और सभी हितधारकों का सामूहिक एजेंडा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य में निवेश विकसित भारत के लिए सबसे बड़े निवेशों में से एक है।
श्रीमती पटेल ने छात्राओं से देश को आगामी स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए तैयार करने हेतु चिकित्सा अनुसंधान में शामिल होने, स्वास्थ्य सेवा तक लोगों की पहुंच बढ़ाने हेतु डिजिटल तकनीक और नवाचार अपनाने जैसे विभिन्न माध्यमों से बदलाव का वाहक बनने का आह्वान किया। उन्होंने उत्तीर्ण छात्राओं को भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उनसे लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की विरासत को आगे बढ़ाने, राष्ट्र की विशिष्ट सेवा करने, विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने तथा करूणामयी चिकित्सक बनने को कहा।
समारोह को संबोधित करते हुए, डॉ. विनोद के. पॉल ने कहा कि यह हमारे छात्राओं, उनके गौरवान्वित माता-पिता और समर्पित शिक्षकों के जीवन का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन विद्यार्थी से डॉक्टर बनने और स्नातक से स्नातकोत्तर बनने के एक बड़े बदलाव का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि एमबीबीएस स्नातकों के लिए मानवता और राष्ट्र दोनों की सेवा करने का यह पहला अवसर है। यह उत्तरदायित्व, वादे और गर्व से भरा क्षण है।

डॉ. पॉल ने एंटीबायोटिक दवाओं के विवेकपूर्ण इस्तेमाल पर एंटीबायोटिक नीति और दिशानिर्देश जारी करने के संस्थान के कदम की सराहना की और कहा कि विभिन्न विभागों के बीच आम सहमति बनाने की चुनौती को देखते हुए यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि रोगाणुरोधी प्रबंधन कार्यक्रमों का कार्यान्वयन और एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल पर नज़र रखना आवश्यक है। डॉ. पॉल ने कहा कि एंटीबायोटिक दवाओं को निर्धारित करने के लिए श्रेणीबद्ध नियंत्रण से हम इसका अधिक विवेकपूर्ण, ज़िम्मेदार और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए सख्त उपाय वैकल्पिक नहीं, बल्कि आवश्यक हैं। डॉ. पॉल ने कहा कि वे सभी चिकित्सा संस्थानों से रोगाणुरोधी प्रबंधन अपनाने का आग्रह करते हैं और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज को इस प्रयास में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अपनी विरासत और विशेषज्ञता के साथ लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की इस क्षेत्र में राष्ट्रीय मानक स्थापित करने की क्षमता है।
डॉ. पॉल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री की 2047 तक विकसित भारत के निर्माण की भविष्य दृष्टि साकार करने में इस पीढ़ी की विशेष ज़िम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत की राह में जीवन प्रत्याशा में सुधार, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में कमी और लोक केंद्रित, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करना शामिल है।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सुनीता शर्मा ने कहा कि यह उनके लिए गर्व का क्षण है क्योंकि उन्होंने लगभग तीन दशकों तक इसी संस्थान में शिक्षा दी है और अब इस दीक्षांत समारोह में अपने पढ़ाए गए विद्यार्थियों को उपाधि प्राप्त करते देख रही हैं। उन्होंने सभी डॉक्टरों को बधाई दी और उनसे दृढ़ चरित्र, पूर्ण विश्वास, प्रतिबद्धता, साहस और शिष्टाचार के साथ आगे बढ़कर राष्ट्र की सेवा करने का आह्वान किया।

दीक्षांत समारोह में 600 से अधिक विद्यार्थियों ने एमबीबीएस, एमडी, एमएस, एमडीएस और डीएम/एमसीएच की उपाधि प्राप्त की। इस अवसर पर लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की 2024 की वार्षिक रिपोर्ट और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की एंटीबायोटिक्स नीति का भी विमोचन किया गया।


इस आयोजन में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की निदेशक डॉ. सरिता बेरी, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. अंजू सेठ, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय सरकारी अस्पतालों और दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के मेडिकल संस्थानों के प्रमुख उपस्थित थे।
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(Release ID: 2147942)