रेल मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

बिहार के रेल बजट में ऐतिहासिक वृद्धि : 11 वर्षों में 9 गुना वृद्धि :  अश्विनी वैष्णव


बिहार में रेलवे विकास में बड़ा बदलाव : बुनियादी ढांचे, संपर्क और सेवाओं में प्रमुख बढ़ावा

बिहार में 52 रेलवे परियोजनाएं के लिए 86,107 करोड़ रुपये की मंजूरी;  प्रमुख नदी पुल - हाल ही में मुंगेर, पटना और कोसी परियोजना पूरी हुई

शिवहर-सीतामढ़ी रेल परियोजना में गति तीव्र

देश भर में चालू 144 में से 20 वंदे भारत ट्रेनें बिहार में और भारत में 14 अमृत भारत एक्सप्रेस सेवाओं में से 10 बिहार को सेवाएं दे रही हैं

2014-25 के दौरान 558 आरओबी/आरयूबी पूरे हुए; इसके अलावा, बिहार में 6,014 करोड़ रुपये की लागत से 218 आरओबी/आरयूबी मंजूर

Posted On: 23 JUL 2025 4:48PM by PIB Delhi

बिहार राज्य में पूर्णतः/आंशिक रूप से आने वाली अवसंरचना परियोजनाओं और सुरक्षा कार्यों के लिए बजट आवंटन निम्नानुसार है:

अवधि

व्यय

2009-14

1132 करोड़ रुपये/वर्ष

2025-26

10,066 करोड़ रुपये (लगभग 9 गुना)

वर्ष 2009-14 और 2014-25 के दौरान बिहार राज्य में पूर्णतः/आंशिक रूप से आने वाले नये रेल पथ की कमीशनिंग /बिछाने का विवरण निम्नानुसार है:-

 

अवधि

कमीशन किए गए नए रेल पथ

नए रेलपथ की औसत कमीशनिंग

2009-14

318 किमी

63.6 किमी

2014-25

1899 किमी

172.6 (2.5 गुना से अधिक)

हाल ही में बिहार में पूर्णतः/आंशिक रूप से पूरी हुई कुछ परियोजनाओं का विवरण निम्नानुसार है:

क्रम संख्या

परियोजना

लागत

(करोड़ रुपये में)

1

मुंगेर ब्रिज (19 किमी)

2,774

2

कोसी पुल (22 किमी)

516

3

पटना ब्रिज (40 किमी)

3,555

4

हाजीपुर-बछवारा दोहरीकरण (72 किमी)

930

5

किउल-गया दोहरीकरण (123 किमी)

1,200

6

कारोटापटनेर-मंकथा - सतह त्रिभुज (8 किमी)

129

7

रामपुरहाट-मंदारहिल नई लाइन और रामपुरहाट-मुरराय- तीसरी लाइन (160 किमी)

1,500

8

जयनगर-दरभंगा-नरकटियागंज एवं नरकटियागंज-भिखना तोरी गेज परिवर्तन (295 किमी)

1,193

9

सकरी-लौकाहा बाजार-निर्मली एवं सहरसा-फोर्ब्सगंज आमान परिवर्तन (206 किमी)

2,113

10

बख्तियारपुर फ्लाईओवर (4 किमी)

402

11

कोसी नदी पर पुल सहित कटारेह-कुर्सेला पैच दोहरीकरण, (7 किमी)

222

12

अररिया-गल्गलिया नई लाइन (111 किमी)

4, 415

13

किऊल-तिलैया रेलवे विद्युतीकरण (87 किमी)

105

14

वाल्मिकीनगर-सुगौली-मुजफ्फरपुर और सुगौली-रक्सौल रेलवे विद्युतीकरण (240 किमी)

351

उपरोक्त परियोजनाओं में गंगा और कोसी नदियों पर तीन महत्वपूर्ण पुल शामिल हैं: मुंगेर पुल, पटना पुल और कोसी पुल। ये बड़े पुल हैं जिनकी लंबाई ज़्यादा है और इनके लिए उच्च स्तर की विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। इसलिए, इन पुलों के डिज़ाइन और निर्माण पद्धति की जाँच के लिए आईआईटी/एनआईटी को नियुक्त किया गया था।

यद्यपि इन पुलों को 2014 से बहुत पहले ही मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन इन पुलों के निर्माण में पर्याप्त प्रगति 2014 के बाद हुई। बिहार में इन परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए उचित योजना, कुशल निष्पादन पद्धतियों को अपनाना और पर्याप्त धन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई।

इसके अलावा, बिहार में पूर्णतः/आंशिक रूप से आने वाली कुछ मुख्य परियोजनाएं जो शुरू की गई हैं, वे इस प्रकार हैं:

क्र. सं.

