सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) – मासिक बुलेटिन [अप्रैल 2025]
Posted On:
15 MAY 2025 4:00PM by PIB Delhi
मुख्य निष्कर्ष
- अप्रैल, 2025 के दौरान 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 55.6 प्रतिशत थी। समान आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए अप्रैल, 2025 के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में एलएफपीआर 58 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 50.7 प्रतिशत थी।
- अप्रैल, 2025 के दौरान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों के लिए सीडब्ल्यूएस में एलएफपीआर क्रमशः 79 प्रतिशत और 75.3 प्रतिशत थी।
- अप्रैल, 2025 के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं के बीच एलएफपीआर 38.2 प्रतिशत थी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच सीडब्ल्यूएस में श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) 55.4 प्रतिशत था। शहरी क्षेत्रों में समान आयु वर्ग के व्यक्तियों के बीच डब्ल्यूपीआर 47.4 प्रतिशत था, जबकि देश स्तर पर समग्र डब्ल्यूपीआर अप्रैल, 2025 के दौरान 52.8 प्रतिशत रहा।
- अप्रैल, 2025 में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं के लिए डब्ल्यूपीआर डब्ल्यूपीआर क्रमशः 36.8 प्रतिशत और 23.5 प्रतिशत थी और देश स्तर पर समान आयु वर्ग की समग्र महिला डब्ल्यूपीआर 32.5 प्रतिशत देखी गई।
- अप्रैल, 2025 में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों में सीडब्ल्यूएस में बेरोजगारी दर (यूआर) 5.1 प्रतिशत थी। देश स्तर पर पुरुष यूआर 5 प्रतिशत की तुलना में महिला यूआर 5.2 प्रतिशत पर थोड़ा अधिक थी।
क. परिचय
बढ़ी हुई कवरेज के साथ उच्च आवृत्ति श्रम बल संकेतकों के निर्माण की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) की नमूना पद्धति को जनवरी 2025 से नया रूप दिया गया है। संशोधित पीएलएफएस डिजाइन में निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करने की परिकल्पना की गई है:
- अखिल भारतीय स्तर पर वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस [1] ) में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए मासिक आधार पर प्रमुख रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों ( अर्थात श्रम बल भागीदारी दर, श्रमिक जनसंख्या अनुपात और बेरोजगारी दर) का अनुमान लगाना
- पीएलएफएस के तिमाही परिणामों का कवरेज ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तारित करना और इस प्रकार वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में भारत के ग्रामीण और शहरी दोनों भागों को कवर करते हुए तिमाही अनुमान तैयार करना।
- ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सामान्य स्थिति [2] (पीएस+एसएस) और सीडब्ल्यूएस दोनों में महत्वपूर्ण रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों का सालाना अनुमान लगाना ।
मासिक परिणाम पीएलएफएस के मासिक बुलेटिन के रूप में जारी करने की योजना है। वर्तमान मासिक बुलेटिन अप्रैल, 2025 महीने के लिए श्रृंखला में पहला है।
बी. पीएलएफएस का नमूना डिजाइन
जनवरी, 2025 से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए पीएलएफएस में एक रोटेशनल पैनल सैंपलिंग डिज़ाइन को अपनाया गया है। इस रोटेशनल पैनल योजना में, प्रत्येक चयनित घर का लगातार चार महीनों में चार बार दौरा किया जाता है - एक पहले दौरे के कार्यक्रम के साथ और अन्य तीन बार फिर से आने के कार्यक्रम के साथ। रोटेशन की योजना यह सुनिश्चित करती है कि पहले चरण की सैंपलिंग इकाइयों (एफएसयू) का 75 प्रतिशत लगातार दो महीनों के बीच मिलान हो।
सी. नमूना आकार
अखिल भारतीय स्तर पर, अप्रैल 2025 तिमाही के दौरान कुल 7,511 एफएसयू (ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 4,140 जनगणना गांव या उप-इकाई और शहरी क्षेत्रों में 3,371 यूएफएस ब्लॉक या उप-इकाई) का सर्वेक्षण किया गया है। सर्वेक्षण किए गए परिवारों की संख्या 89,434 (ग्रामीण क्षेत्रों में 49,323 और शहरी क्षेत्रों में 40,111) थी और सर्वेक्षण किए गए व्यक्तियों की संख्या 3,80,838 (ग्रामीण क्षेत्रों में 2,17,483 और शहरी क्षेत्रों में 1,63,355) थी।
- त्रैमासिक बुलेटिन के लिए प्रमुख रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों की संकल्पनात्मक रूपरेखा : आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर), श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), बेरोजगारी दर (यूआर), आदि जैसे प्रमुख रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों का अनुमान देता है। इन संकेतकों और 'वर्तमान साप्ताहिक स्थिति' को निम्नानुसार परिभाषित किया गया है:
