वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने स्विसमेम उद्योग दिवस पर भारत की विकास गाथा में भागीदार बनने के लिए स्विस उद्योग को आमंत्रित किया
भारत-ईएफटीए टीईपीए विश्वास और दक्षता साझेदारी का प्रतीक है: श्री पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री ने द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को प्रगाढ करने के लिए भारत में समर्पित स्विस एन्क्लेव का प्रस्ताव रखा
Posted On:
10 JUN 2025 8:18PM by PIB Delhi
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज स्विट्जरलैंड में प्रतिष्ठित स्विसमेम उद्योग दिवस पर स्विस उद्योग जगत के नेताओं और नवोन्मेषकों को संबोधित किया। श्री गोयल ने भारत की परिवर्तनकारी विकास गाथा और सहयोग के लिए व्यापक अवसरों पर प्रकाश डालते हुए स्विस व्यापार समुदाय को वर्ष 2047 तक 30-35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भारत की यात्रा में सक्रिय भागीदार बनने के लिए गर्मजोशी से निमंत्रण दिया।
श्री गोयल ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा, "मैं आपसे 1.4 बिलियन भारतीयों की आकांक्षाओं के साथ मिलने आया हूँ, जो आपके ऊंचे आल्प्स जितने ऊंचाई वाले सपने देखते हैं और बेहतर भविष्य की इच्छा रखते हैं। मैं स्विट्जरलैंड के प्रतिभाशाली इंजीनियरों, नवोन्मेषकों और उद्यमियों के साथ दोस्ती का हाथ लेकर आया हूँ।"
श्री गोयल ने साझेदारी के एक प्रतीकात्मक संकेत में भारत में एक समर्पित स्विस एन्क्लेव - स्विस व्यवसायों के लिए एक क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव रखा। यह एन्क्लेव भारत में अपना आधार स्थापित करने के इच्छुक स्विस उद्यमों के लिए आराम और घर जैसा वातावरण प्रदान करेगा।
केंद्रीय मंत्री महोदय ने भारत के उल्लेखनीय परिवर्तन - 30 वर्ष पहले 270 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से आज 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था - और देश की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने पर 30-35 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ने की इसकी महत्वाकांक्षा पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत की युवा जनसांख्यिकी का उल्लेख किया जिसकी औसत आयु 28.4 वर्ष है। श्री गोयल ने इस बात पर बल दिया कि आने वाले दशकों में भी देश युवा और जीवंत बना रहेगा।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री गोयल ने एक भरोसेमंद, कानून-आधारित और लोकतांत्रिक देश के रूप में भारत के लाभों को रेखांकित किया, जहाँ स्विस व्यवसाय बिना किसी भेदभाव के डर के काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "लोकतंत्र, जनसांख्यिकीय लाभांश, निर्णायक नेतृत्व और विविधता भारत को एक भरोसेमंद साझेदार बनाती है।"
श्री गोयल ने भारत-ईएफटीए व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते (टीईपीए) का उल्लेख करते हुए इसे "विश्वास और दक्षता भागीदारी" कहा - एक ऐसा रिश्ता जो आपसी विश्वास और पूरकता पर आधारित है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह साझेदारी भारत और चार ईएफटीए देशों के बीच सहयोग के एक नए युग की शुरुआत करेगी, जिससे व्यापार, निवेश और नवाचार के नए रास्ते खुलेंगे।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा, "मैं विशेष रूप से स्विटजरलैंड के लघु एवं मध्यम उद्यम (एसएमई) क्षेत्र को पिछले दशक में भारत के उल्लेखनीय विकास को देखने के लिए आमंत्रित करता हूं। इससे आपको वह आत्मविश्वास मिलेगा जिसकी हम आकांक्षा रखते हैं।" उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले 10 वर्षों में भारत में 80 नए हवाई अड्डे चालू हुए हैं, जिनमें ज्यूरिख हवाई अड्डे के साथ साझेदारी में एक नया हवाई अड्डा भी शामिल है। श्री गोयल ने कहा, "हमारी बंदरगाह क्षमता दोगुनी हो गई है और राष्ट्रीय राजमार्ग तथा एक्सप्रेसवे अब जर्मनी के बराबर हैं। हमने 104 नए अंतर्देशीय जलमार्ग भी जोड़े हैं और अपनी बिजली उत्पादन क्षमता को दोगुना कर दिया है, साथ ही सौर ऊर्जा क्षमता 50 गुना बढ़ गई है। बुनियादी ढांचे पर सरकार का 125 बिलियन डॉलर से अधिक का वार्षिक व्यय भारत की विकास कहानी के लिए एक शक्तिशाली गुणक प्रभाव पैदा करता है।"
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने भारत के मजबूत शिक्षा इकोसिस्टम पर भी प्रकाश डालते हुए बताया कि देश दुनिया भर में सबसे अधिक संख्या में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) स्नातक तैयार करता है, जिनमें से 43 प्रतिशत महिलाएं हैं। उन्होंने कहा, "पैमाने और गति के साथ संयुक्त यह प्रतिभा समूह भारत को एक आदर्श निवेश गंतव्य बनाता है।"
श्री गोयल ने विश्व बैंक के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भारत में अत्यधिक गरीबी घटकर मात्र 5 प्रतिशत रह गई है, जो पिछले 11 वर्षों में 270 मिलियन लोगों की कमी है और निकट भविष्य में इसके समाप्त होने की संभावना है। उन्होंने भारत के विकास मॉडल को कल्याण और उपभोग-आधारित विकास का मिश्रण बताया, जिसे विनिर्माण और प्रौद्योगिकी में निवेश का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा, “भारत आज वैश्विक भागीदारों का स्वागत करने के लिए तैयार और इच्छुक है। हमारा देश एक गतिशील देश है, जो अवसरों से भरा हुआ है।”
श्री गोयल ने अपने संबोधन का समापत स्विस व्यवसाय समुदाय को भारत आने का व्यक्तिगत निमंत्रण देते हुए किया। उन्होंने कहा, “आओ भारत की खोज करें। आओ अतुल्य भारत का अनुभव करें। आओ एक ऐसे राष्ट्र की सुंदरता और परिवर्तन को देखें जो दूसरे देशों की छाया से उभर रहा है और राष्ट्रों के समुदाय में अपना उचित स्थान प्राप्त कर रहा है।”
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(Release ID: 2135536)