इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
पीएलआई के तहत मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई
भारत का मोबाइल फोन निर्यात एक दशक में 127 गुना बढ़ा; 1,500 करोड़ रुपये से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये का हुआ
मोबाइल उत्पादन में 28-गुना वृद्धि; 18,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 5.45 लाख करोड़ रुपये का हुआ
Posted On:
23 JUL 2025 5:15PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति (एनपीई) 2019 के तत्वावधान में, इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग (एलएसईएम) के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) और आईटी हार्डवेयर के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को अधिसूचित किया है।
सरकार ने पिछले दस वर्षों के दौरान पीएलआई योजनाओं सहित विभिन्न पहल की हैं, जिसके परिणामस्वरूप भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के एक मजबूत इकोसिस्टम की स्थापना हुई है।
ऐसे बदलाव लाने वाली सरकारी पहलों में शामिल हैं:
• बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई)
• आईटी हार्डवेयर के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई)
• इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों एवं अर्धचालकों (सेमीकंडक्टरों) की मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की योजना (एसपीईसीएस)
• इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी और ईएमसी 2.0) योजना
• सार्वजनिक खरीद में घरेलू स्तर पर निर्मित उत्पादों को प्राथमिकता देने हेतु सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को वरीयता) आदेश 2017
• टैरिफ संरचना को तर्कसंगत बनाने, पूंजीगत वस्तुओं पर मूल सीमा शुल्क में छूट आदि सहित कराधान में सुधार
• लागू कानूनों/नियमों के अधीन, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में शत-प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति। उद्योग जगत का अनुमान है कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग हेतु विभिन्न वस्तुओं में मूल्यवर्धन 18-20 प्रतिशत तक पहुंच गया है
बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के लिए पीएलआई योजना ने भारत में मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। विशेष रूप से, भारत को मोबाइल फोन के एक शुद्ध आयातक से शुद्ध निर्यातक देश के रूप में रूपांतरित करने में। भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग करने वाला देश है। इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं के उत्पादन एवं निर्यात में हुई वृद्धि इस प्रकार है:
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2014-15
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2024-25
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टिप्पणी
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इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का उत्पादन (रुपये में)
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1.9 लाख करोड़
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11.3 लाख करोड़
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6 गुना वृद्धि
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इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का निर्यात (रुपये में)
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38 हजार करोड़
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3.27 लाख करोड़
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8 गुना वृद्धि
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मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयां
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2
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300
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150 गुना वृद्धि
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मोबाइल फोन का उत्पादन (रुपये में)
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18 हजार करोड़
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5.45 लाख करोड़
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28 गुना वृद्धि
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मोबाइल फोन का निर्यात (रुपये में)
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1,500 करोड़
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2 लाख करोड़
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127 गुना वृद्धि
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मोबाइल फोन का आयात (इकाइयों में)
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कुल मांग का 75 प्रतिशत
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कुल मांग का 0.02 प्रतिशत
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एलएसईएम के लिए पीएलआई योजना ने पहले ही 12,390 करोड़ रुपये का संचयी निवेश आकर्षित किया है, जिससे 4,65,809 करोड़ रुपये के निर्यात के साथ 8,44,752 करोड़ रुपये का संचयी उत्पादन हुआ है और जून 2025 तक 1,30,330 अतिरिक्त रोजगार (प्रत्यक्ष नौकरियां) सृजित हुए हैं।
आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना 2.0 ने 717.13 करोड़ रुपये का संचयी निवेश आकर्षित किया है, जिससे 12,195.84 करोड़ रुपये का संचयी उत्पादन हुआ है और जून 2025 तक 5,056 अतिरिक्त रोजगार (प्रत्यक्ष नौकरियां) सृजित हुए हैं।
पिछले 5 वर्षों के दौरान (यानी वित्तीय वर्ष 2020-21 से) इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 4,071 मिलियन अमेरिकी डॉलर का हुआ है, जिसमें 2,802 मिलियन अमेरिकी डॉलर का संचयी एफडीआई का योगदान एमईआईटीवाई के पीएलआई लाभार्थियों द्वारा दिया गया है।
यह जानकारी केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री श्री जितिन प्रसाद ने आज लोकसभा में दी।
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