संचार मंत्रालय
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भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण     

Posted On: 21 APR 2025 2:57PM by PIB Delhi

31 जनवरी, 2025 को समाप्त मासिक अवधि के अनुसार दूरसंचार उपभोक्ता डाटा से संबंधित मुख्य झलकियां

 

विवरण

वायरलैस

वायरलाइन

कुल         (वायरलैस+वायरलाइन)

ब्राडबैंड उपभोक्ताओं की संख्या (मिलियन में)

904.02*

41.15

945.16

शहरी टेलीफ़ोन उपभोक्ताओं की संख्या (मिलियन में)

631.60*

32.24$

663.83

जनवरी, 2025 में जुड़े निबल नए उपभोक्ता (मिलियन में)

5.17

-4.06

1.11

   मासिक वृद्धि दर

0.82%

-11.18%

0.17%

ग्रामीण टेलीफ़ोन उपभोक्ताओं की संख्या (मिलियन में)

525.41*

2.79$

528.20

जनवरी, 2025 में जुड़े निबल नए उपभोक्ता (मिलियन में)

1.18

-0.18

0.99

   मासिक वृद्धि दर

0.23%

-6.21%

0.19%

टेलीफोन उपभोक्ताओं की कुल संख्या (मिलियन में)

1157.00*

35.03$

1192.03

जनवरी, 2025 में जुड़े निबल नए उपभोक्ता (मिलियन में)

6.35

-4.24

2.10

   मासिक वृद्धि दर

0.55%

-10.80%$

0.18%

समग्र दूरसंचार-घनत्व*

82.06%

2.48%

84.54%

   शहरी दूरसंचार-घनत्व*

125.02%

6.38%

131.40%

    ग्रामीण दूरसंचार-घनत्व*

58.07%

0.31%

58.38%

शहरी उपभोक्ताओं की हिस्सेदारी

54.59%

92.03%

55.69%

ग्रामीण उपभोक्ताओं की हिस्सेदारी

45.41%

7.97%

44.31%

  • जनवरी, 2025 के माह में 14.14 मिलियन उपभोक्ताओं ने मोबाइल नम्बर पोर्टिबिलिटी (एमएनपी) हेतु अपने अनुरोध दर्ज करवाए हैं। इसके साथ ही एमएनपी आरंभ होने की तिथि से दिसम्बर, 2024 के अंत तक संचयी एमएनपी अनुरोध 1079.19 मिलियन से बढ़कर जनवरी, 2025 के अंत तक 1093.33 मिलियन हो गया।
  • जनवरी, 2025 के अंत तक सक्रिय वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं (अधिकतम वीएलआर# की तिथि पर) की संख्या 1065.01 मिलियन थी।

 

नोट: -

1. * वायरलेस में 5G FWA सदस्यता भी शामिल है।

2. $ वायरलाइन टेलीफोन सदस्यता में कमी, जनवरी 2025 से एफ.डब्ल्यू.ए.-5जी टेलीफोन सदस्यता को वायरलेस के अंतर्गत शामिल किए जाने के कारण है, जिसे पहले गलती से वायरलाइन के अंतर्गत रिपोर्ट किया गया था।

3. @ 'भारत और राज्यों के लिए जनसंख्या अनुमानों पर तकनीकी समूह की रिपोर्ट 2011-2036' से जनसंख्या के प्रक्षेपण के आधार पर।

4. # VLR विज़िटर लोकेशन रजिस्टर का संक्षिप्त नाम है। विभिन्न टीएसपी के लिए पीक वीएलआर की तिथियां अलग-अलग सेवा क्षेत्रों में अलग-अलग हैं।

5. शहरी/ग्रामीण ग्राहक, शुद्ध वृद्धि और मासिक वृद्धि की गणना दिसंबर 2024 के महीने के लिए बीएसएनएल द्वारा रिपोर्ट किए गए संशोधित ग्राहकों पर विचार करके की गई है।

6. इस प्रेस विज्ञप्ति में दी गई जानकारी सेवा प्रदाताओं द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर आधारित है।