परियोजना

लागत

(करोड़ रुपये में)

1

सीतामढी-शिवहर नई लाइन (28 किलोमीटर)

567

2

सकरी-हसनपुर नई लाइन (76 किलोमीटर)

735

3

खगड़िया-कुशेश्वरस्थान नई लाइन (42 किलोमीटर)

1511

4

नेओरा-दनियावां-बिहारशरीफ - बरबीघा-शेखपुरा नई लाइन (166 किमी)

2200

5

कोडरमा-तिलैया नई लाइन (65 किमी)

1626

6

हाजीपुर-सगौली नई लाइन (151 किलोमीटर)

2087

7

अररिया-सुपौल नई लाइन (96 किमी)

1605

8

गंगा नदी पर पुल सहित विक्रमशिला-कटारिया नई लाइन (26 किमी)

2090

9

पीरपैटी-जसीडीह नई लाइन (97 किलोमीटर)

2140

10

सोननगर – पतरातु मल्टीट्रैकिंग (291 किलोमीटर)

5148

11

समस्तीपुर-दरभंगा दोहरीकरण (38 किमी)

624

12

रामपुर डुमरा - ताल-राजेंद्र पुल-अतिरिक्त पुल एवं दोहरीकरण (14 किमी)

1677

13

सुगौली-वाल्मीकीनगर दोहरीकरण (110 किमी)

1280

14

मुजफ्फरपुर-सुगौली दोहरीकरण (101 किमी)

1465

15

बरौनी-बछवारा तीसरी और चौथी लाइन (32 किमी)

124

 

रेलवे परियोजनाओं का सर्वेक्षण/स्वीकृत/निष्पादन क्षेत्रीय रेलवे के अनुसार किया जाता है, न कि राज्य-वार, क्योंकि रेलवे परियोजनाएं राज्य की सीमाओं के पार भी फैली हो सकती हैं। रेलवे परियोजनाओं को पारिश्रमिक, यातायात अनुमान, अंतिम मील कनेक्टिविटी, छूटे हुए लिंक और वैकल्पिक मार्गों, भीड़भाड़ वाली/संतृप्त लाइनों के विस्तार, राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों, सांसदों, अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई माँगों, रेलवे की अपनी परिचालन आवश्यकताओं, सामाजिक-आर्थिक विचारों आदि के आधार पर स्वीकृत किया जाता है, जो चल रही परियोजनाओं की प्रगति और धन की समग्र उपलब्धता पर निर्भर करता है।

01.04.2025 तक, 52 परियोजनाएं (31 नई लाइनें, 01 गेज परिवर्तन और 20 दोहरीकरण), कुल 4,663 किमी लंबाई, 86,107 करोड़ रुपये की लागत, जो पूरी तरह/आंशिक रूप से बिहार में आती हैं, स्वीकृत हैं, जिनमें से 1,014 किमी लंबाई चालू हो गई है और मार्च 2025 तक 29,353 करोड़ रुपये का व्यय हो चुका है। ब्‍योरा निम्नानुसार है:-

वर्ग

स्वीकृत परियोजनाओं की संख्या

कुल लंबाई

एनएल/जीसी/डीएल

(किमी में)

मार्च 2025 तक कमीशन की गई लंबाई
(किमी में)

मार्च 2025 तक कुल अनुभव

( करोड़ में)

