संचार मंत्रालय
दूरसंचार सदस्यता डेटा की 31 मार्च, 2025 तक मुख्य विशेषताएं
Posted On:
07 MAY 2025 4:41PM by PIB Delhi
विवरण
|
वायरलेस
|
वायरलाइन
|
कुल
(वायरलेस+
वायरलाइन)
|
ब्रॉडबैंड उपभोक्ता (मिलियन में)
|
902.74*
|
41.39
|
944.12
|
शहरी टेलीफोन उपभोक्ता (मिलियन में)
|
632.57 *
|
33.54
|
666.11
|
मार्च, 2025 में शुद्ध वृद्धि (मिलियन में)
|
-1.64
|
-0.39
|
-2.03
|
मासिक वृद्धि दर
|
-0.26प्रतिशत
|
-1.15प्रतिशत
|
-0.30 प्रतिशत
|
ग्रामीण टेलीफोन उपभोक्ता (मिलियन में)
|
531.18 *
|
3.50
|
534.69
|
मार्च, 2025 में शुद्ध वृद्धि (मिलियन में)
|
4.86
|
0.52
|
5.38
|
मासिक वृद्धि दर
|
0.92 प्रतिशत
|
17.59 प्रतिशत
|
1.02 प्रतिशत
|
कुल टेलीफोन उपभोक्ता (मिलियन में)
|
1163.76 *
|
37.04
|
1200.80
|
मार्च, 2025 में शुद्ध वृद्धि (मिलियन में)
|
3.21
|
0.13
|
3.35
|
मासिक वृद्धि दर
|
0.28 प्रतिशत
|
0.37 प्रतिशत
|
0.28 प्रतिशत
|
कुल दूरसंचार -घनत्व @ (प्रतिशत)
|
82.42 प्रतिशत
|
2.62 प्रतिशत
|
85.04 प्रतिशत
|
शहरी दूरसंचार -घनत्व @ (प्रतिशत)
|
124.83 प्रतिशत
|
6.62 प्रतिशत
|
131.45 प्रतिशत
|
ग्रामीण दूरसंचार घनत्व @ (प्रतिशत)
|
58.67 प्रतिशत
|
0.39 प्रतिशत
|
59.06 प्रतिशत
|
शहरी ग्राहकों का हिस्सा
|
54.36 प्रतिशत
|
90.55 प्रतिशत
|
55.47प्रतिशत
|
ग्रामीण उपभोक्ताओं का हिस्सा
|
45.64 प्रतिशत
|
9.45 प्रतिशत
|
44.53 प्रतिशत
|
- मार्च 2025 में 13.54 मिलियन ग्राहकों ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) के लिए अपने अनुरोध प्रस्तुत किए। इसके साथ ही, एमएनपी के कार्यान्वयन के बाद से संचयी एमएनपी अनुरोध फरवरी-25 के अंत में 1105.39 मिलियन से बढ़कर मार्च-25 के अंत में 1118.94 मिलियन हो गए।
- मार्च 2025 में सक्रिय वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं की संख्या (शीर्ष वीएलआर # की तिथि पर ) 1074.21 मिलियन थी।
नोट:
- * वायरलेस में 5जी एफडब्ल्यूए सदस्यता भी शामिल है।
- @ 'भारत एवं राज्यों के लिए जनसंख्या अनुमानों पर तकनीकी समूह की रिपोर्ट 2011-2036' से जनसंख्या के अनुमान के आधार पर।
- # वी.एल.आर. आगंतुक स्थान रजिस्टर का संक्षिप्त नाम है। विभिन्न टी.एस.पी. के लिए अधिकतम वी.एल.आर. की तिथियां विभिन्न सेवा क्षेत्रों में अलग-अलग होती हैं।
- इस प्रेस विज्ञप्ति में दी गई जानकारी सेवा प्रदाताओं द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर आधारित है।
- ब्रॉडबैंड ग्राहक
- फरवरी 2025 के 1189 ऑपरेटरों की तुलना में मार्च 2025 में 1206 ऑपरेटरों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुल ब्रॉडबैंड ग्राहक फरवरी-25 के अंत के 944.04 मिलियन से बढ़कर मार्च-25 के अंत में 944.12 मिलियन हो गए, इसकी मासिक वृद्धि दर 0.009 प्रतिशत रही। श्रेणी-वार ब्रॉडबैंड ग्राहक और उनकी मासिक वृद्धि दर इस प्रकार है: -
मार्च, 2025 माह में खंडवार ब्रॉडबैंड ग्राहक और मासिक वृद्धि दर
श्रेणी
|
सदस्यता
|
ग्राहक
(मिलियन में)
|
प्रतिशत परिवर्तन
|
फ़रवरी-25
|
मार्च-25
|
वायर्ड सब्सक्राइबर
|
फिक्स्ड (वायर्ड) ब्रॉडबैंड
(डीएसएल, एफटीटीएक्स, ईथरनेट/लैन, केबल मॉडेम, आईएलएल)
|
41.20
|
41.39
|
0.44 प्रतिशत
|
वायरलेस ग्राहक
|
फिक्स्ड वायरलेस ब्रॉडबैंड
(एफडब्लयूए-5जी, वाई-फाई, वाई-मैक्स, रेडियो, सैटेलाइट)
|
4.89
|
4.89
|
0.16 प्रतिशत
|
मोबाइल ब्रॉडबैंड
(हैंडसेट/डोंगल आधारित)
|
897.95
|
897.84
|
-0.01 प्रतिशत
|
कुल ब्रॉडबैंड ग्राहक
|
944.04
|
94 4 .12 *
|
0.009 प्रतिशत
|
* यह रिपोर्ट मेसर्स रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड और मेसर्स भारती एयरटेल लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत अंतिम रिपोर्ट (नवंबर 2024) इंटरनेट सदस्यता डेटा पर विचार करते हुए तैयार की गई है, क्योंकि उन्होंने दिसंबर-2024 और जनवरी, फरवरी और मार्च-2025 के लिए निर्धारित प्रारूप में अपेक्षित डेटा प्रस्तुत नहीं किया है ।
31 मार्च 2025 तक, शीर्ष पांच ब्रॉडबैंड
(वायर्ड + वायरलेस) सेवा प्रदाता
क्र.सं.
|
सेवा प्रदाता का नाम
|
ग्राहक आधार
(मिलियन में)
|
-
|
रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड
|
476.58*
|
-
|
भारती एयरटेल लिमिटेड
|
289.31*
|
-
|
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड
|
126.41
|
-
|
भारत संचार निगम लिमिटेड
|
34.57
|
-
|
एट्रिया कन्वर्जेंस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड
|
2.29
|
शीर्ष पांच ब्रॉडबैंड (वायर्ड+वायरलेस) का बाजार हिस्सा
|
98.41 प्रतिशत
|
*24 नवंबर तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार
- ब्रॉडबैंड सेवाओं के सेवा प्रदाता-वार बाजार हिस्सेदारी का ग्राफिक विवरण नीचे दिया गया है: -
ब्रॉडबैंड का सेवा प्रदाता-वार बाजार हिस्सा
(वायर्ड + वायरलेस) 31 मार्च, 2025 तक सेवाएं