  1.         ब्राडबैंड सेवा

जनवरी, 2025 के अंत में 1,180 सेवा प्रदाताओं से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, दिसम्बर, 2024 में 1,192 सेवा प्रदाताओं की तुलना में, ब्राडबैंड सब्सक्राइबर की संख्या 944.96 मिलियन से बढ़कर 945.16 मिलियन हो गई जिसमें वृद्धि दर 0.04 प्रतिशत रही। श्रेणीवार ब्राडबैंड सब्सक्राइबर की संख्या तथा उनकी मासिक वृद्धि दर नीचे दी गई हैः -     

 

जनवरी, 2025 के माह की स्थिति के अनुसार ब्राडबैंड सब्सक्राइबर बेस तथा उनकी मासिक वृद्धि दर

 

सेगमेंट

सब्सक्रिप्शन

सब्सक्राइबर बेस (मिलियन में)

परिवर्तन दर (प्रतिशत)

दिसम्बर-24

जनवरी-25

वायर्ड सब्सक्राइबर

फिक्स्ड (वायर्ड) ब्रॉडबैंड

(डी,एस.एल., एफ.टी.टी.एक्स., ईथरनेट/एल.ए.न, केबल मॉडेम, आई.एल.एल)

41.19

41.15

-0.09%*

वायरलेस सब्सक्राइबर

फिक्स्ड वायरलेस ब्रॉडबैंड

(एफ.डब्ल्यू.ए.-5जी, वाई-फाई, वाई-मैक्स, रेडियो, सैटेलाइट)

5.21

4.98

-4.39%

मोबाइल ब्रॉडबैंड (हैंडसेट/डोंगल आधारित)

898.57

899.04

0.05%

कुल

944.96

945.16*

0.04%

*यह रिपोर्ट मेसर्स रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड और मेसर्स भारती एयरटेल लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत अंतिम रिपोर्ट (नवंबर 2024) इंटरनेट सदस्यता डेटा पर विचार करते हुए तैयार की गई है, क्योंकि उन्होंने दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 के लिए निर्धारित प्रारूप में अपेक्षित डेटा प्रस्तुत नहीं किया था।

 

  • 31 जनवरी, 2025 के अंत तक सबसे बड़े पांच (वायर्ड+वायरलेस) सेवा प्रदाता

क्रम संख्या

सेवा प्रदाता का नाम

सब्सक्राइबर बेस

(मिलियन में)

  1.  

रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड

476.58*

  1.  

भारती एयरटेल लिमिटेड

289.31*

  1.  

वोडाफोन आइडिया लिमिटेड

126.41

  1.  

भारत संचार निगम लिमिटेड

35.77

  1.  

अटरिया कन्वर्जेंस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड

2.28

टॉप फाइव बनाम टोटल ब्रॉडबैंड (वायर्ड+वायरलेस) का मार्केट शेयर

98.43%

*नवंबर-24 तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार

  • ब्राडबैंड सेवाओं की सेवा प्रदातावार बाजार हिस्सेदारी का रेखाचित्रवार प्रदर्शन नीचे दिया गया हैः -

दिनांक 31 जनवरी, 2025 की स्थिति के अनुसार ब्राडबैंड (वायरलाईन+वायरलैस)

सेवाओं की सेवा प्रदातावार बाजार हिस्सेदारी

 

  • दिनांक 31 जनवरी, 2025 की स्थिति के अनुसार फिक्सड (वायर्ड) सेवा प्रदान करने वाले पांच सबसे बड़े ब्राडबैंड सेवा प्रदाता

क्रम संख्या

सेवा प्रदाता का नाम

सब्सक्राइबर बेस (मिलियन में)

  1.  

रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड

11.48*

  1.  

भारती एयरटेल लिमिटेड

8.55*

  1.  

भारत संचार निगम लिमिटेड

4.26

  1.  

अटरिया कन्वर्जेंस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड

2.28

  1.  

केरला विजन ब्रॉडबैंड लिमिटेड

1.28

टॉप फाइव वायरलाईन ब्राडबैंड सेवा प्रदाताओं का मार्केट शेयर

67.67%

*नवंबर-24 तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार

  • दिनांक 31 जनवरी, 2025 की स्थिति के अनुसार पांच सबसे बड़े वायरलेस (फिक्स्ड वायरलेस और मोबाइल) ब्राडबैंड सेवा प्रदाता

क्रम संख्या

सेवा प्रदाता का नाम

सब्सक्राइबर बेस (मिलियन में)

  1.  

रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड

465.10*

  1.  

