इस्‍पात मंत्रालय
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तीन दिवसीय 'इंडिया स्टील-2025' का पहले दिन दूरदर्शी संवाद और उद्योग-संचालित नवाचार के साथ शुभारंभ

Posted On: 24 APR 2025 8:30PM by PIB Delhi

इंडिया स्टील-2025 सम्‍मेलन का उद्घाटन आज बॉम्बे एक्जीबिशन सेंटर में किया गया जिसमें पहले दिन का कार्यक्रम उत्साहपूर्ण रहा। तीन दिनों तक चलने वाला यह सम्‍मेलन अभूतपूर्व संवादों, सहयोगों और नवाचारों से शुरुआत हुई। इस्पात मंत्रालय और फिक्की (भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस द्विवार्षिक कार्यक्रम ने एक बार फिर इस्पात उद्योग के लिए देश के प्रमुख मंच के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो संदेश द्वारा उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। उन्होंने घरेलू इस्पात उत्पादन को बढ़ाने, कार्बन उत्सर्जन को कम करने और मेक-इन-इंडिया को बढ़ावा देने के लिए देश के रणनीतिक दृष्टिकोण पर जोर दिया। उद्घाटन सत्र के अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों में श्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा, राज्य मंत्री, इस्पात मंत्रालय, भारत सरकार; श्री लखन लाल देवांगन, माननीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, श्रम, छत्तीसगढ़ सरकार; श्री संदीप पोंड्रिक, सचिव, इस्पात मंत्रालय, भारत सरकार; श्री अमरेंदु प्रकाश, अध्यक्ष, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) और फिक्की स्टील कमेटी के अध्यक्ष श्री अनंत गोयनका, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, फिक्की और उपाध्यक्ष, आरपीजी समूह, और डॉ. एडविन बैसन, महानिदेशक, विश्व इस्पात संघ शामिल थे।

भारतीय इस्पात क्षेत्र की संभावनाओं, चुनौतियों और अवसरों तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार से लाभ उठाने की रूपरेखा पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए।

'विकसित भारत: भारतीय अर्थव्यवस्था में इस्पात क्षेत्र की भूमिका' विषय पर आयोजित सत्र में वरिष्ठ नीति निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों और उद्योग क्षेत्र के एक उच्च-स्तरीय पैनल ने देश के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को साकार करने में इस्पात की महत्वपूर्ण भूमिका पर गहन चर्चा की। इस सत्र का संचालन डेलॉइट के वरिष्ठ भागीदार श्री एंथनी क्रैस्टो ने किया। इस सत्र में आत्मनिर्भर भारत पहल के अंतर्गत बुनियादी ढांचे, रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में इस्पात क्षेत्र की क्षमता पर जोर दिया गया। इस सत्र का संदर्भ सेल के अध्यक्ष श्री अमरेंदु प्रकाश ने निर्धारित किया, जबकि पैनलिस्ट महामहिम श्री मिखाइल युरिन, उप मंत्री, उद्योग और व्यापार मंत्रालय, रूसी संघ सरकार, श्री अश्विनी कुमार, आर्थिक सलाहकार, इस्पात मंत्रालय, भारत सरकार, श्री जयंत आचार्य, संयुक्त प्रबंध निदेशक और सीईओ जेएसडब्ल्यू समूह, श्री एंथनी क्रैस्टो, वरिष्ठ भागीदार, डेलॉइट और श्री हितोशी कवानो, सीईओ, प्राइमेटल्स टेक्नोलॉजीज इंडिया लिमिटेड ने अपने विचार साझा किए।

'सीईओ राउंड टेबल' की अध्यक्षता इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा ने की। अन्य प्रमुख प्रतिभागियों में भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के सचिव श्री संदीप पौंड्रिक, ओडिशा सरकार के उद्योग एवं सूक्ष्म, लघु और मध्‍यम उद्यम (एमएसएमई) के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री हेमंत शर्मा, भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार श्री आशीष चटर्जी तथा अन्य सरकारी अधिकारी, उद्योगपति शामिल थे, जिन्होंने भारतीय इस्पात क्षेत्र की वर्तमान चुनौतियों एवं विकास पर चर्चा की।

'भारत-रूस गोलमेज' ने दोनों देशों के प्रमुख हितधारकों के बीच द्विपक्षीय जुड़ाव के लिए एक रणनीतिक मंच के रूप में कार्य किया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में सचिव (इस्पात), अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार (एएस एंड एफए), बीआईएस के महानिदेशक, संयुक्त सचिव (एएन और वीकेटी), सेल के निदेशक, एनएमडीसी और मेकॉन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे, साथ ही टाटा स्टील, एएमएनएस, जेएसडब्ल्यू, जेएसपीएल, जेएसएल और अन्य प्रमुख उद्योग सदस्यों सहित प्रमुख निजी क्षेत्र के उद्योगपति भी शामिल थे। रूसी पक्ष की ओर से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उद्योग और व्यापार मंत्रालय के उप मंत्री महामहिम श्री मिखाइल युरिन और ऊर्जा मंत्रालय के कोयला उद्योग विकास निदेशक श्री बोबलेव पेट्र ने किया। सम्‍मेलन में प्रमुख व्यापार प्रतिनिधि भी शामिल थे: श्री एवगेनी ग्रिवा, श्री मामेद अक्मेदोव, श्री एंड्री पोडचुफारोव, श्री आर्टेम उकोलोव और रूसी संघ के चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रमुख श्री व्लादिस्लाव दिमित्रीव। चर्चा इस्पात और खनन क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने, संयुक्त उद्यमों को बढ़ावा देने तथा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और व्यापार सुविधा के लिए नए अवसर तलाशने पर केंद्रित थी।

15 देशों के 250 से ज़्यादा प्रदर्शकों की भागीदारी के साथ, प्रदर्शनी हॉल में गतिविधियों की भरमार रही, जिसमें अत्याधुनिक उपकरण, स्वचालन समाधान और टिकाऊ उत्पाद प्रदर्शित किए गए। प्रतिनिधियों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और मैटेरियल साइंस में हुई प्रगति के विषय में जानकारी दी गई जो इस्‍पात के भविष्य को आकार दे रहे हैं।

इंडिया स्टील-2025 के दूसरे दिन केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, रेलवे, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रहलाद जोशी, ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी उपस्थित रहेंगे, जो उद्योग जगत के प्रतिनिधियों तथा प्रदर्शकों को बुनियादी ढांचे, निर्यात रणनीतियों और कौशल विकास पर विभिन्न सत्रों में संबोधित करेंगे। सीमा पार सहयोग और व्यापार वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए नेटवर्किंग कार्यक्रम और बिजनेस-टू-बिजनेस मीटिंग (बी2बी) बैठकें भी निर्धारित की गई हैं।

इंडिया स्टील-2025, 26 अप्रैल तक चलेगा, जो हितधारकों को जुड़ने, विचार-विमर्श करने और आगे बढ़ने के लिए एक व्यापक मंच प्रदान करेगा।

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