संस्कृति मंत्रालय
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत एक सुदृढ़ ब्रिक्स सांस्कृतिक इको सिस्टम के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है : श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत
"विकास भी, विरासत भी": भारत ने वैश्विक दक्षिण सहयोग के एक स्तंभ के रूप में सांस्कृतिक कूटनीति की पुष्टि की
ब्रिक्स ने संस्कृति पर संयुक्त घोषणा को अपनाया; भारत ने विरासत, नवाचार और जलवायु अनुकूलन का समर्थन किया
भारत ने ब्राजील में 10वीं ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों की बैठक में सांस्कृतिक न्याय, रचनात्मक अर्थव्यवस्था और नैतिक एआई का समर्थन किया
Posted On:
26 MAY 2025 9:30PM by PIB Delhi
भारत ने 26 मई 2025 को ब्राज़ील के विदेश मंत्रालय के प्रतिष्ठित इटामारती पैलेस में आयोजित 10वीं ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों की बैठक में सक्रिय रूप से भागीदारी की। केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए ब्रिक्स देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को परिपुष्ट करने के उद्देश्य से उच्च स्तरीय चर्चाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने संबोधन में संस्कृति, नवाचार और वाणिज्य के बीच रणनीतिक जुड़ाव के रूप में रचनात्मक अर्थव्यवस्था पर बल देते हुए कहा कि यह सकल घरेलू उत्पाद, रोजगार और डिजिटल कौशल विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
श्री शेखावत ने कहा कि भारत का सांस्कृतिक दृष्टिकोण 'विकास भी, विरासत भी' हमारी इस धारणा को दर्शाता है कि विकास और विरासत को एक साथ आगे बढ़ना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत साझा मूल्यों और मानवीय गरिमा पर आधारित एक मजबूत ब्रिक्स सांस्कृतिक इको सिस्टम के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आह्वान किया:
- सांस्कृतिक संपत्ति की अवैध तस्करी, विशेष रूप से ऑनलाइन, से निपटने के लिए सक्षम कानूनी ढांचा
- सांस्कृतिक विविधता, बौद्धिक संपदा और रचनाकारों को सम्मान के साथ उचित पारिश्रमिक के लिए नैतिक एआई
- जलवायु अनुकूलन और उदारवादी प्रयासों में स्वदेशी ज्ञान का एकीकरण
- संग्रहालयों, विरासत, प्रदर्शन कला, साहित्य और पारंपरिक शिल्प में बहुपक्षीय और द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार

श्री शेखावत ने सांस्कृतिक संपत्ति की वापसी पर ब्राजील की पहल का भी स्वागत करते हुए इसे सांस्कृतिक न्याय और सभ्यतागत गरिमा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने 642 सांस्कृतिक कलाकृतियों (2014-2024) को वापस लाने में भारत की सफलता को वैश्विक सहयोग के लिए एक मानदंड के रूप में रेखांकित किया।

"अधिक समावेशी और दीर्घकालिक शासन के लिए वैश्विक दक्षिण सहयोग को मजबूत करना" विषय पर आयोजित मंत्रिस्तरीय वार्ता का समापन एक संयुक्त घोषणापत्र को अपनाने के साथ हुआ, जिसमें चार रणनीतिक सांस्कृतिक प्राथमिकताओं को रेखांकित किया गया:
- संस्कृति, रचनात्मक अर्थव्यवस्था और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)
- संस्कृति, जलवायु परिवर्तन और 2030 के बाद का विकास एजेंडा
- सांस्कृतिक संपत्ति की वापसी और सुरक्षा
- ब्रिक्स सांस्कृतिक उत्सव और गठबंधन
यह घोषणापत्र समावेशी, अधिकार-आधारित और नवाचार-संचालित सांस्कृतिक विकास के लिए एक सामूहिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह संस्कृति और रचनात्मक उद्योगों को सतत विकास के चालक के रूप में मान्यता देता है, नैतिक एआई एकीकरण, पारंपरिक ज्ञान के लिए सुरक्षा उपायों का आह्वान करता है और सांस्कृतिक निवेश में वृद्धि का समर्थन करता है।

इस अवसर पर श्री शेखावत ने रचनात्मक अर्थव्यवस्था, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और डिजिटल नवाचार में साझेदारी की संभावनाओं पर विचार-विमर्श के लिए ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।
इससे पहले, ब्रिक्स संस्कृति कार्य समूह की बैठक का आयोजन 22 से 23 मई 2025 को हुआ था। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री संजय कौल और निदेशक सुश्री प्रियंका चंद्रा कर रहे हैं।
10वीं ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों की बैठक में भारत की भागीदारी सांस्कृतिक कूटनीति, नवाचार और विरासत संरक्षण में इसके बढ़ते नेतृत्व को रेखांकित करती है और यह वैश्विक दक्षिण के साथ संबंधों को मजबूत करते हुए एक अधिक समावेशी सांस्कृतिक भविष्य को आकार प्रदान करेगी।
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