भारती एयरटेल लिमिटेड

280.76*

  1.  

वोडाफोन आइडिया लिमिटेड

126.41

  1.  

भारत संचार निगम लिमिटेड

31.52

  1.  

इनटेक ऑनलाइन प्राइवेट लि.

0.09

टॉप फाइव वायरलेस ब्राडबैंड सेवा प्रदाताओं का मार्केट शेयर

99.98%

*नवंबर-24 तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार

  1. वायरलाइन सब्सक्राइबर
  • वायरलाइन सब्सक्राइबर दिसंबर-24 को 39.27 मिलियन से घटकर जनवरी-25 को 35.03 मिलियन हो गए। इसलिए, वायरलाइन सब्सक्राइबर बेस में शुद्ध कमी 4.24 मिलियन थी, जिसमें मासिक गिरावट दर -10.80% थी। यह कमी 5जी-एफडब्ल्यूए सब्सक्राइबर की संख्या के लेखांकन के कारण है, जो पहले वायरलाइन श्रेणी के तहत गलत तरीके से रिपोर्ट की गई थी, लेकिन अब जनवरी 2025 से वायरलेस श्रेणी के तहत दर्ज की जा रही है। 
  • भारत में कुल वायरलाइन टेली-घनत्व दिसंबर-24 के अंत में 2.79% से घटकर जनवरी-25 के अंत में 2.48% हो गया। इसी अवधि के दौरान शहरी और ग्रामीण वायरलाइन टेली-घनत्व क्रमशः 6.38% और 0.31% था। जनवरी 2025 के अंत में कुल वायरलाइन ग्राहकों में शहरी और ग्रामीण ग्राहकों की हिस्सेदारी क्रमशः 92.03% और 7.97% थी।
  • 31 जनवरी, 2025 के अंत में तीनों सार्वजनिक क्षेत्रों के सेवा प्रदाताओं यथा बीएसएनएल एमटीएनएल तथा एपीएसएफएल के पास वायरलाइन बाजार की 24.77 हिस्सेदारी थी। वायरलाइन की संख्या के विस्तृत आंकड़े अनुलग्नक-1 में उपलब्ध हैं।

 

दिनांक 31 जनवरी, 2025 की स्थिति के अनुसार एक्सेस सेवा प्रदातावार वायरलाइन सब्सक्राइबर बेस की बाजार हिस्सेदारी

जनवरी, 2025 माह में टेलीफोन सेवा प्रदाताओं के वायरलाइन सब्सक्राइबर की

संख्या में जोड़े गए/कम हुए निबल नए सब्सक्राइबर

 

 

  1. वायरलेस (मोबाइल + 5G FWA) सब्सक्राइबर

· कुल वायरलेस सब्सक्राइबर दिसंबर-24 को 1,150.66 मिलियन (मोबाइल) से बढ़कर जनवरी-25 को 1,157 मिलियन (मोबाइल + 5G FWA) हो गए, जिससे 0.55% की मासिक वृद्धि दर दर्ज की गई। 5G FWA सब्सक्राइबर की संख्या, जो पहले वायरलाइन श्रेणी के तहत रिपोर्ट की जा रही थी, अब जनवरी 2025 से वायरलेस श्रेणी में शामिल कर दी गई है। इसलिए, 5G FWA सब्सक्राइबर संख्या को शामिल करने के कारण मासिक वृद्धि दर में वृद्धि हुई है। शहरी क्षेत्रों में कुल वायरलेस सब्सक्रिप्शन  दिसंबर-24 को 627.08 मिलियन से बढ़कर जनवरी-25 को 631.60 मिलियन हो गया और इसी अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में भी सब्सक्रिप्शन 523.28 मिलियन से बढ़कर 525.41 मिलियन हो गया।

  • भारत में वायरलेस टेली-घनत्व दिसंबर-24 के अंत में 81.67% से बढ़कर जनवरी-25 के अंत में 82.06% हो गया। शहरी वायरलेस टेली-घनत्व दिसंबर-24 के अंत में 124.31% से बढ़कर जनवरी-25 के अंत में 125.02% हो गया और इसी अवधि के दौरान ग्रामीण टेली-घनत्व 57.89% से बढ़कर 58.07% हो गया। जनवरी 25 के अंत में कुल वायरलेस ग्राहकों में शहरी और ग्रामीण वायरलेस ग्राहकों की हिस्सेदारी क्रमशः 54.59% और 45.41% थी।

