स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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राष्ट्रीय मीडिया प्रतिनिधिमंडल ने एनआईवी पुणे का दौरा किया, विषाणु अनुसंधान की ऐतिहासिक पहलों की प्रशंसा की

Posted On: 18 JUN 2025 7:58PM by PIB Delhi

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अतिरिक्त महानिदेशक (मीडिया) डॉ. मनीषा वर्मा के नेतृत्व में 10-सदस्यीय राष्ट्रीय मीडिया प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र के तीन दिवसीय दौरे के अंतर्गत आज पुणे में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल इस सप्ताह के अंत में चंद्रपुर में आईसीएमआर-सीआरएमसीएच का भी दौरा करेगा।

 

 

एनआईवी के निदेशक डॉ. नवीन कुमार की ओर से स्वागत किए जाने के बाद, मीडिया प्रतिनिधिमंडल को संस्थान के अत्याधुनिक वायरोलॉजिकल शोध और भारत में वायरल प्रकोपों ​​के प्रबंधन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। डॉ. कुमार ने विभिन्न कोविड-19 वेरिएंट को अलग करने और उनका अध्ययन करने में संस्थान के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया, जिससे महामारी के दौरान देश भर में त्वरित प्रतिक्रिया रणनीतियों को सक्षम बनाया जा सका।

 

 

मीडिया को संबोधित करते हुए, डॉ. कुमार ने इस विषय पर जोर दिया कि कोविड-19 मामलों में हाल ही में हुई बढ़ोतरी से कोई बड़ा खतरा नहीं है, तथा अधिकांश रोगियों में केवल हल्के लक्षण ही दिखे और उन्हें ना बराबर या किसी चिकित्सा की मदद की जरूरत नहीं पड़ी।

 

 

इस साल की शुरुआत में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के प्रकोप के लिए एनआईवी की त्वरित प्रतिक्रिया पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. कुमार ने स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए संस्थान की त्वरित निदान और रोकथाम रणनीतियों को श्रेय दिया। उन्होंने आगे बताया कि भारत कई उभरते वायरसों के खिलाफ स्वदेशी टीके लॉन्च करने की कगार पर है, जिनमें एमपॉक्स, क्यासनूर फॉरेस्ट डिजीज (केएफडी), एच5एन1 और जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस जैसे कण (वीएलपी) शामिल हैं।

 

 

प्रतिनिधिमंडल के साथ साझा की गई एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हाल ही में वायरोलॉजिकल शोध के लिए भारत के पहले हाई परफॉरमेंस कंप्यूटिंग (एचपीसी) क्लस्टर "नक्षत्र" की कमीशनिंग होना था। इस उन्नत प्रणाली का उद्घाटन एनआईवी पुणे में स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने किया, जिससे वायरस जीनोमिक्स और बायोइन्फॉर्मेटिक्स में कम्प्यूटेशनल क्षमताओं को बेहतर किया जा सके।

रॉकफेलर फाउंडेशन के सहयोग से 1952 में स्थापित, एनआईवी पुणे भारत के अग्रणी विषाणु अनुसंधान और निदान केंद्र के तौर पर विकसित हुआ है, जिसने 1978 में आईसीएमआर के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि पाई। ​​संस्थान देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य रक्षा के इंफ्रास्ट्रक्चर में सबसे आगे खड़ा है।

 

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एमजी/आरपीएम/केसी/एमएम


(Release ID: 2137550)
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