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विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ ने वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया, केंद्रीय मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने “प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने” पर ध्यान केंद्रित करते हुए हरित पहल का नेतृत्व किया

Posted On: 05 JUN 2025 3:21PM by PIB Delhi

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के उपलक्ष्य में "प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना",विषय पर आयुष मंत्रालय के अंतर्गत स्वायत्त संगठन, राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (आरएवी) ने नई दिल्ली में आयुष मंत्रालय परिसर में वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया। इस पहल का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ आयुर्वेद के अभिन्न संबंध को प्रदर्शित करना और दीर्घकालीन जीवन पद्धतियों को प्रोत्साहन देना था।

केंद्रीय आयुष और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रतापराव जाधव ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। आयुष मंत्रालय के सचिव और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित वैद्य राजेश कोटेचा और राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ की निदेशक वैद्य वंदना सिरोहा भी कार्यक्रम में उपस्थित थीं।

श्री प्रतापराव जाधव ने अपने संबोधन में पर्यावरण संरक्षण प्रयासों के साथ आयुर्वेदिक सिद्धांतों को एकीकृत करने के महत्व पर प्रकाश डाला। श्री जाधव ने कहा "आयुर्वेद स्वाभाविक रूप से पर्यावरण के प्रति जागरूक है। विश्व पर्यावरण दिवस पर, हम पेड़ लगाकर और प्लास्टिक के प्रयोग को कम कर दीर्घकालिक जीवन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने और एक स्वस्थ ग्रह का निर्माण करने के लिए मिलकर कार्य करें,

वृक्षारोपण में विभिन्न प्रकार के स्वदेशी और औषधीय पौधे लगाए गए, जो प्रकृति के साथ समरसता में रहने के आयुर्वेदिक दर्शन की पुष्टि करते हैं। कार्यक्रम से प्लास्टिक प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और पारंपरिक भारतीय ज्ञान प्रणालियों से जुड़े विकल्पों को प्रोत्साहन मिला।

वैद्य राजेश कोटेचा ने आयुर्वेद के माध्यम से एक दीर्घकालीन भविष्य निर्माण की दिशा में मंत्रालय के सक्रिय प्रयासों के संबंध में जानकार दी। वैद्य देविंदर त्रिगुणा ने पारिस्थितिकी कल्याण और समग्र स्वास्थ्य के बीच प्रगाढ़ संबंध पर जोर दिया। वैद्य वंदना सिरोहा ने पर्यावरणीय उत्तरदायिता और शैक्षिक प्रसार के लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

प्लास्टिक की खपत को कम करने और दैनिक जीवन में पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की प्रतिबद्धता के प्रतीक के रुप में सभी उपस्थित लोगों को कपड़े के थैले भी वितरित किए गए। इस पहल से प्रतिभागियों को दीर्घकालिक आदतें अपनाने और एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक से दूर रहने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

यह पहल आयुष मंत्रालय और राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस की वैश्विक विषय वस्तु के साथ सामजंस्य बिठाने तथा पारिस्थितिकी और मानव स्वास्थ्य को प्रोत्साहन देने वाली पारंपरिक प्रथाओं को प्रोत्साहन देने के लिए शुरू की गई कई पहलों में से एक है।

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एमजी/केसी/एजे/एसवी     


(Release ID: 2134182)