31 मार्च, 2025 तक, शीर्ष पांच फिक्स्ड (वायर्ड) ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाता
क्रं.सं.
|
सेवा प्रदाता का नाम
|
ग्राहक आधार
(मिलियन में)
|
-
|
रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड
|
11.48*
|
-
|
भारती एयरटेल लिमिटेड
|
8.55*
|
-
|
भारत संचार निगम लिमिटेड
|
4.34
|
-
|
एट्रिया कन्वर्जेंस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड
|
2.29
|
-
|
केरल विजन ब्रॉडबैंड लिमिटेड
|
1.31
|
शीर्ष पांच फिक्स्ड (वायर्ड) ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं की बाजार हिस्सेदारी
|
67.57 प्रतिशत
|
*24 नवंबर तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार
31 मार्च, 2025 तक शीर्ष पांच वायरलेस (फिक्स्ड वायरलेस और मोबाइल) ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाता
क्रं.सं.
|
सेवा प्रदाता का नाम
|
ग्राहक आधार
(मिलियन में)
|
-
|
रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड
|
465.10*
|
-
|
भारती एयरटेल लिमिटेड
|
280.76*
|
-
|
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड
|
126.40
|
-
|
भारत संचार निगम लिमिटेड
|
30.23
|
-
|
आईबस वर्चुअल नेटवर्क सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड
|
0.09
|
शीर्ष पांच वायरलेस ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं की बाजार हिस्सेदारी
|
99.98 प्रतिशत
|
* 24 नवंबर तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार
- वायरलाइन उपभोक्ता
- वायरलाइन उपभोक्ताओं की संख्या फरवरी-25 के 36.91 मिलियन से बढ़कर मार्च-25 में 37.04 मिलियन हो गई। वायरलाइन उपभोक्ताओं की संख्या में शुद्ध वृद्धि 0.13 मिलियन रही, जबकि मासिक वृद्धि दर 0.37 प्रतिशत रही।
- भारत में कुल वायरलाइन दूरसंचार-घनत्व मार्च-25 के अंत में वही यानी 2.62 प्रतिशत रहा जो फरवरी-25 के अंत में था। इसी अवधि के दौरान शहरी और ग्रामीण वायरलाइन दूरसंचार-घनत्व क्रमशः 6.62 प्रतिशत और 0.39 प्रतिशत था। मार्च, 2025 के अंत में कुल वायरलाइन ग्राहकों में शहरी और ग्रामीण ग्राहकों की हिस्सेदारी क्रमशः 90.55 प्रतिशत और 9.45 प्रतिशत थी।
- 31 मार्च 2025 तक तीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बीएसएनएल, एमटीएनएल और एपीएसएफएल के पास वायरलाइन बाजार हिस्सेदारी का 27.87 प्रतिशत हिस्सा था । वायरलाइन ग्राहक आधार के विस्तृत आंकड़े अनुलग्नक-I पर उपलब्ध हैं ।
वायरलाइन उपभोक्ताओं का एक्सेस सेवा प्रदाता-वार बाजार हिस्सा
31 मार्च, 2025 तक

