संचार मंत्रालय
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दूरसंचार विभाग ने युवाओं को डिजिटल एम्बेसेडर के रूप में सशक्त बनाने के लिए देश भर में संचार मित्र योजना शुरू की


संचार मित्र, यानी छात्र स्वयंसेवक, डिजिटल साक्षरता और दूरसंचार जागरूकता फैलाने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे

पहले आउटरीच कार्यक्रम में, असम एलएसए ने असम राज्य के 18 प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजों के साथ साझेदारी की

Posted On: 11 JUL 2025 4:12PM by PIB Delhi

भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) के क्षेत्रीय कार्यालय, असम एलएसए ने आज गुवाहाटी स्थित बीएसएनएल भवन में आईआईटी, आईआईआईटी, एनआईटी और असम के अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों सहित प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों के साथ एक संवादात्मक सत्र आयोजित किया। इस सत्र का मुख्य उद्देश्य हाल ही में शुरू की गई संचार मित्र योजना के बारे में जानकारी देना और उसका विस्तार करना था। इस अभिनव पहल का उद्देश्य नागरिकों और दूरसंचार इको-सिस्टम के बीच संचार प्रणाली की कमी को दूर करने के लिए छात्र स्वयंसेवकों को डिजिटल एम्बेसेडर के रूप में शामिल करना है।

नई दिल्ली स्थित दूरसंचार महानिदेशालय में सलाहकार सुश्री सुनीता चंद्रा ने इस सत्र की अध्यक्षता की। अपर महानिदेशक एवं असम एलएसए के प्रमुख श्री सुरेश पुरी तथा दूरसंचार विभाग, नई दिल्ली के उप महानिदेशक (मीडिया) एवं प्रवक्ता श्री हेमेन्द्र कुमार शर्मा ने योजना के उद्देश्यों एवं संरचना पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।

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मुख्य भाषण देते हुए, महानिदेशालय में सलाहकार सुश्री सुनीता चंद्रा ने कहा, "इस प्रणाली का उद्देश्य दूरसंचार विभाग की पहलों, दूरसंचार सेवाओं और नागरिक-केंद्रित विभिन्न प्रयासों के बीच एक सेतु का निर्माण करना था। यह सुनिश्चित करना इसका उद्देश्य है कि हमारे उपयोगकर्ता, ग्राहक और आम जनता बेहतर ढंग से कार्य करें। हम विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के युवा छात्रों की ऊर्जा और सेवाओं का लाभ भी उठाना चाहते हैं।"

श्री सुरेश पुरी ने संचार मित्र योजना के तीन स्तंभों – कनेक्ट, एजुकेट, इनोवेट - पर प्रकाश डालते हुए इस बात पर जोर दिया कि दूरसंचार के सुरक्षित, जिम्मेदार और समावेशी इस्तेमाल के लिए जन जागरूकता महत्वपूर्ण है।

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श्री हेमेंद्र कुमार शर्मा ने डिजिटल क्रांति में दूरसंचार सेवाओं की भूमिका और भारत के उपभोक्ता से विभिन्न अत्याधुनिक दूरसंचार सेवाओं और उत्पादों के प्रदाता बनने के परिवर्तन पर प्रकाश डाला। उन्होंने विभिन्न डिजिटल धोखाधड़ी से आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए जमीनी स्तर पर जन जागरूकता की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इसी परिप्रेक्ष्य में 'डिजिटल एम्बेसेडर' के रूप में संचार मित्रों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों ने चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लिया और इस योजना से जुड़ने के लिए अत्यधिक उत्साह दिखाया।

केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने संशोधित 'संचार मित्र योजना' का शुभारंभ किया और इसे एक पायलट पहल से एक सशक्त, व्यापक और प्रोत्साहन-संचालित राष्ट्रीय आंदोलन में परिवर्तित कर दिया। यह योजना भारत की युवा शक्ति - छात्र स्वयंसेवकों - की शक्ति को दूरसंचार जागरूकता, साइबर सुरक्षा और डिजिटल सशक्तिकरण के जागरूक दूत बनाने के लिए तैयार की गई है। श्री सिंधिया ने इस योजना को एक ऐसे दृष्टिकोण के रूप में वर्णित किया है जो चार 'डी' - लोकतंत्र, जनसांख्यिकी, डिजिटलीकरण और वितरण - में भारत के नेतृत्व का प्रतीक है।

संचार मित्र योजना:

शुरुआत में चुनिंदा संस्थानों में शुरू की गई संचार मित्र योजना को अब अपने पायलट चरण में उत्साहवर्धक रुचि और आशाजनक प्रभाव के बाद देशव्यापी कार्यान्वयन के लिए विस्तारित किया गया है। इस योजना के तहत, संचार मित्र के रूप में नामित किए गए छात्र स्वयंसेवकों को डिजिटल सुरक्षा, साइबर धोखाधड़ी की रोकथाम और ईएमएफ विकिरण संबंधी चिंताओं जैसे प्रमुख दूरसंचार मुद्दों के बारे में जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए सशक्त बनाया जाएगा। साथ ही, मोबाइल के जिम्मेदार इस्तेमाल और डिजिटल साक्षरता को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

विस्तारित संचार मित्र योजना का उद्देश्य न केवल जन जागरूकता बढ़ाना है, बल्कि भाग लेने वाले छात्रों को 5जी, 6जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षा सहित अत्याधुनिक दूरसंचार तकनीकों से परिचित कराना भी है। निर्धारित प्रशिक्षण, परियोजना में भागीदारी और वास्तविक दुनिया की दूरसंचार पहलों से जुड़ाव के माध्यम से, इस योजना का उद्देश्य डिजिटल रूप से जागरूक, कुशल और अनुसंधान-उन्मुख युवा कार्यबल का निर्माण करना है।

स्थानीय दूरसंचार विभाग की क्षेत्रीय इकाइयों के परामर्श से भागीदार संस्थानों की पहचान की जाएगी और प्रासंगिक शैक्षणिक पृष्ठभूमि - दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर विज्ञान, साइबर सुरक्षा - के छात्रों को संचार मित्र के रूप में नामित किया जाएगा।

संचार मित्रों को क्षेत्र के विशेषज्ञों और राष्ट्रीय संचार अकादमी-प्रौद्योगिकी (एनसीए-टी) तथा दूरसंचार विभाग के मीडिया विंग के विशेषज्ञों से आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त होगा। संचार मित्र जमीनी स्तर पर जागरूकता अभियान चलाएंगे, समुदायों और गैर-सरकारी संगठनों के साथ जुड़ेंगे और अपने परिवेश में जागरूक डिजिटल व्यवहार के लिए उत्प्रेरक का काम करेंगे।

उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने के लिए, प्रतिभागियों का समय-समय पर नवाचार, निरंतरता और आउटरीच प्रभाव के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को इंटर्नशिप, राष्ट्रीय दूरसंचार परियोजनाओं में भागीदारी, इंडिया मोबाइल कांग्रेस जैसे उच्च-स्तरीय मंचों में भागीदारी और आईटीयू मानकों और नीतिगत कार्यों से जुड़ाव सहित विशेष अवसर प्रदान किए जा सकते हैं।

संचार मित्र योजना के माध्यम से युवाओं की यह रणनीतिक भागीदारी भारत के दूरसंचार अनुसंधान, विकास और विनिर्माण केंद्र बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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