कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय
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राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन

Posted On: 22 JUL 2025 6:01PM by PIB Delhi

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने पिछले 10 वर्षों (2014-2024) के दौरान कुल 2900 किस्में जारी की हैं, जिनमें से 2661 किस्में एक या अधिक बायोटिक और/या एबायोटिक स्ट्रेस के प्रति सहनशील हैं। जलवायु अनुकूल कृषि में राष्ट्रीय नवाचार (एनआईसीआरए) परियोजना के अंतर्गत, देश भर के 151 जलवायु संवेदनशील जिलों के 448 गांवों में 11,835 किसानों को शामिल करते हुए 11 फसलों में सूखा/बाढ़/गर्मी के प्रति सहनशील 298 जलवायु अनुकूल किस्मों का प्रदर्शन किया गया। एनआईसीआरए परियोजना के अंतर्गत 72 सूखाग्रस्त जिलों में लगभग 5278 जनजातीय और छोटे किसानों को फील्ड डेमोस्ट्रेशन करने के लिए विभिन्न फसलों के अनुकूल बीज प्राप्त हुए।

भारत सरकार देश भर के किसानों को आवश्यक मात्रा में बीज उपलब्ध कराने हेतु कृषि फसलों के गुणवत्तापूर्ण बीजों के उत्पादन और मल्टिप्लीकेशन को बढ़ावा देने हेतु वर्ष 2014-15 से बीज एवं रोपण सामग्री उप-मिशन (एसएमएसपी) कार्यान्वित कर रही है। एसएमएसपी का अब वर्ष 2023-24 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन (एनएफएसएनएम) में विलय कर दिया गया है। वर्ष 2024-25 के दौरान, एसएमएसपी (अब एनएफएसएनएम के साथ विलय) की बीज योजना के तहत 270.90 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी, जिसमें से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 206.86 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी, जिसमें से 141.46 करोड़ रुपये बीज ग्राम कार्यक्रम के तहत प्रदान किए गए हैं।

एनआईसीआरए परियोजना के अंतर्गत ग्राम स्तरीय बीज बैंकों और सामुदायिक नर्सरियों की स्थापना के लिए क्षमता निर्माण का कार्य किया जा रहा है, जिससे गोद लिए गए गांवों में बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। एनआईसीआरए के कई गाँवों में चावल, गेहूँ, सोयाबीन, सरसों, चिक्पी, ज्वार, चना और लोबिया की सूखा और बाढ़ सहने वाली जलवायु-अनुकूल किस्मों का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा, कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए) के अंतर्गत किसानों के बीच गुणवत्तापूर्ण बीजों के उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाने सहित कृषि पद्धतियों के विभिन्न मुद्दों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

कृषि पर प्रतिकूल मौसम के प्रभावों को कम करने के लिए, ग्रामीण कृषि मौसम सेवा (जीकेएमएस) योजना के तहत, आईएमडी द्वारा जिला और ब्लॉक में अगले 5 दिनों के लिए मध्यम अवधि के मौसम का पूर्वानुमान तैयार किया जाता है। आईएमडी द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमानों के साथ-साथ वर्षा और अन्य मौसम मापदंडों के आधार पर, 130 कृषि मौसम क्षेत्रीय इकाइयां अंग्रेजी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषा में कृषि मौसम परामर्श तैयार करती हैं, जिन्हें विभिन्न माध्यमों से प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा, किसान पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा लॉन्च किए गए मोबाइल ऐप 'मेघदूत' के माध्यम से अपने जिलों के लिए अलर्ट और कृषि संबंधी सलाह सहित मौसम की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जो अंग्रेजी और 13 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है। ये मौसम विवरण आईएमडी के 'मौसम' ऐप के माध्यम से किसानों के लिए भी उपलब्ध हैं। पंचायत स्तर की मौसम पूर्वानुमान जानकारी कई डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से उपलब्ध है, जिनमें ई-ग्रामस्वराज (https://egramswaraj.gov.in/), पंचायती राज मंत्रालय का 'ग्राम मानचित्र' एप्लिकेशन (https://grammanchitra.gov.in/gm4MVC), 'मेरी पंचायत' मोबाइल ऐप और आईएमडी का मौसमग्राम वेब पोर्टल (https://mausamgram.imd.gov.in/) शामिल हैं।

यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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(Release ID: 2147029)
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