विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) - जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने बायोई3 नीति के तहत संयुक्त कार्य समूह की बैठक का आयोजन किया
Posted On:
29 MAY 2025 5:49PM by PIB Delhi
पहली इसरो-डीबीटी जेडब्ल्यूजी बैठक 28 मई 2025 को (ऑनलाइन मोड के माध्यम से) श्री एम गणेश पिल्लई, वैज्ञानिक सचिव, इसरो की अध्यक्षता और डॉ. अलका शर्मा, वरिष्ठ सलाहकार/विज्ञान-एच डीबीटी की सह-अध्यक्षता में आयोजित की गई। जेडब्ल्यूजी की बैठक जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) के बीच 25 अक्टूबर 2024 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का अनुवर्ती है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी पहलों को मंजूरी दे दी है, जिसमें क्रमशः भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना की घोषणा और देश में उच्च प्रदर्शन जैव विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए ‘बायोई3 (अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) नीति’ का अनावरण शामिल है। उच्च प्रदर्शन जैव विनिर्माण को बढ़ावा देने की पहल के तहत, भविष्य की अंतरिक्ष जैव प्रौद्योगिकी/जैव विनिर्माण विषयगत क्षेत्रों में से एक है।
सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए इसरो-डीबीटी संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) का गठन किया गया है। इसरो-डीबीटी सहयोग के तत्वावधान में, वर्तमान में जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) संस्थान - अंतर्राष्ट्रीय जेनेटिक इंजीनियरिंग और जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (आईसीजीईबी), नई दिल्ली और ब्रिक-इनस्टेम बैंगलोर अंतरिक्ष जैव प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष जैव विनिर्माण के क्षेत्र में प्रयोगों की संभावना तलाश रहे हैं। संयुक्त कार्य समूह ने अंतरिक्ष जैव विनिर्माण और अंतरिक्ष जैव प्रौद्योगिकी में इसरो-डीबीटी संयुक्त “अवसर की घोषणा” पर चर्चा की। कई अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा की गई। संयुक्त कार्य समूह ने भविष्य के दीर्घकालिक अंतरिक्ष मिशनों के लिए बाह्य स्थलीय जैव-विनिर्माण या अंतरिक्ष में जैव-विनिर्माण के क्षेत्र में इसरो और जैव-विनिर्माण दोनों के लिए अवसरों पर भी चर्चा की।


****
एमजी/केसी/जीके
(Release ID: 2132442)