रक्षा मंत्रालय
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 एक टिकाऊ भविष्य की दिशा में भारतीय नौसेना के प्रयास
Posted On:
05 JUN 2025 6:09PM by PIB Delhi
पर्यावरण संबंधी जिम्मेदारी के लिए प्रतिबद्ध एक बल के रूप में, भारतीय नौसेना अक्षय ऊर्जा को तेजी से अपनाने और टिकाऊ तौर-तरीकों के माध्यम से अपने पारिस्थितिक पदचिह्न को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। अपने हरित पहल कार्यक्रम की गति बढ़ाने के साथ, विश्व पर्यावरण दिवस जैसे अवसर वैश्विक पर्यावरण प्रयासों के प्रति नौसेना की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण मील के पत्थर के रूप में कार्य करते हैं। इस वर्ष, देश भर में नौसेना इकाइयों और प्रतिष्ठानों ने कई पहल शुरू की हैं, जो ‘स्वच्छ और हरित पर्यावरण’ की ओर बदलाव को आगे बढ़ा रही हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 का विषय ‘विश्व स्तर पर प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना’ है। इस थीम को आगे बढ़ाने के लिए, नौसेना स्टेशनों को ‘नो प्लास्टिक जोन’ घोषित करने, एकल-उपयोग प्लास्टिक को कम करने के लिए वेबिनार और पोस्टर प्रतियोगिताएं, सार्वजनिक शपथ दिलाना, तटीय क्षेत्रों से प्लास्टिक का निपटान और पुनर्प्राप्ति, मैंग्रोव वृक्षारोपण, समुद्री शैवाल की खेती और कोरल रीफ सर्वेक्षण पर नई पहल जैसे प्रयासों को सभी केंद्रीय और राज्य सरकार के विभागों और बड़ी संख्या में सरकार द्वारा नामित और पर्यावरण के प्रति जागरूक फर्मों के साथ गहन बातचीत के साथ सुगम बनाया गया है।
तटीय संरक्षण के प्रति नौसेना की प्रतिबद्धता को और मजबूत करते हुए, मेसर्स द हैबिटैट्स ट्रस्ट और एचसीएल फाउंडेशन के साथ तटीय पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए किए गए समझौता ज्ञापन के तहत फ्लोटिंग ट्रैश बैरियर लगाने और जैव विविधता सर्वेक्षण की व्यवहार्यता पर भी काम किया गया है।
पर्यावरण संरक्षण में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, नौसेना स्टेशनों, कार्यालय परिसरों और आवासीय क्वार्टरों में इंटरैक्टिव सत्र, व्याख्यान और कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं। द हैबिटैट्स ट्रस्ट के विशेषज्ञों ने समुद्री जीवन पर प्लास्टिक प्रदूषण के विनाशकारी प्रभाव पर हुई चर्चाओं का नेतृत्व किया है, जिससे व्यापक जुड़ाव और ज्ञान-साझा किया जाना सुनिश्चित हुआ है।
नौसेना प्रतिष्ठानों में, एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक को खत्म करने के लिए प्लास्टिक संग्रह अभियान चलाए गए हैं। श्रमदान प्रयासों सहित सामूहिक पहलों के माध्यम से, नौसेना कर्मियों और परिवारों ने स्वच्छ और टिकाऊ पर्यावरण को बनाए रखने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है।
भारतीय नौसेना ने तटीय स्टेशनों पर राष्ट्रव्यापी समुद्र तट सफाई अभियान आयोजित किए हैं, जिसमें नौसेना, डीएससी और रक्षा नागरिक कर्मियों के साथ-साथ उनके परिवारों के बीच बड़े पैमाने पर भागीदारी को बढ़ावा दिया गया है। इन आयोजनों का उद्देश्य गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे से उत्पन्न पर्यावरणीय खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
इस मिशन को आगे बढ़ाते हुए, कर्मियों को शामिल करने और उन्हें शिक्षित करने के उद्देश्य से भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने से जुड़े विषयों पर पोस्टर बनाने की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं।
स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और कार्बन अवशोषण में योगदान देने के लिए वृक्षारोपण अभियान भी शुरू किए गए हैं। उन्नत पुनर्रोपण तकनीकों का उपयोग करते हुए, दो से सात साल की उम्र के पेड़ों को उनके पर्यावरणीय प्रभाव को अधिकतम करने के लिए सावधानीपूर्वक स्थानांतरित किया जा रहा है।
तूफान, बाढ़ और कटाव के खिलाफ प्राकृतिक अवरोधों के रूप में मैंग्रोव तटीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारतीय नौसेना तटीय क्षेत्रों में मैंग्रोव वृक्षारोपण का विस्तार करने के लिए चरणबद्ध तरीके से व्यापक अभियान चला रही है, जिसमें मौजूदा वृक्षारोपण का आकलन करने और नए अभियान शुरू करने के लिए अग्रणी मैंग्रोव विशेषज्ञों को शामिल किया जा रहा है।
भारतीय नौसेना पर्यावरण संरक्षण को बनाए रखने के अपने मिशन में दृढ़ है, भारत के समृद्ध समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा करते हुए स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास कर रही है। इस विश्व पर्यावरण दिवस पर, नौसेना स्वच्छ और हरित भविष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।
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