मार्च, 2025 के दौरान एक्सेस सेवा प्रदाता-वार वायरलाइन उपभोक्ताओं की संख्या में शुद्ध वृद्धि/कमी

- वायरलेस (मोबाइल+5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहक
- कुल वायरलेस (मोबाइल+5जी- एफडब्ल्यूए) ग्राहक फरवरी-25 के 1,160.33 मिलियन से बढ़कर मार्च-25 के अंत में 1,163.76 मिलियन हो गए और इसकी मासिक वृद्धि दर 0.28 प्रतिशत दर्ज की गई। शहरी क्षेत्रों में कुल वायरलेस ग्राहक फरवरी-25 के 634 मिलियन से घटकर मार्च-25 को 632.57 मिलियन हो गया और इसी अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहक संख्या भी 526.33 मिलियन से बढ़कर 531.18 मिलियन हो गया। शहरी और ग्रामीण वायरलेस ग्राहकों की मासिक वृद्धि दर क्रमशः -0.26 प्रतिशत और 0.92 प्रतिशत रही।

- भारत में वायरलेस टेली-घनत्व फरवरी-25 के 82.23 प्रतिशत से बढ़कर मार्च-25 में 82.42 प्रतिशत हो गया। शहरी वायरलेस टेली-घनत्व फरवरी-25 के 125.30 प्रतिशत से घटकर मार्च-25 में 124.83 प्रतिशत हो गया, जबकि इसी अवधि के दौरान ग्रामीण टेली-घनत्व 58.16 प्रतिशत से बढ़कर 58.67 प्रतिशत हो गया। मार्च-25 के अंत में कुल वायरलेस ग्राहकों में शहरी और ग्रामीण वायरलेस ग्राहकों की हिस्सेदारी क्रमशः 54.36 प्रतिशत और 45.64 प्रतिशत थी।

- वायरलेस (मोबाइल) और वायरलेस (5जी एफडब्ल्यूए) उपभोक्ताओं का विवरण नीचे दिया गया है : -
(ए) वायरलेस (मोबाइल) ग्राहक
- कुल वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं की संख्या फरवरी-25 के 1,154.05 मिलियन से बढ़कर मार्च-25 में 1,156.99 मिलियन हो गई और इसकी मासिक वृद्धि दर 0.25 प्रतिशत दर्ज की गई। शहरी क्षेत्रों में वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं की संख्या फरवरी-25 के 627.94 मिलियन से बढ़कर मार्च-25 में 628.31 मिलियन हो गई और इसी अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं की संख्या भी 526.11 मिलियन से बढ़कर 528.68 मिलियन हो गई। शहरी और ग्रामीण वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं की मासिक वृद्धि दर क्रमशः 0.06 प्रतिशत और 0.49 प्रतिशत रही।

