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केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने आज नई दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के 69वें स्थापना दिवस की अध्यक्षता की


आर्थिक रूप से सुरक्षित भारत में प्रवर्तन निदेशालय का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण होगा: वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी

2014 से 2024 के बीच, 5,113 नई पीएमएलए जांचें शुरू की गईं: ईडी निदेशक श्री राहुल नवीन

एएसजी श्री एसवी राजू ने ईडी अधिकारियों से बदलते एमएल परिदृश्यों से अवगत रहने का आग्रह किया और पीएमएलए के तहत उपलब्ध विभिन्न उपकरणों का उपयोग करने के बारे में विस्तार से बताया

श्री चौधरी ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ईडी की वार्षिक रिपोर्ट भी जारी की

ईडी ने अपने अधिकारियों और क्षेत्रीय इकाइयों को विभिन्न श्रेणियों के तहत 23 पुरस्कार भी प्रदान किए

Posted On: 01 MAY 2025 6:28PM by PIB Delhi

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने आज नई दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के 69वें स्थापना दिवस की अध्यक्षता की।

मंच पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल श्री एसवी राजू, ईडी के निदेशक श्री राहुल नवीन, ईडी के विशेष निदेशक श्री सुभाष अग्रवाल और श्री प्रशांत कुमार तथा वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग में संयुक्त सचिव श्री नवल किशोर राम भी उपस्थित थे।

69वें स्थापना दिवस समारोह में प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व निदेशकों, विभिन्न जांच एजेंसियों के प्रमुखों, विभिन्न संगठनों के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों, संयुक्त निदेशक और उससे ऊपर के स्तर के अखिल भारतीय अधिकारियों, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने भी भाग लिया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री चौधरी ने कहा, "हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विजन है कि कोई भी आर्थिक अपराधी आम व गरीब नागरिकों को उनके अधिकारों से वंचित न कर सके, इसके लिए रोकथाम के साथ-साथ अपराधी को उचित सजा दिलाना भी जरूरी है। दोनों ही क्षेत्रों में प्रवर्तन निदेशालय की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।"

श्री चौधरी ने यह भी कहा कि जैसे-जैसे भारत विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, अर्थव्यवस्था और आर्थिक गतिविधियों की प्रकृति भी बदल रही है, और ऐसे में जटिलताएं भी बढ़ेंगी, जिसके परिणामस्वरूप आर्थिक अपराधों की प्रकृति में बदलाव आ सकता है। श्री चौधरी ने भविष्य में प्रवर्तन निदेशालय की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

श्री चौधरी ने कहा, "विकसित भारत के विजन में सुरक्षित भारत का विजन भी शामिल है। आर्थिक रूप से सुरक्षित भारत में प्रवर्तन निदेशालय का योगदान बेहद महत्वपूर्ण होगा।"

इस अवसर पर अपने संबोधन में, श्री नवीन ने 2014 से 2024 तक प्रवर्तन संबंधी गतिविधि में उल्लेखनीय वृद्धि पर जोर दिया, जिसमें 5,113 नई पीएमएलए जांच शुरू की गईं, जो औसतन प्रति वर्ष 500 से अधिक मामले हैं। इस गति को आगे बढ़ाते हुए, श्री नवीन ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में, 775 नई पीएमएलए जांच शुरू की गईं, 333 अभियोजन शिकायतें दर्ज की गईं, जिसके परिणामस्वरूप 34 व्यक्तिगत दोषसिद्धि हुईं।

श्री नवीन ने बताया कि इस अवधि के दौरान ईडी ने 30,036 करोड़ रुपये मूल्य के 461 अनंतिम कुर्की आदेश जारी किए हैं - पिछले वर्ष की तुलना में कुर्की की संख्या में 44 प्रतिशत की वृद्धि और उनके कुल मूल्य में 141 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 31 मार्च, 2025 तक अनंतिम कुर्की के तहत संपत्तियों का कुल मूल्य 1,54,594 करोड़ रुपये था।

श्री नवीन ने उपस्थित लोगों को यह भी अवगत कराया कि न्यायालयों की स्वीकृति से वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 30 मामलों में 15,261 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति की गई तथा वित्त वर्ष 2025-26 में इस प्रक्रिया में तेजी आने की संभावना है।

श्री नवीन ने कहा, "ईडी ने पिछले वर्ष 333 अभियोजन शिकायतें दर्ज की हैं, जिससे 31 मार्च, 2025 तक विभिन्न चरणों में विचाराधीन मामलों की कुल संख्या 1,739 हो गई है; और अब तक तय किए गए 47 मामलों में से केवल 3 मामले बरी हुए हैं, जिससे 93.6 प्रतिशत की दोषसिद्धि दर प्राप्त हुई है, जो  सकारात्मक है।"

