सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
भारत के बुनियादी ढांचे का भविष्य बनाना सिर्फ एक लक्ष्य नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी है : श्री अजय टम्टा
केंद्रीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा ने सुरक्षित, स्मार्ट और टिकाऊ गलियारों के लिए राष्ट्रीय नवाचार अभियान चलाने का आग्रह किया; भविष्य के लिए तैयार बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए नवाचार चुनौती का आह्वान किया और विकसित भारत के लिए सड़क सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में बढ़ावा दिया
प्रविष्टि तिथि:
04 JUL 2025 1:36PM by PIB Delhi
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा ने आईआईटी दिल्ली, स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए), दिल्ली और उद्योग भागीदारों के विशेषज्ञों के साथ एक संवाद में इस बात पर बल दिया कि भारत के बुनियादी ढांचे का भविष्य नवाचार-आधारित, सुरक्षा-एकीकृत और संदर्भ-संवेदनशील सड़क नियोजन में निहित है। इस कार्यक्रम में न केवल सड़क सुरक्षा समाधान बल्कि अग्रणी प्रौद्योगिकियों, उन्नत नियोजन रूपरेखाओं और कम लागत वाले उच्च प्रभाव वाले डिजाइनों का प्रदर्शन किया गया, जो भारत में सड़कों की परिकल्पना और निर्माण के तरीके को बदल सकते हैं।
श्री टम्टा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के विजन के तहत, भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में बुनियादी ढांचे की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा, "मंत्रालय केवल सड़कें ही नहीं बना रहा है बल्कि ऐसे गलियारे भी बना रहा है जो औद्योगिक विकास, शहरी विस्तार, डिजिटल कनेक्टिविटी और नागरिक कल्याण के इंजन के रूप में काम करेंगे।"
उन्होंने प्रतिक्रियात्मक निर्माण से हटकर सक्रिय, नवाचार-आधारित नियोजन की ओर बदलाव का आह्वान किया, जहां सड़क परियोजनाएं अब पृथक इंजीनियरिंग अभ्यास न होकर एकीकृत, बहु-क्षेत्रीय विकास उपकरण बन जाएं।
श्री टम्टा ने अपने दौरे के दौरान आईआईटी दिल्ली, एसपीए दिल्ली के संकाय और नवप्रवर्तकों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि ये नवप्रवर्तन न केवल सुरक्षा में सुधार करते हैं बल्कि सड़क परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण चुनौतियों, शहरी यातायात भीड़, अंतिम मील कनेक्टिविटी की खराब स्थिति और लागत में वृद्धि जैसी पुरानी समस्याओं का भी समाधान करते हैं।
मंत्री ने पश्चिमी देशों से नकल करने के बजाय स्वदेशी डिजाइन मॉडल अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। भारत की अनूठी भौगोलिक स्थिति, जलवायु, व्यवहार पैटर्न और जनसंख्या घनत्व के कारण एकीकृत सुरक्षा क्षेत्र, गतिशीलता केंद्र और मिश्रित उपयोग वाले सड़क गलियारे सहित अनुकूलित समाधान की आवश्यकता है।
उन्होंने तीव्र शहरी परिवहन के लिए उपयुक्त नो-ऐप-नो-यूआरएल (पीआईएफआई-प्राइवेट इंटरनेट फिडेलिटी) आधारित परिवहन प्रणाली का उपयोग करते हुए कम लागत, उच्च दक्षता वाले सार्वजनिक परिवहन के लिए बहु-दिशात्मक मुक्त यातायात मॉडल, हॉटस्पॉट-आधारित सुरक्षा डिजाइन और डोर-टू-डोर गतिशील प्रणालियों की भी समीक्षा की।
श्री टम्टा ने एक ऐसे शासन मॉडल की वकालत की जिसमें डीपीआर तैयार करने से पहले भौतिक योजनाओं को आमंत्रित किया जाता है और पारदर्शी तरीके से उनका मूल्यांकन किया जाता है, जिससे कार्यान्वयन के लिए एक स्पष्ट मार्ग मिल सके। उन्होंने दोहराया कि नवाचार को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की भविष्य की योजना रणनीति का आधार होना चाहिए और ऐसे अंतर-विषयी विचारों के लिए इनक्यूबेटर के रूप में उत्कृष्टता केंद्रों की भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होंने इस आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए आईआईटी दिल्ली और एसपीए दिल्ली की सराहना की और अन्य शैक्षणिक और औद्योगिक संस्थानों से अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के इस मिशन में शामिल होने का आह्वान किया।
बातचीत में उपस्थित गणमान्य:
- श्री अजय टम्टा , सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री,
- प्रोफेसर रंगन बनर्जी, निदेशक, आईआईटी दिल्ली
- प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार पॉल, निदेशक, एसपीए दिल्ली
- प्रो. एस. मुखर्जी, कार्यवाहक विभागाध्यक्ष, मैकेनिकल विभाग, आईआईटी दिल्ली
- प्रो. अशोक कुमार, विभागाध्यक्ष, भौतिक नियोजन विभाग, एसपीए
- प्रो. अनूप चावला, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, आईआईटी दिल्ली
- श्री फणी भूषण, आविष्कारक और संस्थापक, प्लैनिन लैब (आईआईटी दिल्ली इनक्यूबेशन 2012-16)




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(रिलीज़ आईडी: 2142259)
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