विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
अनूठे अनुसंधान ने उभरती क्वांटम प्रौद्योगिकी के लिए महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग सामग्रियों का मार्ग प्रशस्त किया
Posted On:
25 APR 2025 6:14PM by PIB Delhi
फोनॉन के गुणों को नियंत्रित करने की एक महत्वपूर्ण विधि - पदार्थ के परमाणुओं के कंपन पर क्रिस्टल जालक और द्वि-आयामी पदार्थों की परतों के बीच के मोड़ के कोणों (ट्विस्ट एंगल) से होकर गमन करने वाली ऊर्जा तरंग - क्वांटम प्रौद्योगिकी की दृष्टि से महत्वपूर्ण अनुकूलित तापीय, प्रकाशीय एवं इलेक्ट्रॉनिक विशेषताओं वाली सामग्रियों को तैयार करने में मदद कर सकती है।
फोनॉन, संघनित पदार्थ में परमाणुओं या अणुओं की आवधिक, लोचदार व्यवस्था में एक ऐसी सामूहिक उत्तेजना है जो ऊर्जा की एक छोटी लहर की तरह होती है और पदार्थ में परमाणुओं के कंपन शुरू होने पर क्रिस्टल जालक के माध्यम से गमन करती है। वे पत्थर गिरने पर तालाब में होने वाली तरंगों की गति के समान होती हैं।
फोनॉन के गुण और उनकी परस्पर क्रिया ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स ट्यूनेबल फोटोनिक उपकरणों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। वैज्ञानिक इस उद्देश्य के लिए फोनॉन के गुणों को नियंत्रित करने के विभिन्न तरीकों की खोज कर रहे हैं।
भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बैंगलोर के शोधकर्ताओं ने WSe2 (टंगस्टन डाइसेलेनाइड) होमोबिलेयर में मोड़ के कोणों (ट्विस्ट एंगल) को बदलने की एक ऐसी विधि खोजी है, जिससे फोनॉन के संकरण (फोनॉन हाइब्रिडाइजेशन) तथा अन्य प्रमुख गुणों पर प्रभाव पड़ता है। एसीएस नैनो में प्रकाशित यह शोध आवधिक संरचनाओं के बीच जटिल संबंधों पर प्रकाश डालता है। ये संबंध तब बनते हैं जब दो या अधिक द्वि-आयामी (2डी) जालक ओवरलैप होते हैं (मोइरे सुपरस्ट्रक्चर) और फोनॉनिक एवं इलेक्ट्रॉनिक इंटरैक्शन पर उनका प्रभाव होता है।

चित्र: बायां पैनल - मुड़े हुए WSe2 का योजनाबद्ध। दायां पैनल - WSe2 के प्राकृतिक एवं मुड़े हुए द्विपरत से निकले रमन स्पेक्ट्रा।
रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग करते हुए, शोधकर्ताओं की टीम ने प्रदर्शित किया कि WSe2 होमोबिलेयर में 1 डिग्री और 7 डिग्री के बीच के मोड़ के कोण (ट्विस्ट एंगल) फोनॉन मोड में विभाजन को प्रेरित करते हैं। उन्होंने यह भी दिखाया कि रमन आवृत्तियों और रेखा की चौड़ाई में असामान्य तापमान-चालित परिवर्तन, विशेष रूप से कम तापमान (50 K से नीचे) पर, मुड़ी हुई प्रणालियों में इलेक्ट्रॉन- फोनॉन युग्मन और फोनन अनहार्मोनिकिटी (प्रणाली में पुनर्स्थापना बल संतुलन से विस्थापन के लिए पूरी तरह से आनुपातिक नहीं है) के परस्पर क्रिया पर जोर देते हैं।
रमन सुविधा का उपयोग करने वाले इस अनुसंधान, जिसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एफआईएसटी (विश्वविद्यालयों और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अवसंरचना में सुधार हेतु निधि) कार्यक्रम के समर्थन से स्थापित किया गया तथा जिसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से वित्तीय सहायता प्राप्त हुई, ने फोटोनिक, क्वांटम और इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों के लिए उन्नत सामग्रियों के डिजाइन के लिए नए रास्ते खोले हैं।
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एमजी/आरपीएम/केसी /आर
(Release ID: 2124429)
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