- भारत में वायरलेस (मोबाइल) टेली-घनत्व फरवरी-25 के 81.79 प्रतिशत से बढ़कर मार्च-25 में 81.94 प्रतिशत हो गया। शहरी वायरलेस टेली-घनत्व फरवरी-25 के अंत में 124.10 प्रतिशत से घटकर मार्च-25 के अंत में 123.99 प्रतिशत हो गया, जबकि इसी अवधि के दौरान ग्रामीण टेली-घनत्व 58.13 प्रतिशत से बढ़कर 58.40 प्रतिशत हो गया। मार्च 2025 के अंत में कुल वायरलेस (मोबाइल) ग्राहकों में शहरी और ग्रामीण वायरलेस (मोबाइल) ग्राहकों की हिस्सेदारी क्रमशः 54.31 प्रतिशत और 45.69 प्रतिशत थी। वायरलेस (मोबाइल) ग्राहक आधार के विस्तृत आँकड़े अनुलग्नक-II में उपलब्ध हैं।

• 31 मार्च 2025 तक, निजी एक्सेस सेवा प्रदाताओं के पास वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं की 92.04 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी थी, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के दो एक्सेस सेवा प्रदाताओं, बीएसएनएल और एमटीएनएल की बाजार हिस्सेदारी केवल 7.96 प्रतिशत थी।
- एक्सेस सेवा प्रदातावार बाजार हिस्सेदारी और वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ता आधार में शुद्ध वृद्धि का ग्राफिक नीचे दिया गया है: -
31 मार्च, 2025 तक वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं के लिहाज से एक्सेस सेवा प्रदाता-वार बाजार हिस्सेदारी

मार्च, 2025 में एक्सेस सेवा प्रदाताओं के वायरलेस (मोबाइल) ग्राहकों की संख्या में शुद्ध वृद्धि/कमी

वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि
मार्च, 2025 में प्रमुख एक्सेस सेवा प्रदाता-वार वायरलेस उपभोक्ताओं की मासिक वृद्धि/गिरावट दर
मार्च, 2025 माह में वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं की सेवा क्षेत्र-वार मासिक वृद्धि/गिरावट दर

- तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और कोलकाता को छोड़कर अन्य सभी सेवा क्षेत्रों में मार्च-25 माह के दौरान वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि देखी गई।
(बी) वायरलेस (5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहक
- कुल वायरलेस (5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहकों की संख्या फरवरी-25 के 6.27 मिलियन से बढ़कर मार्च-25 में 6.77 मिलियन हो गई, जिसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहकों की संख्या क्रमशः 4.26 मिलियन और 2.51 मिलियन थी।
- मार्च, 2025 में कुल वायरलेस (5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहकों में शहरी और ग्रामीण वायरलेस (5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहकों की हिस्सेदारी क्रमशः 62.97 प्रतिशत और 37.03 प्रतिशत थी। वायरलेस (5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहक आधार के विस्तृत आँकड़े अनुलग्नक-V पर उपलब्ध हैं।
- एम2एम सेलुलर मोबाइल कनेक्शन
एम2एम सेलुलर मोबाइल कनेक्शनों की संख्या फरवरी, 2025 के 64.71 मिलियन से बढ़कर मार्च, 2025 में 66.54 मिलियन हो गई।

भारती एयरटेल लिमिटेड के पास एम2एम सेलुलर मोबाइल कनेक्शनों की सबसे अधिक संख्या 34.82 मिलियन है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 52.32 प्रतिशत है, इसके बाद वोडाफोन आइडिया लिमिटेड, रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड और बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी क्रमशः 24.39 प्रतिशत, 18.25 प्रतिशत और 5.04 प्रतिशत है।
- कुल टेलीफोन उपभोक्ता
- भारत में कुल टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या फरवरी-25 के 1,197.23 मिलियन से बढ़कर मार्च-25 में 1,200.80 मिलियन हो गई, जिसकी मासिक वृद्धि दर 0.28 प्रतिशत रही। शहरी टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या फरवरी-25 के 667.93 मिलियन से घटकर मार्च-25 में 666.11 मिलियन हो गई, जबकि इसी अवधि के दौरान ग्रामीण उपभोक्ताओं की संख्या 529.31 मिलियन से बढ़कर 534.69 मिलियन हो गई। मार्च, 2025 के महीने के दौरान शहरी और ग्रामीण टेलीफोन उपभोक्ताओं की मासिक वृद्धि दर क्रमशः -0.30 प्रतिशत और 1.02 प्रतिशत रही।