नई लाइनें

31

2691

516

16814

गेज कन्‍वर्जन

1

69

52

544

दोहरीकरण/बहु-ट्रैकिंग

20

1904

446

11995

कुल

52

4663

1014

29353

किसी भी रेलवे परियोजना/परियोजनाओं का पूरा होना कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे राज्य सरकार द्वारा शीघ्र भूमि अधिग्रहण, वन विभाग के अधिकारियों द्वारा वन संबंधी मंज़ूरी, लागत साझाकरण परियोजनाओं में राज्य सरकार द्वारा राज्य के हिस्से का भुगतान, उल्लंघनकारी उपयोगिताओं का स्थानांतरण, विभिन्न प्राधिकरणों से वैधानिक मंज़ूरी, क्षेत्र की भूवैज्ञानिक और स्थलाकृतिक स्थितियाँ, परियोजना/परियोजनाओं के क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति, जलवायु परिस्थितियों के कारण किसी विशेष परियोजना स्थल पर वर्ष में कार्य महीनों की संख्या, आदि। ये सभी कारक परियोजना/परियोजनाओं के पूरा होने के समय को प्रभावित करते हैं। उपरोक्त बाधाओं के साथ, इन परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

इसके अलावा, बिहार राज्य में कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण सर्वेक्षण किए गए हैं:

क्र. सं.

परियोजना

लंबाई

(किमी)

1

दीन दयाल उपाध्याय-किऊल तीसरी और चौथी लाइन

390

2

छपरा-कटिहार तीसरी और चौथी लाइन

450

3

नवादा-पावापुरी नई लाइन

33

4

बिहटा-औरंगाबाद नई लाइन

120

5

भागलपुर-जमालपुर तीसरी लाइन

53

6

फतुहा-बख्तियारपुर तीसरी और चौथी लाइन

24

7

बख्तियारपुर-तिलैया दोहरीकरण

104

8

रामपुरहाट-दुमका-भागलपुर दोहरीकरण

177

 

बिहार में आरओबी/आरयूबी

रेल परिचालन और सड़क उपयोगकर्ताओं की गतिशीलता और सुरक्षा में सुधार के लिए, चरणबद्ध तरीके से मानवयुक्त लैवल क्रॉसिंग को भी समाप्त किया जा रहा है। लैवल क्रॉसिंग के स्थान पर सड़क ऊपरी पुलों/रेल ऊपरी पुलों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति और क्रियान्वयन भारतीय रेल की लगातार जारी रहने वाली प्रक्रिया है। ऐसे कार्यों को प्राथमिकता दी जाती है और रेल परिचालन में सुरक्षा और गतिशीलता तथा सड़क उपयोगकर्ताओं पर पड़ने वाले प्रभाव के आधार पर उन्हें शुरू किया जाता है।

2014-2025 के दौरान, बिहार में 558 आरओबी/आरयूबी का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त, बिहार राज्य में 6,014 करोड़ रुपये की लागत से 218 रोड ओवर ब्रिज (आरओबी)/रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) स्वीकृत किए गए हैं, जो नियोजन और कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।

बिहार में स्टेशन पुनर्विकास

रेल मंत्रालय ने अमृत भारत स्टेशन योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निरंतर आधार पर स्टेशनों का विकास करना है। इसमें मास्टर प्लान तैयार करना और उन्हें चरणों में लागू करना शामिल है ताकि स्टेशनों पर सुविधाओं में सुधार हो सके, जैसे स्टेशन पहुंच में सुधार, परिभ्रमण क्षेत्र, प्रतीक्षालय, शौचालय, आवश्यकतानुसार लिफ्ट/एस्केलेटर, प्लेटफ़ॉर्म की सतह और प्लेटफ़ॉर्म को कवर करना, स्वच्छता, मुफ़्त वाई-फ़ाई, 'एक स्टेशन एक उत्पाद' जैसी योजनाओं के माध्यम से स्थानीय उत्पादों के लिए कियोस्क, बेहतर यात्री सूचना प्रणाली, कार्यकारी लाउंज, व्यावसायिक बैठकों के लिए निर्दिष्ट स्थान, भूनिर्माण आदि। ये सभी योजनाएं प्रत्येक स्टेशन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बनाई गई हैं।

इस योजना में भवन में सुधार, स्टेशन को शहर के दोनों ओर एकीकृत करना, मल्टीमॉडल एकीकरण, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं, टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल समाधान , आवश्यकतानुसार गिट्टी रहित पटरियों का प्रावधान, चरणबद्ध और व्यवहार्यता तथा दीर्घावधि में स्टेशन पर सिटी सेंटर का निर्माण शामिल है।