इस अवसर पर अपने संबोधन में, श्री एसवी राजू ने मनी लॉन्ड्रिंग (एमएल) के लिए उपकरण के रूप में क्रिप्टोकरेंसी और हवाला व्यापारियों के बढ़ते इस्तेमाल पर प्रकाश डाला और ईडी अधिकारियों से बदलते एमएल परिदृश्यों से अवगत रहने का आग्रह किया और पीएमएलए के तहत उपकरणों के बारे में विस्तार से बताया।

इस अवसर पर श्री चौधरी ने वित्त वर्ष 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट का विमोचन भी किया।

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ईडी की वार्षिक रिपोर्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें

समारोह के दौरान, ईडी के अधिकारियों को निम्नलिखित श्रेणियों के अंतर्गत विभिन्न पुरस्कार भी प्रदान किए गए:

1. सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक: ईडी के पूर्व विशेष निदेशक श्री अभिषेक गोयल को उनके अनुकरणीय जांच कार्य के लिए स्वतंत्रता दिवस, 2024 के अवसर पर सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक प्रदान किया गया।

  1. श्रेणी I: लंबी अवधि तक कर्तव्यपरायण एवं अनुकरणीय सेवा:
  1. श्री सुजीत साधक, संयुक्त निदेशक, चेन्नई आंचलिक कार्यालय-II
  2. श्री सुरम चंद्र, सिपाही, जम्मू उप-जोनल कार्यालय
  1. श्रेणी II: असाधारण खुफिया जानकारी एकत्रीकरण/जांच कौशल का प्रदर्शन, जिसके परिणामस्वरूप सफल खोज/जब्ती और कार्रवाई हो सके:
  1. श्री मनोज मित्तल, उप निदेशक (आईएनटी-I), मुख्यालय कार्यालय
  2. श्री सुधीर कुमार, उप निदेशक, गुरुग्राम आंचलिक कार्यालय
  • iii. श्री चेतन कृष्ण एच. जी., उप निदेशक, गुरुग्राम आंचलिक कार्यालय
  • iv. श्री देवव्रत झा, उप निदेशक, कोलकाता आंचलिक कार्यालय-II
  1. श्री गौरव सैनी, सहायक विधिक सलाहकार, मुख्यालय कार्यालय
  • vi. श्री रवींद्र दहिया, सहायक निदेशक, कोलकाता आंचलिक कार्यालय-I
  1. श्री गौरव डबास, सहायक निदेशक, समन्वय/एफएटीएफ
  2. श्री अंशुल रॉय, सहायक निदेशक, जयपुर आंचलिक कार्यालय
  • ix. श्री भूपेश, सहायक निदेशक, पटना अंचल कार्यालय
  1. सुश्री सुमन, सहायक निदेशक, चंडीगढ़ जोनल ऑफिस-I
  • xi. श्री भोला राम जाट, प्रवर्तन अधिकारी, अहमदाबाद जोनल कार्यालय
  1. सुश्री दीपिका, प्रवर्तन अधिकारी, पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय
  2. श्री गणपति के., प्रवर्तन अधिकारी, दक्षिणी क्षेत्रीय कार्यालय
  3. श्री सागर चौहान, सहायक प्रवर्तन अधिकारी, चेन्नई जोन-II
  4. श्री विनोद कुमार पाण्डेय, वरिष्ठ सिपाही, इलाहाबाद उप-क्षेत्रीय कार्यालय
  5. श्री सुनील कुमार एस.के., वरिष्ठ सिपाही, एसटीएफ, मुख्यालय कार्यालय
  6. श्री अभिषेक कुमार झा, सिपाही, मुख्यालय कार्यालय

 

  1. श्रेणी III: अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपनी सुरक्षा और संरक्षा पर ध्यान दिए बिना असाधारण वीरता और साहस का प्रदर्शन:
  1. जालंधर आंचलिक कार्यालय: अपर निदेशक श्री रवि तिवारी की देखरेख में, वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान जालंधर आंचलिक कार्यालय द्वारा सबसे अधिक दोषसिद्धि हासिल की गई हैं।
  2. हैदराबाद आंचलिक कार्यालय: संयुक्त निदेशक श्री रोहित आनंद की देखरेख में, वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान हैदराबाद आंचलिक कार्यालय द्वारा सबसे अधिक अभियोजन शिकायतें दर्ज की गईं।
  • iii. गुरुग्राम अंचल कार्यालय: संयुक्त निदेशक श्री नवनीत अग्रवाल की देखरेख में वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान गुरुग्राम अंचल कार्यालय द्वारा उच्चतम मूल्य की संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया गया।

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