- भारत में कुल टेली-घनत्व फरवरी-25 के 84.85 प्रतिशत से बढ़कर मार्च-25 में 85.04 प्रतिशत हो गया। शहरी टेली-घनत्व फरवरी-25 के 132.01 प्रतिशत से घटकर मार्च-25 में 131.45 प्रतिशत हो गया, जबकि इसी अवधि के दौरान ग्रामीण टेली-घनत्व 58.48 प्रतिशत से बढ़कर 59.06 प्रतिशत हो गया। मार्च-25 में कुल टेलीफोन उपभोक्ताओं में शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं की हिस्सेदारी क्रमशः 55.47 प्रतिशत और 44.53 प्रतिशत थी।

समग्र टेली-घनत्व (एलएसए वार) – 31 मार्च, 2025 तक

- जैसा कि ऊपर दिए गए चार्ट में देखा जा सकता है, आठ एलएसए में मार्च-25 के अखिल भारतीय औसत टेली-घनत्व की तुलना में कम टेली-घनत्व है। मार्च-25 के अंत में दिल्ली सेवा क्षेत्र में अधिकतम टेली-घनत्व 275.79 प्रतिशत और बिहार सेवा क्षेत्र में न्यूनतम टेली-घनत्व 57.23 प्रतिशत है।
नोट : -
- जनसंख्या आंकड़े/अनुमान केवल राज्यवार उपलब्ध हैं।
- टेली-घनत्व के आंकड़े एक्सेस सेवा प्रदाताओं द्वारा उपलब्ध कराए गए टेलीफोन उपभोक्ता आंकड़ों और "भारत और राज्यों के लिए जनसंख्या अनुमानों पर तकनीकी समूह की रिपोर्ट 2011-2036" से जनसंख्या के अनुमान से प्राप्त किए गए हैं।
- दिल्ली के लिए टेलीफोन उपभोक्ता डेटा में, दिल्ली राज्य के डेटा के अलावा, गाजियाबाद और नोएडा (उत्तर प्रदेश में) और गुड़गांव और फरीदाबाद (हरियाणा में) के स्थानीय एक्सचेंजों द्वारा सेवा प्रदान किए जाने वाले क्षेत्रों के लिए वायरलेस उपभोक्ता डेटा भी शामिल है।
- पश्चिम बंगाल के लिए डेटा/सूचना में कोलकाता, महाराष्ट्र के लिए मुंबई तथा उत्तर प्रदेश के लिए यूपीई एवं यूपीडब्ल्यू सेवा क्षेत्र शामिल हैं।
- आंध्र प्रदेश के डेटा/जानकारी में तेलंगाना, मध्य प्रदेश में छत्तीसगढ़, बिहार में झारखंड, महाराष्ट्र में गोवा, उत्तर प्रदेश में उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल में सिक्किम और उत्तर-पूर्व में अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा राज्य शामिल हैं।
- ग्राहक आधार में श्रेणीवार वृद्धि
मार्च, 2025 माह में टेलीफोन उपभोक्ताओं में सर्किल श्रेणीवार शुद्ध वृद्धि
सर्किल
श्रेणी
|
मार्च, 2025 माह में शुद्ध वृद्धि
|
31 मार्च , 2025 तक टेलीफोन उपभोक्ता आधार
|
वायरलाइन खंड
|
वायरलेस* खंड
|
वायरलाइन खंड
|
वायरलेस* खंड
|
सर्किल ए
|
61442
|
161244
|
14568246
|
386538167
|
सर्किल बी
|
63707
|
1110993
|
10199907
|
471472982
|
सर्किल सी
|
17156
|
1470149
|
2946671
|
192267604
|
मेट्रो
|
-7369
|
469123
|
9325910
|
113476417
|
अखिल भारतीय
|
134936
|
3211509
|
37040734
|
1163755170
|
* वायरलेस में 5जी एफडब्ल्यूए सदस्यता भी शामिल है