इस योजना के अंतर्गत अब तक 1337 स्टेशनों की पहचान विकास हेतु की गई है, जिनमें से 98 स्टेशन बिहार राज्य में स्थित हैं। बिहार राज्य में अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत विकास हेतु चिन्हित स्टेशनों के नाम निम्नलिखित हैं:

राज्य

अमृत स्टेशनों की संख्या

अमृत स्टेशनों के नाम

बिहार

98

अनुग्रह नारायण रोड, आरा, अररिया कोर्ट, बख्तियारपुर, बांका, बनमनखी, बापूधाममोतिहारी, बरहिया, बरौनी, बाढ़, बारसोई जंक्शन, बेगुसराय, बेतिया, भभुआ रोड, भागलपुर, भगवानपुर, बिहारशरीफ, बिहियाबिक्रमगंज, बक्सर, चकिया, चौसा, छपरा

 

 

 

दलसिंह सराय, दरभंगा, दौरामधेपुरा, डेहरी ऑन सोन, ढोली, दिघवारा, डुमरांव, दुर्गौती, एकमा, फतुहा, गया, घोड़ासहन, गुरारू, हाजीपुर जंक्शन, जमालपुर जंक्शन, जमुई, जनकपुर रोड, जयनगर, जहानाबाद, झंझारपुर, कहलगांव, करहगोला रोड, कटिहार जंक्शन, खगड़िया जंक्शन, किशनगंज, कुदरा, लाभा, लहेरिया सराय, लखमीनिया, लक्खीसराय जंक्शन, मधुबनी, महेशखूंट, मैरवा, मानसी जंक्शन, मसरख, मोकामा, मोतीपुर, मुंगेर (मोंगहिर), मुजफ्फरपुर जंक्शन, नबीनगर रोड, नरकटियागंज जंक्शन, नौगछिया, नवादा, पहाड़पुर, पाटलिपुत्र, पटना जंक्शन, पीरो, पीरपैंती, रफीगंज, रघुनाथपुर, राजेंद्र नगर टर्मिनल (पटना), राजगीर, राम दयालु नगर, रक्सौल, सबौर, सगौली, सहरसा, साहेबपुर कमाल, सकरी, सलौना, सालमारी, समस्तीपुर, सासाराम, शाहपुर पटोरी, शिवनारायणपुर, सिमरीबख्तियारपुर, सिमुलतला, सीतामढी, सीवान, सोनपुर जंक्शन, सुल्तानगंज, सुपौल, तारेगना, ठाकुरगंज, थावे

बिहार राज्य में अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत रेलवे स्टेशनों पर विकास कार्य अच्छी गति से चल रहे हैं। अब तक, बिहार राज्य के पीरपैंती और थावे रेलवे स्टेशनों पर चरण-I का कार्य पूरा हो चुका है और उपरोक्त कुछ स्टेशनों की प्रगति नीचे दी गई है:

सहरसा स्टेशन पर, नए प्रतीक्षालय और शौचालय ब्लॉक सहित नए स्टेशन भवन के संरचनात्मक कार्य, पार्किंग क्षेत्र में सुधार, परिसंचारी क्षेत्र का विकास, प्रवेश द्वार, परिसंचारी क्षेत्र में चारदीवारी का काम पूरा हो गया है और नए 12 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज, नए प्लेटफार्म शेल्टर का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।

सलौना स्टेशन पर, नए स्टेशन भवन का संरचनात्मक कार्य, नए पार्किंग क्षेत्र का विकास, प्लेटफार्म नंबर 2 को ऊपर उठाने और सतह बनाने का काम पूरा हो चुका है और नए 12 मीटर फुट ओवर ब्रिज का निर्माण, सर्कुलेटिंग एरिया में सुधार, प्लेटफार्म नंबर 1 को ऊपर उठाने, नए प्लेटफार्म शेल्टर का काम शुरू किया गया है।

लखीसराय स्टेशन पर, नए स्टेशन भवन और नए शौचालय ब्लॉक का संरचनात्मक कार्य पूरा हो चुका है। नए स्टेशन भवन और शौचालय ब्लॉक में ईंटों और प्लास्टर का काम, सर्कुलेटिंग एरिया विकास कार्य, नाली निर्माण कार्य, पोर्च निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