 

वायरलेस (मोबाइल) और वायरलेस (5G FWA) ग्राहकों का विवरण नीचे दिया गया है: -

(ए) वायरलेस (मोबाइल) ग्राहक

 

• कुल वायरलेस (मोबाइल) ग्राहक दिसंबर-24 के अंत में 1,150.66 मिलियन से बढ़कर जनवरी-25 के अंत में 1,151.29 मिलियन हो गए, जिससे मासिक वृद्धि दर 0.05% दर्ज की गई। शहरी क्षेत्रों में वायरलेस (मोबाइल) ग्राहक दिसंबर-24 के अंत में 627.08 मिलियन से घटकर जनवरी-25 के अंत में 626.08 मिलियन हो गए, हालांकि इसी अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में वायरलेस (मोबाइल) ग्राहक 523.28 मिलियन से बढ़कर 525.20 मिलियन हो गए। शहरी और ग्रामीण वायरलेस (मोबाइल) ग्राहक की मासिक वृद्धि दर क्रमशः -0.06% और 0.19% थी।

• भारत में वायरलेस (मोबाइल) टेली-घनत्व दिसंबर-24 के अंत में 81.67% से घटकर जनवरी-25 के अंत में 81.65% हो गया। शहरी वायरलेस टेली-घनत्व दिसंबर-24 के अंत में 124.31% से घटकर जनवरी-25 के अंत में 123.92% हो गया, हालांकि इसी अवधि के दौरान ग्रामीण टेली-घनत्व 57.89% से बढ़कर 58.05% हो गया। जनवरी-25 के अंत में कुल वायरलेस (मोबाइल) ग्राहकों में शहरी और ग्रामीण वायरलेस (मोबाइल) ग्राहकों की हिस्सेदारी क्रमशः 54.38% और 45.62% थी। वायरलेस (मोबाइल) सब्सक्राइबर बेस के विस्तृत आँकड़े अनुलग्नक-2 में उपलब्ध हैं।

  • दिनांक 31 जनवरी, 2025 की स्थिति के अनुसार, निजी सेवा प्रदाताओं के पास वायरलेस सब्सक्राइबर की संख्या का 91.96% बाजार हिस्सेदारी थी जबकि दो सार्वजनिक क्षेत्रों के टेलिफोन सेवा प्रदाताओं नामतः बीएसएनएल तथा एमटीएनएल के पास केवल 8.04% बाजार हिस्सेदारी थी।
  • एक्सेस सेवा प्रदाता-वार बाजार हिस्सेदारी और वायरलेस (मोबाइल) सब्सक्राइबर बेस में शुद्ध वृद्धि को को रेखाचित्र के रूप में नीचे प्रदर्शित किया गया हैः -

31 जनवरी, 2025 तक वायरलेस (मोबाइल) उपभोक्ताओं के संदर्भ में एक्सेस सेवा प्रदाता-वार बाजार हिस्सेदारी

 

जनवरी, 2025 के महीने में एक्सेस सेवा प्रदाताओं के वायरलेस (मोबाइल) ग्राहकों में शुद्ध वृद्धि/कमी

 

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वायरलैस (मोबाइल) उपभोक्ताओं में वृद्धि

जनवरी, 2025 माह में वायरलेस उपभोक्ताओं की प्रमुख एक्सेस सेवा प्रदातावार मासिक वृद्धि दर

 

 

जनवरी, 2025 माह के दौरान सेवा-क्षेत्रवार वायरलेस (मोबाइल) सब्सक्राइबर बेस में मासिक वृद्धि दर

 

 

  • जनवरी, 2025 के दौरान हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश (पश्चिम), महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर और कोलकता सेवा क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी सेवा क्षेत्रों में वायरलेस (मोबाइल) सब्सक्राइबर की संख्या में वृद्धि दर दर्ज की गई।

(बी) वायरलेस (5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहक

 

•  जनवरी-25 के अंत तक कुल वायरलेस (5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहक 5.72 मिलियन थे, जिनमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहक संख्या क्रमशः 5.51 मिलियन और 0.20 मिलियन थी।