- श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर): एलएफपीआर को जनसंख्या में श्रम बल (अर्थात् काम करने वाले, काम की तलाश करने वाले या काम के लिए उपलब्ध) में शामिल व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।
- श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर): डब्ल्यूपीआर को जनसंख्या में कार्यरत व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।
- बेरोजगारी दर (यूआर): यूआर को श्रम बल में बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।
- वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस): सर्वेक्षण की तिथि से पहले के अंतिम 7 दिनों की संदर्भ अवधि के आधार पर निर्धारित गतिविधि स्थिति को व्यक्ति की वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) के रूप में जाना जाता है।
अप्रैल 2025 माह के लिए मासिक बुलेटिन मंत्रालय की वेबसाइट ( https://mospi.gov.in ) पर उपलब्ध है। मुख्य परिणाम संलग्न विवरण में दिए गए हैं।
डी . पीएलएफएस के पहले जारी अनुमानों के साथ मासिक अनुमानों की तुलना
आवधिक श्रम सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के नमूना डिजाइन को जनवरी 2025 से नया रूप दिया गया है। नमूना डिजाइन को नया रूप देने के हिस्से के रूप में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए मासिक रोटेशनल पैनल योजना लागू की गई है, जिसमें प्रत्येक चयनित घर का लगातार चार महीनों में चार बार दौरा किया जाता है – एक बार पहली बार और अन्य तीन बार अगले तीन महीनों में फिर से दौरा किया जाता है। पीएलएफएस में अपनाई जाने वाली बहुस्तरीय स्तरीकृत डिजाइन से संबंधित पहलुओं जैसे सर्वेक्षण की जाने वाली प्रथम चरण इकाइयों (एफएसयू) का चुनाव, प्राथमिक भौगोलिक इकाई (यानी मूल स्तर) जिसमें से एफएसयू का चयन किया जाता है, एफएसयू पर लागू स्तरीकरण नियम और एफएसयू के चयन के लिए नमूना चयन पद्धति को बदल दिया गया है। चयनित एफएसयू के भीतर सर्वेक्षण किए जाने वाले घरों की संख्या 8 से बढ़ाकर 12 कर दी गई है।
इसके अलावा, जांच की अनुसूची की संरचना में भी कुछ परिवर्तन किए गए हैं। पीएलएफएस के संशोधित नमूना डिजाइन और जांच की अनुसूची में किए गए परिवर्तनों का विवरण पीएलएफएस की विज्ञप्ति में दिया गया है, जिसका शीर्षक है पीएलएफएस: 2025 में बदलाव। पीएलएफएस परिणामों के उपयोगकर्ताओं को पीएलएफएस के प्रकाशनों के माध्यम से दिसंबर, 2024 तक जारी किए गए अनुमानों के साथ पीएलएफएस परिणामों की तुलना करते समय जनवरी 2025 से पीएलएफएस में लागू किए गए परिवर्तनों पर विचार करने की आवश्यकता है। इसलिए जनवरी 2025 के बाद के पीएलएफएस के परिणामों को उस संदर्भ में समझने और उपयोग करने की आवश्यकता है जिसके साथ पीएलएफएस की नमूना चयन पद्धति तैयार की गई है।
अनुलग्नक
पीएलएफएस के मुख्य निष्कर्ष, मासिक बुलेटिन (अप्रैल 2025)
1. अप्रैल 2025 के दौरान 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए सीडब्ल्यूएस में श्रम बल भागीदारी दर (प्रतिशत में)
|
क्षेत्र
|
आयु वर्ग
|
पुरुष
|
महिला
|
व्यक्ति
|
ग्रामीण
|
15-29 वर्ष
|
63.5
|
23.8
|
43.4
|
15 वर्ष और उससे अधिक
|
79.0
|
38.2
|
58.0
|
सभी उम्र
|
57.5
|
28.8
|
42.9
|
शहरी
|
15-29 वर्ष
|
59.1
|
21.5
|
41.2
|
15 वर्ष और उससे अधिक
|
75.3
|
25.7
|
50.7
|
सभी उम्र
|
58.5
|
20.5
|
39.9
|
ग्रामीण + शहरी
|
15-29 वर्ष
|
62.0
|
23.1
|
42.7
|
15 वर्ष और उससे अधिक
|
77.7
|
34.2
|
55.6
|
सभी उम्र
|
57.8
|
26.2
|
42.0
|
2. अप्रैल 2025 के दौरान 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए सीडब्ल्यूएस में श्रमिक जनसंख्या अनुपात (प्रतिशत में)
|
क्षेत्र
|
आयु वर्ग
|
पुरुष
|
महिला
|
व्यक्ति
|
ग्रामीण
|
15-29 वर्ष
|
55.3
|
21.2
|
38.0
|
15 वर्ष और उससे अधिक
|
75.1
|
36.8
|
55.4
|
सभी उम्र
|
54.7
|
27.7
|
41.0
|
शहरी
|
15-29 वर्ष
|
50.2
|
16.4
|
34.1
|
15 वर्ष और उससे अधिक
|
71.0
|
23.5
|
47.4
|
सभी उम्र
|
55.1
|
18.7
|
37.3
|
ग्रामीण + शहरी
|
15-29 वर्ष
|
53.6
|
19.8
|
36.8
|
15 वर्ष और उससे अधिक
|
73.7
|
32.5
|
52.8
|
सभी उम्र
|
54.8
|
24.9
|
39.8
|
3.अप्रैल 2025 के दौरान 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए सीडब्ल्यूएस में बेरोजगारी दर (प्रतिशत में)
|
क्षेत्र
|
आयु वर्ग
|
पुरुष
|
महिला
|
व्यक्ति
|
ग्रामीण
|
15-29 वर्ष
|
13.0
|
10.7
|
12.3
|
15 वर्ष और उससे अधिक
|
4.9
|
3.9
|
4.5
|
सभी उम्र
|
4.9
|
3.8
|
4.5
|
शहरी
|
15-29 वर्ष
|
15.0
|
23.7
|
17.2
|
15 वर्ष और उससे अधिक
|
5.8
|
8.7
|
6.5
|
सभी उम्र
|
5.8
|
8.7
|
6.5
|
ग्रामीण + शहरी
|
15-29 वर्ष
|
13.6
|
14.4
|
13.8
|
15 वर्ष और उससे अधिक
|
5.2
|
5.0
|
5.1
|
सभी उम्र
|
5.2
|
5.0
|
5.1
|
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