गया स्टेशन पर, द्वितीय प्रवेश द्वार (पश्चिम की ओर) प्रस्थान एवं आगमन भवन, मुख्य प्रवेश द्वार (पूर्व की ओर) प्रस्थान भवन, नए तीर्थयात्री भवन और भूमिगत टैंक का संरचनात्मक कार्य पूरा हो चुका है। नई बहु-स्तरीय दोपहिया वाहन पार्किंग की दो मंजिलें चालू हो चुकी हैं, और दो अतिरिक्त मंजिलों पर काम शुरू हो चुका है। एयर कॉन्कोर्स का निर्माण, स्टेशन भवनों की फिनिशिंग, नए प्लेटफार्म शेल्टर, सर्कुलेटिंग एरिया विकास आदि का कार्य शुरू हो चुका है।

मुजफ्फरपुर स्टेशन पर, नए संयुक्त टर्मिनल भवन का संरचनात्मक कार्य पूरा हो चुका है और एक नया टिकट बुकिंग कार्यालय चालू हो गया है। द्वितीय प्रवेश द्वार वाले आगमन और प्रस्थान ब्लॉक भवन और सेवा भवनों का संरचनात्मक कार्य पूरा हो चुका है। मुख्य प्रवेश द्वार वाले स्टेशन भवन का निर्माण, द्वितीय प्रवेश द्वार वाले स्टेशन भवनों का परिष्करण कार्य, फुट ओवर ब्रिज का निर्माण, परिसंचारी क्षेत्र विकास और एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

वंदे भारत/अमृत भारत/नमो भारत ट्रेन

भारतीय रेलवे (आईआर) नेटवर्क पर वर्तमान में संचालित 144 वंदे भारत ट्रेन सेवाओं में से, निम्नलिखित 20 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं (आरंभिक/समापन आधार पर) बिहार राज्य में स्थित विभिन्न स्टेशनों की आवश्‍यकताओं को पूरा कर रही हैं:

1) 20983/84  टाटानगर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस

2) 21893/94   टाटानगर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस

3) 21895/96  टाटानगर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस

4) 22233/34  न्यू जलपाईगुड़ी-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस

5) 22303/04 हावड़ा-गया वंदे भारत एक्सप्रेस

6) 22309/10 हावड़ा-भागलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस

7) 22345/46 पटना-गोमतीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस

8) 22347/48 हावड़ा-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस

9) 22349/50 पटना-रांची वंदे भारत एक्सप्रेस

10) 26501/02 पाटलिपुत्र-गोरखपुर वंदे भारत एक्सप्रेस

इसी प्रकार, भारतीय रेल पर संचालित 14 अमृत भारत एक्सप्रेस सेवाओं में से 10 अमृत भारत एक्सप्रेस सेवाएं (आरंभिक/समापन आधार पर) बिहार राज्य में स्थित विभिन्न स्टेशनों की आवश्यकताओं को पूरा कर रही हैं:

1) 15557/58 दरभंगा-आनंद विहार (टी) अमृत भारत एक्सप्रेस

2) 1101516 सहरसा-लोकमान्य तिलक (टी) अमृत भारत एक्सप्रेस

3) 15567/68 बापूधाम मोतिहारी-आनंद विहार (टी) अमृत भारत एक्सप्रेस [18 जुलाई, 2025 से शुरू]।

4) 15561/62 दरभंगा-गोमतीनगर अमृत भारत एक्सप्रेस [18 जुलाई, 2025 से शुरू की गई]।

5) 22361/62 राजेंद्र नगर-नई दिल्ली अमृत भारत एक्सप्रेस [18 जुलाई, 2025 से शुरू]।

वर्तमान में, भारतीय रेल द्वारा चार नमो भारत रैपिड रेल सेवाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें से दो नमो भारत रैपिड रेल अर्थात 94803/04 जयनगर-पटना नमो भारत रैपिड रेल बिहार राज्य में स्थित स्टेशनों तक सेवाएं प्रदान कर रही हैं।

बिहार राज्य में रेलवे अवसंरचना परियोजनाएँ भारतीय रेलवे के पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर), पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर), पूर्वी रेलवे (ईआर), और पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) ज़ोन द्वारा कवर की जाती हैं। रेलवे परियोजनाओं का क्षेत्रीय रेलवेवार विवरण भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया जाता है।

केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

*****

एमजी/केसी/केएल/जीआरएस

 


(Release ID: 2147504)
Read this release in: English , Urdu