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आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024

Posted On: 22 JUL 2025 4:05PM by PIB Delhi

आपदा प्रबंधन (संशोधन) अधिनियम, 2025 संसद द्वारा पारित किया गया है और इसे 29 मार्च, 2025 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई। अधिनियम के प्रावधान 9 अप्रैल, 2025 से लागू हो गए। इस अधिनियम का उद्देश्य, अन्य बातों के साथ-साथ, निम्नलिखित है:-

  1. आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने वाले प्राधिकरणों और समितियों की भूमिकाओं में अधिक स्पष्टता और तालमेल लाना;
  2. राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति और उच्च स्तरीय समिति जैसे कुछ पूर्व-अधिनियम संगठनों को वैधानिक दर्जा प्रदान करना;
  3. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के कुशल कामकाज को मजबूत करना;
  4. राष्ट्रीय कार्यकारी समिति और राज्य कार्यकारी समिति के स्थान पर राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर आपदा योजना तैयार करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को सशक्त बनाना।
  5. राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर आपदा डाटाबेस बनाने का प्रावधान करना;
  6. राज्य की राजधानी और नगर निगम वाले बड़े शहरों के लिए "शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण" के गठन का प्रावधान करना; और
  7. राज्य सरकार द्वारा राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के गठन के लिए सक्षम प्रावधान करना।

उपरोक्त उपायों का उद्देश्य आपदा प्रबंधन में पारदर्शिता, जवाबदेही, दक्षता और सहयोग बढ़ाना है।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) में 16 परिचालन बटालियन हैं और उनकी कुल स्वीकृत संख्या 18,581 है।

प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बचाव, राहत और पुनर्वास उपाय करने की प्राथमिक ज़िम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की होती है। केंद्र सरकार, जहां भी आवश्यक हो, गंभीर प्रकृति की और राज्य के संसाधनों की क्षमता से परे प्राकृतिक आपदाओं के मामलों में रसद और वित्तीय सहायता प्रदान करके राज्य सरकारों के प्रयासों में सहायता करती है।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बलों (एसडीआरएफ) के बीच बेहतर समन्वय और तालमेल के लिए तथा प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत और पुनर्वास के लिए कई गुणक प्रभाव प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम इस प्रकार हैं:

  1. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य संबंधित हितधारकों का वार्षिक सम्मेलन आयोजित करता है। यह सम्मेलन किसी भी आपदा के मामले में आपसी सहयोग/समन्वय के माध्यम से प्रतिक्रिया क्षमताओं में सुधार के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने का अवसर प्रदान करता है। पिछले दो वर्षों से यह सम्मेलन गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा एनडीआरएफ के सहयोग से राहत आयुक्तों के सम्मेलन के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है, ताकि दक्षिण-पश्चिम मानसून से पहले आपदा या आसन्न आपदा की स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों की स्थिति की समीक्षा की जा सके।
  2. एनडीआरएफ नियमित रूप से एसडीआरएफ और अन्य हितधारकों के साथ मॉक ड्रिल/अभ्यास आयोजित करता है। ये मॉक ड्रिल/अभ्यास एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के बीच प्रभावी समन्वय के लिए मंच प्रदान करते हैं।
  3. एनडीआरएफ सामुदायिक क्षमता निर्माण और जन जागरूकता एवं तैयारी कार्यक्रमों में निरंतर संलग्न है।
  4. एनडीआरएफ एसडीआरएफ की क्षमता निर्माण के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करता है।
  5. केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ कर्मियों और एसडीआरएफ सहित अन्य हितधारकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए नागपुर में एक प्रमुख संस्थान अर्थात एनडीआरएफ अकादमी की स्थापना की है। इसके अलावा, एनडीआरएफ बटालियनें एसडीआरएफ कर्मियों को विभिन्न आपदा प्रबंधन पाठ्यक्रमों में भी प्रशिक्षण प्रदान कर रही हैं।
  6. आपदा/आसन्न आपदा की स्थिति के मद्देनजर एनडीआरएफ के अधिकारी राज्य सरकारों/स्थानीय प्रशासन द्वारा आयोजित समन्वय बैठकों में भी भाग लेते हैं।
  7. एनडीआरएफ ने ध्वस्त संरचनाओं की आपात स्थितियों से निपटने में एसडीआरएफ की तैयारी और दक्षता बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय क्षमता निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें 29 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की कुल 30 टीमों ने भाग लिया। प्रतियोगिता का फाइनल 21 से 24 अप्रैल, 2025 तक 8वीं बटालियन एनडीआरएफ, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में आयोजित किया गया था।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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(Release ID: 2146913)
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