रक्षा मंत्रालय
विरासत, सुरक्षा और वर्ष 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ‘भारत के समुद्री दृष्टिकोण' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का नई दिल्ली में आयोजन किया जाएगा
Posted On:
23 JUL 2025 8:46PM by PIB Delhi
एकीकृत रक्षा स्टाफ के अंतर्गत त्रि-सेवा थिंक-टैंक, संयुक्त युद्ध अध्ययन केंद्र 24 से 25 जुलाई, 2025 को नई दिल्ली में 'भारत के समुद्री दृष्टिकोण' पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम का आयोजन मौलाना अबुल कलाम आज़ाद एशियाई अध्ययन संस्थान, संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है।
यह संगोष्ठी 'संपूर्ण राष्ट्र' दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो भारत के उभरते समुद्री परिदृश्य का अन्वेषण करने के लिए रणनीतिक, सांस्कृतिक और विकासात्मक हितधारकों को एक साथ एक मंच पर लाती है। यह आयोजन रक्षा, कूटनीति, शिक्षा, उद्योग और सांस्कृतिक संस्थानों के सामंजस्य को दर्शाता है, जो एक व्यापक राष्ट्रीय शक्ति के निर्माण का एक उदाहरण है।
यह संगोष्ठी भारत की प्राचीन समुद्री परंपराओं और ऐतिहासिक बंदरगाह नेटवर्क से लेकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समकालीन समुद्री चुनौतियों और अवसरों तक की समुद्री यात्रा का अन्वेषण करने के लिए आयोजित की गई है। संगोष्ठी के दौरान आयोजित सत्रों में रणनीतिक संपर्क, समुद्री सुरक्षा, आर्थिक संबंध, नीली अर्थव्यवस्था और भारत के भविष्य को आकार देने में तटीय बुनियादी ढांचे और शासन की भूमिका पर गहन चर्चा की जाएगी।
इस कार्यक्रम में वक्ताओं और प्रतिभागियों का एक प्रतिष्ठित पैनल शामिल होगा, जिसमें भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के वरिष्ठ सेवारत अधिकारी; प्रमुख विश्वविद्यालयों और समुद्री अनुसंधान संस्थानों के विद्वान; नौवहन और बंदरगाह अवसंरचना क्षेत्रों के प्रतिनिधि; थिंक टैंक, नीति निकायों और रणनीतिक मामलों के संस्थानों के विशेषज्ञ और सांस्कृतिक इतिहासकार एवं व्यवसायी शामिल होंगे।
यह संगोष्ठी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित 2047 तक विकसित भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रत्यक्ष योगदान देती है। अपनी स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक एक वैश्विक समुद्री महाशक्ति बनने की भारत की आकांक्षा एकीकृत सोच, सतत नीतिगत जुड़ाव और नागरिक-सैन्य-शैक्षणिक सहयोग पर निर्भर करती है।
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(Release ID: 2147699)