मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
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राष्ट्रीय पशुधन मिशन का कार्यान्वयन

Posted On: 23 JUL 2025 3:21PM by PIB Delhi

विभाग राष्ट्रीय पशुधन मिशन - उद्यमिता विकास कार्यक्रम (एनएलएम-ईडीपी) का कार्यान्वयन कर रहा है। इसके अंतर्गत ग्रामीण कुक्कुट नस्ल विकास उद्यम स्थापित करने के लिए 50% पूंजीगत सब्सिडी (25.00 लाख रुपये तक) प्रदान की जाती है। वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2025-26 के बीच, इस पहल के तहत कुल 208 कुक्कुट क्षेत्र परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। इनसे रोजगार के 1,201 अवसर पैदा होने की संभावना है।

नस्ल सुधार के माध्यम से प्रति पशु उत्पादकता में वृद्धि के आंकड़े इस विभाग के अभिलेखों में नहीं रखे जाते हैं।

विभाग के उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 से वित्त वर्ष 2023-24 तक मांस, अंडा और बकरी के दूध के उत्पादन में वृद्धि का प्रतिशत इस प्रकार है:

 

वर्ष/उत्पाद

मांस

 

अंडा

 

बकरी का दूध

 

 

उत्पादन (000 टन)

 

वार्षिक वृद्धि दर (%)

उत्पादन (लाखों में)

वार्षिक वृद्धि दर (%)

उत्पादन (000 टन)

वार्षिक वृद्धि दर (%)

2019-20

8599.99

5.98%

1143831

10.19%

5850.14

-  4.08%

2020-21

8797.92

2.30%

1220496

6.70%

6261.87

7.04%

2021-22

9292.14

5.62%

1296003

6.19%

6602.56

5.44%

2022-23

9768.64

5.13%

1383763

6.77%

7599.60

15.10%

2023-24

10252.65

4.95%

1427716

3.18%

7805.56

2.71%

 

विभाग देश के सभी जिलों में केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) के अंतर्गत पशुधन बीमा पहल को कार्यान्वित कर रहा है। इसका उद्देश्य किसानों और पशुपालकों को पशुओं की मृत्यु के कारण होने वाली हानि से सुरक्षा प्रदान करके जोखिमों और अनिश्चितताओं का प्रबंधन करने में सहायता करना है। इस योजना में देशी/संकर नस्ल के दुधारू पशुओं, भारवाहक पशुओं (जैसे घोड़े, गधे, खच्चर, ऊँट, टट्टू और नर मवेशी/भैंस) के साथ-साथ बकरी, भेड़, सूअर, खरगोश, याक और मिथुन जैसे अन्य पशुओं का बीमा शामिल है।

सूअर और खरगोश को छोड़कर सभी पशुओं के लिए सब्सिडी लाभ प्रति परिवार 10 मवेशी इकाइयों तक सीमित है, जहाँ सीमा 5 मवेशी इकाइयों (1 मवेशी इकाई 10 छोटे पशुओं के बराबर) की है। वहनीयता में सुधार के लिए, बीमा प्रीमियम में किसान के हिस्से को सरल बनाया गया है और पहले की  20 से 50% की सीमा को घटाकर एक समान 15% कर दिया गया है।  शेष 85% प्रीमियम केंद्र और राज्य संयुक्त रूप से वहन करते हैं। अधिकांश राज्यों के लिए यह अनुपात 60:40 है, जबकि हिमालयी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों के लिए यह अनुपात 90:10 है।

पिछले पाँच वर्ष में, इस योजना के अंतर्गत कुल 55.86 लाख पशुओं का बीमा करते हुए 135.3215 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

यह जानकारी केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने 23 जुलाई, 2025 को राज्यसभा में लिखित उत्तर में दी।

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एमजी/केसी/पीके

 


(Release ID: 2147352)
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