•  जनवरी-25 के अंत तक कुल वायरलेस (5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहकों में शहरी और ग्रामीण वायरलेस (5जी एफडब्ल्यूए) ग्राहकों की हिस्सेदारी क्रमशः 96.46% और 3.54% थी। वायरलेस (5जी एफडब्ल्यूए) सब्सक्राइबर बेस के विस्तृत आँकड़े अनुलग्नक-5 पर उपलब्ध हैं।

 

  1. एम2एम सेल्युलर मोबाइल कनेक्शन

एम2एम सेलुलर मोबाइल कनेक्शनों की संख्या दिसम्बर, 2024 के अंत में 59.09 मिलियन से बढ़कर जनवरी, 2025 के अंत में 63.09 मिलियन हो गई।

 

भारती एयरटेल लिमिटेड के पास 52.37% की बाजार हिस्सेदारी के साथ सबसे अधिक एम2एम सेल्युलर मोबाइल कनेक्शन 33.04 मिलियन हैं, इसके बाद वोडाफोन आइडिया लिमिटेड, रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड और बीएसएनएल के पास क्रमशः 25.07%, 17.40% और 5.16% की बाजार हिस्सेदारी है।

  1.  कुल टेलीफोन सब्सक्राइबर

· दिसम्बर, 2024 के अंत तक देश में टेलीफोन सब्सक्राइबर की संख्या 1,189.92 मिलियन से बढ़कर, जनवरी, 2025 के अंत तक 1,192.03 मिलियन हो गई, जिसमें मासिक वृद्धि दर 0.18 प्रतिशत दर्ज की गयी। दिसम्बर, 2024 के अंत तक शहरी सब्सक्राइबर की संख्या 663.37 मिलियन से बढ़कर जनवरी, 2025 के अंत तक 663.83 मिलियन हो गई और इसी अवधि के दौरान ग्रामीण सब्सक्राइबर की संख्या भी 526.56 मिलियन से बढ़कर 528.20 मिलियन हो गई। जनवरी, 2025 माह के दौरान शहरी एवं ग्रामीण सब्सक्राइबर की मासिक वृद्धि दर क्रमशः 0.17% तथा 0.19% रही।

· देश में समग्र दूरसंचार घनत्व दिसम्बर, 2024 के अंत तक 84.45% से बढ़कर जनवरी, 2025 के अंत तक 84.54% हो गया। शहरी दूरसंचार घनत्व दिसम्बर, 2024 के अंत तक 131.50% से घटकर जनवरी, 2025 के अंत तक 131.40% हो गया हालांकि इसी अवधि के दौरान ग्रामीण वायरलेस दूरसंचार घनत्व 58.22% से बढ़कर 58.38% हो गया। जनवरी, 2025 के अंत तक कुल टेलिफोन उपभोक्ताओं की संख्या में शहरी और ग्रामीण सब्सक्राइबर की हिस्सेदारी क्रमशः 55.69% तथा 44.31% थी।

 

दिनांक 31 जनवरी 2025 की स्थिति के अनुसार सेवा क्षेत्र (एलएसए) वार समग्र दूरसंचार-घनत्व

 

 

  • जैसा कि उपर्युक्त चार्ट में देखा जा सकता है कि जनवरी, 2025 के अंत में आठ सेवा क्षेत्रों में टेलि-घनत्व, अखिल भारत के औसत टेलि-घनत्व से कम रहा है। दिल्ली सेवा क्षेत्र में अधिकतम टेलि-घनत्व 274.17% रहा और इसी दौरान बिहार सेवा क्षेत्र में न्यूनतम टेलि-घनत्व 56.63% रहा।

नोट: -

1.       जनसंख्या आंकड़े/अनुमान केवल राज्यवार ही उपलब्ध हैं।

2.       दूरसंचार घनत्व के आंकड़ों को टेलीफोन सेवा प्रदाताओं के द्वारा उपलब्ध कराए गए उपभोक्ताओं की संख्या के आंकड़ों तथा तकनीकी समूह की भारत और राज्यों के लिए जनसंख्या 2011-2036 के अनुमानों की रिपोर्ट के आकड़ो के आधार पर।    

3.       दिल्ली के लिए टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या के आंकड़ों में दिल्ली राज्य के आंकड़ों के अलावा, गाजियाबाद, और नोएडा (उत्तर प्रदेश में स्थित) तथा गुड़गांव और फरीदाबाद (हरियाणा में स्थित) के स्थानीय एक्सचेजों के दायरे में आने वाले क्षेत्रों हेतु वायरलैस उपभोक्ताओं की संख्या के आंकड़े शामिल हैं।