मार्च, 2025 में टेलीफोन उपभोक्ताओं में सर्किल श्रेणी-वार मासिक और वार्षिक वृद्धि दर
सर्किल श्रेणी
|
मासिक वृद्धि दर (प्रतिशत)
(25 फरवरी से 25 मार्च तक)
|
वार्षिक वृद्धि दर (प्रतिशत)
(मार्च-24 से मार्च-25)
|
वायरलाइन खंड
|
वायरलेस* खंड
|
वायरलाइन खंड
|
वायरलेस* खंड
|
सर्किल ए
|
0.42 प्रतिशत
|
0.04 प्रतिशत
|
10.69 प्रतिशत
|
-0.48 प्रतिशत
|
सर्किल बी
|
0.63 प्रतिशत
|
0.24 प्रतिशत
|
13.09 प्रतिशत
|
-0.41 प्रतिशत
|
सर्किल सी
|
0.59 प्रतिशत
|
0.77 प्रतिशत
|
11.88 प्रतिशत
|
1.74 प्रतिशत
|
मेट्रो
|
-0.08 प्रतिशत
|
0.42 प्रतिशत
|
3.88 प्रतिशत
|
-1.09 प्रतिशत
|
अखिल भारतीय
|
0.37 प्रतिशत
|
0.28 प्रतिशत
|
9.62 प्रतिशत
|
-0.15 प्रतिशत
|
* वायरलेस में 5जी एफडब्ल्यूए सदस्यता भी शामिल है
नोट: सर्किल श्रेणी-मेट्रो में दिल्ली, मुंबई और कोलकाता शामिल हैं। चेन्नई के डेटा को तमिलनाडु के हिस्से के रूप में सर्किल श्रेणी-ए में शामिल किया गया है।
- जैसा कि ऊपर दी गई तालिकाओं में देखा जा सकता है, वायरलेस सेगमेंट में, मार्च 2025 के महीने के दौरान, मासिक आधार पर, सभी सर्किलों ने अपने ग्राहक आधार में वृद्धि दर दर्ज की है। वार्षिक आधार पर, सर्किल 'सी' को छोड़कर, अन्य सभी सर्किलों ने अपने ग्राहक आधार में गिरावट दर्ज की है।
- वायरलाइन सेगमेंट में, मार्च 2025 के महीने के दौरान, मासिक आधार पर, सर्कल 'मेट्रो' को छोड़कर, अन्य सभी सर्कलों ने अपने ग्राहक आधार में वृद्धि दर्ज की है। वार्षिक आधार पर, सभी सर्कलों ने अपने ग्राहक आधार में वृद्धि दर्ज की है।
- सक्रिय वायरलेस (मोबाइल) ग्राहक (वीएलआर डेटा)
|
- कुल 1156.99 मिलियन वायरलेस ग्राहकों में से, 1074.21 मिलियन वायरलेस ग्राहक मार्च-25 के महीने में अधिकतम वीएलआर की तारीख को सक्रिय थे। सक्रिय वायरलेस ग्राहकों का अनुपात कुल वायरलेस ग्राहक आधार का लगभग 92.85 प्रतिशत था।
- 25 मार्च, 2015 माह में अधिकतम वीएलआर की तिथि पर सक्रिय वायरलेस उपभोक्ताओं (जिन्हें वीएलआर उपभोक्ता भी कहा जाता है) के अनुपात के विस्तृत आंकड़े अनुलग्नक-III पर उपलब्ध हैं तथा वीएलआर उपभोक्ताओं की रिपोर्टिंग के लिए प्रयुक्त पद्धति अनुलग्नक-IV पर उपलब्ध है।
मार्च, 2025 में वीएलआर ग्राहकों का एक्सेस सेवा प्रदाता-वार प्रतिशत

- मार्च-25 में अधिकतम वी.एल.आर. की तिथि पर रिलायंस कम्युनिकेशन के पास उसके कुल वायरलेस उपभोक्ताओं (एच.एल.आर.) के मुकाबले उसके सक्रिय वायरलेस उपभोक्ताओं (वी.एल.आर.) का अधिकतम अनुपात 100 प्रतिशत है तथा इसी अवधि के दौरान एम.टी.एन.एल. के पास उसके एच.एल.आर. का न्यूनतम अनुपात 48.07 प्रतिशत है।
मार्च, 2025 में वीएलआर उपभोक्ताओं का सेवा क्षेत्रवार प्रतिशत

- मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी)
- अंतर-सेवा क्षेत्र मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) को सबसे पहले हरियाणा सेवा क्षेत्र में 25.11.2010 से और देश के बाकी हिस्सों में 20.01.2011 से लागू किया गया था। अंतर-सेवा क्षेत्र एमएनपी को देश में 03.07.2015 से लागू किया गया है। अब, वायरलेस टेलीफोन ग्राहक एक सेवा क्षेत्र से दूसरे सेवा क्षेत्र में स्थानांतरित होने पर अपने मोबाइल नंबर को बरकरार रख सकते हैं।
- मार्च-25 में एमएनपी के लिए कुल 13.54 मिलियन अनुरोध प्राप्त हुए। कुल 13.54 मिलियन में से जोन-I और जोन-II से प्राप्त नए अनुरोध क्रमशः 7.51 मिलियन और 6.03 मिलियन थे। एमएनपी के कार्यान्वयन के बाद से संचयी एमएनपी अनुरोध फरवरी-25 के अंत में 1105.39 मिलियन से बढ़कर मार्च-25 के अंत में 1118.94 मिलियन हो गए।
- एमएनपी जोन-I (उत्तरी और पश्चिमी भारत) में, अब तक सबसे अधिक अनुरोध उत्तर प्रदेश-पूर्व (लगभग 111.89 मिलियन) में प्राप्त हुए हैं, जिसके बाद महाराष्ट्र (लगभग 90.87 मिलियन) सेवा क्षेत्र का स्थान है।
- एमएनपी जोन-II (दक्षिणी और पूर्वी भारत) में, अब तक सबसे अधिक अनुरोध मध्य प्रदेश (लगभग 88.41 मिलियन) में प्राप्त हुए हैं, जिसके बाद कर्नाटक (लगभग 73.53 मिलियन) का स्थान है।
सेवा क्षेत्रवार एमएनपी स्थिति
|
जोन-I
|
जोन-II
|
सेवा क्षेत्र
|
पोर्टिंग अनुरोधों की संख्या (मिलियन में)
|
सेवा क्षेत्र
|
पोर्टिंग अनुरोधों की संख्या
(मिलियन में)
|
फ़रवरी-25
|
मार्च-25
|
फ़रवरी-25
|
मार्च-25
|
दिल्ली
|
52.65
|
53.25
|
आंध्र प्रदेश
|
72.06
|
72.69
|
गुजरात
|
75.20
|
76.11
|
असम
|
8.09
|
8.20
|
हरयाणा
|
34.79
|
35.19
|
बिहार
|
63.84
|
64.93
|
हिमाचल प्रदेश
|
4.64
|
4.68
|
कर्नाटक
|
72.96
|
73.53
|
जम्मू और कश्मीर
|
3.17
|
3.23
|
केरल
|
26.11
|
26.34
|
महाराष्ट्र
|
89.94
|
90.87
|
कोलकाता
|
20.00
|
20.17
|
मुंबई
|
35.98
|
36.23
|
मध्य प्रदेश
|
87.16
|
88.41
|
पंजाब
|
36.01
|
36.37
|
उत्तर-पूर्व
|
2.52
|
2.55
|
राजस्थान
|
73.85
|
74.56
|
ओडिशा
|
19.26
|
19.48
|
उत्तर प्रदेश (पूर्व)
|
110.02
|
111.89
|
तमिलनाडु
|
68.67
|
69.33
|
उत्तर प्रदेश (पश्चिम)
|
82.68
|
84.03
|
पश्चिम बंगाल
|
65.79
|
66.88
|
कुल
|
598.92
|
606.43
|
कुल
|
506.48
|
512.51
|
कुल (जोन-I + जोन-II)
|
|
|
1,105.39
|
1,118.94
|
शुद्ध वृद्धि ( मार्च , 2025)
|
13.54 मिलियन
|
किसी भी स्पष्टीकरण के लिए संपर्क विवरण: -
श्री विजय कुमार, सलाहकार (एफ एंड ईए),
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण
विश्व व्यापार केंद्र, टॉवर-एफ,
नौरोजी नगर, नई दिल्ली - 110029
फ़ोन: 011-20907773 (डी. मनोज)
ई-मेल: advfea1@trai.gov.in प्रधान सलाहकार (एफ एंड ईए)
|



