जल शक्ति मंत्रालय
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एमसीएडी योजना के तहत किसानों के लिए जल शुल्क के संबंध में मीडिया की गलत रिपोर्टों का खंडन

Posted On: 27 JUN 2025 10:32PM by PIB Delhi

जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि मीडिया के कुछ वर्गों ने गलत और भ्रामक रूप से रिपोर्ट दी है कि भारत सरकार द्वारा शुरू की जा रही एक नई योजना के अंतर्गत किसानों को अब पानी के उपयोग के लिए शुल्क देना होगा।

मंत्रालय यह स्पष्ट करना चाहता है कि संबंधित पायलट परियोजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत कमांड क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन (एम-सीएडीडब्ल्यूएम) योजना के आधुनिकीकरण से संबंधित है। इस पहल का उद्देश्य सिंचाई दक्षता को बढ़ाना, पानी का न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करना और वितरण में प्रभावी जल प्रबंधन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए दबावयुक्त पाइपलाइन नेटवर्क, आईओटी उपकरणों और एससीएडीए प्रणालियों जैसी आधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देना है।

इस पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है और न ही भारत सरकार की ओर से ऐसा कोई निर्देश है कि किसानों पर पानी के इस्तेमाल के लिए अनिवार्य रूप से यूजर चार्ज लगाया जाए। हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, मीडिया के सदस्यों द्वारा इस मुद्दे को कई बार उठाया गया और माननीय जलशक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल ने इस पर स्पष्टीकरण दिया।

इसके अलावा, इस बात पर जोर दिया जाता है कि भारत के संविधान के तहत 'कृषि' और 'जल' दोनों ही राज्य के विषय हैं। तदनुसार, जल उपयोगकर्ता संघों (डब्‍ल्‍यूयूएएस) या इस योजना के लाभार्थियों से उपयोगकर्ता शुल्क वसूलने के बारे में कोई भी निर्णय - यदि कोई हो - पूरी तरह से योजना को लागू करने वाली संबंधित राज्य सरकारों के पास होगा।

मंत्रालय मीडिया सहित सभी हितधारकों से आग्रह करता है कि वे ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले तथ्यों की पुष्टि कर लें, क्योंकि इससे कृषक समुदाय में अनावश्यक घबराहट या भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है।

यह स्पष्टीकरण पारदर्शिता के हित में तथा गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए जारी किया जा रहा है।

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एमजी/केसी/केएल/पीके


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