4.       पश्चिम बंगाल में कोलकाता, महाराष्ट्र् में मुंबई तथा उत्तर प्रदेश में उ0प्र0(पूर्व) एवं उ0प्र0(पश्चिम) सेवा क्षेत्रों की सूचनायें शामिल है।

5.       आंघ्र प्रदेश में तेलंगाना, बिहार में झारखंड, मध्य प्रदेश में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र में गोवा, उत्तर प्रदेश में उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल में सिक्किम तथा उत्तर-पूर्व में अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड एवं त्रिपुरा राज्यों को शामिल किया गया है।

  1. श्रेणीवार वृद्धि

जनवरी, 2025 माह में टेलीफोन सब्सक्राइबर की संख्या में

सेवा क्षेत्र श्रेणीवार जोड़े गए निबल नए सब्सक्राइबर

 

सेवा क्षेत्र श्रेणी

जनवरी, 2025 के माह में जोड़े गए निबल नए सब्सक्राइबर

दिनांक 31 जनवरी, 2025 की स्थिति के अनुसार सब्सक्राइबर की संख्या

वायरलाइन

वायरलेस*

वायरलाइन

वायरलेस*

श्रेणी - क

-1540337

1906719

13539282

385483296

श्रेणी – ख

-1654918

2568517

9512781

468875300

श्रेणी - ग

-654284

1250544

2744860

189962742

महानगर

-391829

619569

9229730

112680644

अखिल भारतीय

-4241368

6345349

35026653

1157001982

*वायरलेस में 5G FWA सदस्यता भी शामिल है।

 

 जनवरी, 2025 माह में सेवा क्षेत्र श्रेणीवार टेलीफोन सब्सक्राइबर की संख्या में

मासिक एवं वार्षिक प्रतिशत वृद्धि दर

 

सेवा क्षेत्र श्रेणी

मासिक वृद्धि दर (प्रतिशत में)

(दिसम्बर-24 से जनवरी-25)

वार्षिक वृद्धि दर (प्रतिशत में)

(जनवरी, 2024 से जनवरी, 2025 तक)

वायरलाइन

वायरलेस*

वायरलाइन

वायरलेस*

श्रेणी – क

-10.21%

0.50%

6.59%

-0.54%

श्रेणी – ख

-14.82%

0.55%

11.42%

-0.56%

श्रेणी - ग

-19.25%

0.66%

11.64%

1.46%

महानगर

-4.07%

0.55%

4.39%

-1.49%

अखिल भारतीय

-10.80%

0.55%

7.64%

-0.32%

*वायरलेस में 5G FWA सदस्यता भी शामिल है।

नोट: सेवाक्षेत्र श्रेणी महानगर में दिल्ली, मुंबई और कोलकाता शामिल हैं। चेन्नई के आंकड़ों को तमिलनाडु के भाग के रूप में सेवाक्षेत्र श्रेणी ‘क’ में सम्मिलित किया गया है।

  • जैसा कि जैसा कि ऊपर दी गई तालिकाओं में देखा जा सकता है, वायरलेस सेगमेंट में जनवरी 2025 के महीने के दौरान, मासिक आधार पर, सभी सर्किलों ने अपने सब्सक्राइबर बेस में वृद्धि दर दर्ज की है। वार्षिक आधार पर, सर्कल 'सी' को छोड़कर, अन्य सभी सर्किलों ने अपने सब्सक्राइबर बेस में गिरावट दर्ज की है।
  • वायरलाइन सेगमेंट में जनवरी 2025 के महीने के दौरान, मासिक आधार पर, सभी सर्किलों ने अपने सब्सक्राइबर बेस में गिरावट दर्ज की है, जबकि वार्षिक आधार पर, सभी सर्किलों ने अपने सब्सक्राइबर बेस में वृद्धि दर्ज की है।  

 

  1.   सक्रिय वायरलेस (मोबाइल) सब्सक्राइबर (वीएलआर आंकड़े)

 

