अणु ऊर्जा विभाग
परमाणु ऊर्जा के माध्यम से भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए रोडमैप
Posted On:
23 JUL 2025 3:38PM by PIB Delhi
इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए स्वदेशी विकास और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग दोनों का लाभ उठाते हुए निर्धारित विशिष्ट उपायों में एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। प्रमुख कार्यनीतियों में 8780 मेगावाट क्षमता वाले 24 रिएक्टरों पर आधारित स्वदेशी दाबयुक्त भारी जल रिएक्टरों (पीएचडब्ल्यूआर) की निरंतर तैनाती शामिल है। 6600 मेगावाट क्षमता वाले 8 रिएक्टर निर्माणाधीन भी हैं, जिनमें आरएपीपी 8 और जीएचएवीप 1 व 2 जैसे स्वदेशी 700 मेगावाट पीएचडब्ल्यूआर, स्वदेशी तीव्र प्रजनक रिएक्टर (एफबीआर) पीएफबीआर, और केकेएनपी 3 व 4 तथा केकेएनपीपी 5 व 6 जैसे विदेशी सहयोग से निर्मित हल्के जल रिएक्टर (एलडब्ल्यूआर) शामिल हैं। इसके अलावा, 10 रिएक्टर परियोजना-पूर्व कार्यकलाप चरण (स्वीकृत) में हैं, जिनसे 7000 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता जुड़ने की उम्मीद है। इनमें कैगा 5 और 6, जीएचएवीपी 3 और 4, चुटका 1 और 2, तथा माही बांसवाड़ा 1 और 2 तथा 3 एवं 4 जैसे पीएचडब्ल्यूआर शामिल हैं। इन परियोजनाओं के क्रमिक रूप से पूरा होने के साथ, भारत में परमाणु ऊर्जा क्षमता 2031-32 तक 22480 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है।
भविष्य की योजनाओं में स्वदेशी फास्ट ब्रीडर रिएक्टरों (एफबीआर) के विकास पर भी ज़ोर दिया गया है, जो भारत के अनूठे त्रि-चरणीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के अनुरूप हैं, जिसे एक बंद ईंधन चक्र के माध्यम से अपने सीमित यूरेनियम और प्रचुर थोरियम संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके अतिरिक्त, इस कार्यनीति में उद्योगों के कार्बन-मुक्तिकरण के लिए भारत लघु रिएक्टरों (बीएसआर) की स्थापना, विविध क्षमताओं वाले स्वदेशी एसएमआर और भारतीय एलडब्ल्यूआर सहित भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) का विकास शामिल है। विशेष रूप से एसएमआर और ईंधन के संबंध में रिएक्टरों, सेवाओं और आपूर्ति के निर्यात के साथ-साथ, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने की भी परिकल्पना की गई है।
सरकार ने लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) के अनुसंधान एवं विकास के लिए 20,सरकार ने लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) के अनुसंधान एवं विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक परमाणु ऊर्जा मिशन भी आरंभ किया है।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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(Release ID: 2147426)