नोट: कुछ सेवा प्रदाताओं के कुछ सर्किलों में अधिकतम वीएलआर आंकड़े, इनरोमर्स की बड़ी संख्या के कारण, उनके एचएलआर आंकड़ों से अधिक हैं।
अनुलग्नक IV
वायरलेस सेगमेंट में वीएलआर ग्राहक
होम लोकेशन रजिस्टर (एचएलआर) एक केंद्रीय डेटाबेस है जिसमें प्रत्येक मोबाइल फोन ग्राहक का विवरण होता है जो जीएसएम कोर नेटवर्क का उपयोग करने के लिए अधिकृत है। एचएलआर सेवा प्रदाता द्वारा जारी किए गए प्रत्येक सिम कार्ड का विवरण संग्रहित करते हैं। प्रत्येक सिम में एक अनूठा पहचानकर्ता होता है जिसे अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल ग्राहक पहचान (आईएमएसआई) कहा जाता है, जो प्रत्येक एचएलआर रिकॉर्ड की प्राथमिक कुंजी है। एचएलआर डेटा तब तक संग्रहित किया जाता है जब तक कोई ग्राहक सेवा प्रदाता के पास रहता है। एचएलआर प्रशासनिक क्षेत्रों में उनकी स्थिति को अपडेट करके ग्राहकों की गतिशीलता का प्रबंधन भी करता है। यह ग्राहक डेटा को आगंतुक स्थान रजिस्टर (वीएलआर) में भेजता है।
सेवा प्रदाताओं द्वारा सूचित ग्राहक संख्या, सेवा प्रदाता के एचएलआर में पंजीकृत आईएमएसआई की संख्या और अन्य आंकड़ों के योग के बीच का अंतर है, जैसा कि नीचे दिया गया है: -
1
|
एचएलआर (ए) में कुल आईएमएसआई
|
2
|
कमी : (बी = क + ख + ग + घ+ ड़)
|
क.
|
परीक्षण/सेवा कार्ड
|
ख.
|
कर्मचारी
|
ग.
|
उपलब्ध स्टॉक/वितरण चैनलों में (सक्रिय कार्ड)
|
घ.
|
समाप्त ग्राहक प्रतिधारण अवधि
|
ड़.
|
कनेक्शन काटने तक सेवा स्थगित
|
3
|
ग्राहक आधार (एबी)
|
आगंतुक स्थान रजिस्टर (वीएलआर) उन ग्राहकों का एक अस्थायी डेटाबेस है जिन्होंने उस विशेष क्षेत्र का भ्रमण किया है, जिसमें यह सेवा उपलब्ध करता है। नेटवर्क में प्रत्येक बेस स्टेशन को ठीक एक वीएलआर द्वारा सेवा दी जाती है; इसलिए एक ग्राहक एक समय में एक से अधिक वीएलआर में उपस्थित नहीं हो सकता है।
यदि ग्राहक सक्रिय अवस्था में है, यानी वह कॉल/एसएमएस भेजने/प्राप्त करने में सक्षम है, तो वह एचएलआर और वीएलआर दोनों में उपलब्ध है। हालाँकि, यह संभव हो सकता है कि ग्राहक एचएलआर में पंजीकृत हो, लेकिन वीएलआर में नहीं, क्योंकि वह या तो स्विच-ऑफ है या कवरेज क्षेत्र से बाहर चला गया है, पहुंच योग्य नहीं है आदि। ऐसी परिस्थितियों में वह एचएलआर में उपलब्ध होगा, लेकिन वीएलआर में नहीं। इससे एचएलआर के आधार पर सेवा प्रदाताओं द्वारा बताई गई ग्राहक संख्या और वीएलआर में उपलब्ध संख्याओं के बीच अंतर होता है।
यहां वितरित वी.एल.आर. सब्सक्राइबर डेटा उस विशेष महीने के वी.एल.आर. में अधिकतम ग्राहक संख्या की तिथि पर वी.एल.आर. में सक्रिय ग्राहकों पर आधारित है जिसके लिए डेटा एकत्र किया जा रहा है। यह डेटा उन स्विचों से लिया जाना है जिनका पर्ज समय 72 घंटे से अधिक नहीं है।

***
एमजी/केसी/एसकेजे/एसके
(Release ID: 2127588)
Visitor Counter : 67