  • जनवरी, 2025 के माह में अधिकतम वीएलआर की तिथि पर कुल वायरलैस सब्सक्राइबर की संख्या 1,151.29 मिलियन में से 1065.01 मिलियन वायरलेस सब्सक्राइबर सक्रिय थे। कुल सब्सक्राइबर की संख्या की तुलना में सक्रिय वायरलेस सब्सक्राइबर का अनुपात लगभग 92.51 प्रतिशत था।
  • जनवरी, 2025 के माह में अधिकतम वीएलआर की तिथि पर सक्रिय वायरलेस सब्सक्राइबर (जिसे वीएलआर सब्सक्राइबर भी कहा जाता है) के अनुपात के विस्तृत आंकड़े अनुलग्नक-3 में उपलब्ध हैं तथा वीएलआर सब्सक्राइबर की संख्या की जानकारी प्रदान करने हेतु उपयोग की गई पद्धति अनुलग्नक-4 में उपलब्ध है।

 

जनवरी, 2025 माह के दौरान टेलीफोन सेवा प्रदातावार वीएलआर सब्सक्राइबर का अनुपात

 

 

  • जनवरी, 2025 माह में रिलायन्स कम्युनिकेशन का अधिकतम वीएलआर की तिथि में वीएलआर सब्सक्राइबर का अनुपात उसके कुल वायरलेस सब्सक्राइबर की संख्या का 100% है जो कि सभी वायरलेस टेलिफोन सेवा प्रदाताओं में अधिकतम है। इसी दौरान एमटीएनएल के वीएलआर सब्सक्राइबर का अनुपात उसके कुल वायरलेस सब्सक्राइबर की संख्या का 48.31% अर्थात् न्यूनतम रहा।  

जनवरी, 2025 माह के दौरान सेवा क्षेत्रवार वीएलआर सब्सक्राइबर का अनुपात

 

 

  1. मोबाइल नम्बर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी)

 

· अंतःसेवा-क्षेत्रीय मोबाइल नम्बर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) को प्रथमतया दिनांक 25.11.2010 से हरियाणा सेवा क्षे़त्र में तथा दिनांक 20.01.2011 से देश के अन्य सभी भागों में लागू किया गया था। दिनांक  03.07.2015 से देश में अंतर्सेवा-क्षेत्रीय एमएनपी लागू किया गया है। अब, वायरलैस टेलीफोन सब्सक्राइबर एक सेवा क्षेत्र से दूसरे सेवा क्षेत्र में विस्थापित होने पर अपना मोबाइल नम्बर यथावत् रख सकते हैं।

· जनवरी, 2025 के माह में कुल 14.14 मिलियन टेलीफोन सब्सक्राइबर से एमएनपी के लिए अनुरोध प्राप्त हुए। इन 14.14 मिलियन अनुरोधों में से 8.16 मिलियन अनुरोध जोन-। से तथा 5.98 मिलियन अनुरोध जोन-।। से प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही एमएनपी के आरंभ होने की तिथि से, संचयी एमएनपी अनुरोध दिसम्बर, 2024 के अंत तक 1079.19 मिलियन से बढ़कर जनवरी, 2025 के अंत तक 1093.33 मिलियन हो गये।

· एमएनपी क्षेत्र-I (उत्तरी तथा पश्चिम भारत) उत्तर प्रदेश-पूर्व में (लगभग 108.37 मिलियन) सबसे अधिक अनुरोध प्राप्त हुए जिसके बाद महाराष्ट्र में (लगभग 89.08 मिलियन) अनुरोध प्राप्त हुए हैं।

· एमएनपी क्षेत्र-II (दक्षिण तथा पूर्वी भारत) में सबसे अधिक अनुरोध मध्य प्रदेश में (लगभग 86.03 मिलियन) प्राप्त हुए हैं जिसके बाद कर्नाटक में (लगभग 72.50 मिलियन) अनुरोध प्राप्त हुए हैं।

सेवा क्षेत्र-वार एमएनपी हेतु दर्ज अनुरोध

जोन-I

जोन-II

सेवा क्षेत्र

पोर्टिंग अनुरोधों की संख्या

सेवा क्षेत्र

पोर्टिंग अनुरोधों की संख्या

दिसम्बर-24

जनवरी-24

दिसम्बर-24

जनवरी-24

दिल्ली

51.42

52.09

आन्ध्र प्रदेश

70.86

71.50

गुजरात

73.42

74.40

असम

7.89

7.99

हरियाणा

33.99

34.41

बिहार

61.90

62.94

हिमाचल प्रदेश

4.55

4.60

कर्नाटक

71.94

72.50

जम्मू और कश्मीर

3.03

3.11

केरल

25.65

25.90

महाराष्ट्र

87.99

89.08

कोलकाता

19.63

19.83

मुंबई

35.43

35.73

मध्य प्रदेश

84.71

86.03

पंजाब

35.34

35.69

उत्तर-पूर्व

2.48

2.50

राजस्थान

72.50

73.24

ओड़ीशा

18.87

19.07

उत्तर प्रदेश-पूर्व

106.35

108.37

तमिलनाडु

67.56

68.14

उत्तर प्रदेश-पश्चिम

79.94

81.41

पश्चिम बंगाल

63.74

64.82

कुल

583.96

592.12

कुल

495.23

501.21

कुल (जोन-। + जोन-।।)                                                    

1,079.19

1,093.33

    शुद्ध योग (जनवरी, 2025 माह में)                                 14.14 मिलियन

 

किसी भी प्रकार के स्पष्टीकरण के लिए कृपया संपर्क करें

 

श्री विजय कुमार, सलाहकार (एफएंडईए),

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, टॉवर-एफ, नौरोजी नगर,

नई दिल्ली-110029.                                                

फोन-011-20907773                                                               

ई-मेलः advfea1@trai.gov.in                                      (अतुल कुमार चौधरी)                                                                           सचिव, भा.दू.वि.प्रा.

 

                    वायरलाइन सब्सक्राइबर की संख्या  

  अनुलग्नक-1

                                                                                   

वायरलेस (मोबाइल) सब्सक्राइबर की संख्या

अनुलग्नक-2

नोट: बीएसएनएल ने दिसंबर, 2024 महीने के लिए ग्रामीण ग्राहकों की संख्या 29,300,726 से संशोधित कर 29,946,250 कर दी है।

 

                                                                                                              अनुलग्नक-3

जनवरी, 2025 के माह के दौरान अधिकतम वीएलआर की तिथि को वीएलआर का अनुपात (प्रतिशत में)

    नोट: इनरोमर्स की बड़ी संख्या के कारण कुछ सेवा प्रदाताओं के कुछ सेवा क्षेत्रों में अधिकतम वीएलआर आंकड़े, एचएलआर आकड़ों से अधिक हो सकते हैं।

 

अनुलग्नक-4

वायरलैस क्षेत्र में वीएलआर सब्सक्राइबर

होम लोकेशन रजिस्टर (एचएलआर) एक केन्द्रीयकृत डाटाबेस है जिसमें प्रत्येक मोबाइल फोन सब्सक्राइबर की संख्या का ब्योरा अंतर्विष्ट होता है जो कि जीएसएम मुख्य नेटवर्क उपयोग करने के लिए प्राधिकृत है। एचएलआर में सेवा प्रदाता द्वारा जारी प्रत्येक सिम कार्ड का ब्यौरा रखा जाता है। प्रत्येक सिम की एक विशिष्ट पहचान होती है जिसे अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल पहचान (आईएमएसआई) कहते हैं, जोकि प्रत्येक एचएलआर रिकार्ड की प्राथमिक कुंजी होता है। एचएलआर डाटा को तब तक सुरक्षित रखा जाता है जब तक सब्सक्राइबर, सेवा प्रदाता के साथ जुड़ा रहता है। एचएलआर प्रशासनिक क्षेत्रों में उपभोक्ताओं की स्थिति को अद्यतन कर सब्सक्राइबर के अंतरण का भी प्रबंधन करता है। यह विजिटर अवस्थिति रजिस्टर (वीएलआर) सब्सक्राइबर का डाटा भेजता है।

सब्सक्राइबर की संख्या के बारे में सेवा प्रदाता द्वारा दी गई संख्या, सेवा प्रदाता के एचएलआर में पंजीकृत आईएमएसआई की संख्या तथा नीचे दिए गए अन्य आंकड़ों का जोड़ हैः -

1.

एचएलआर में कुल आईएमएसआई (ए)

2.

घटाः (बी=क++++ङ)

क.

जांच/सेवा कार्ड

ख.

कर्मचारी

ग.

हस्तगत स्टाक/संवितरण चेनल (एक्टिव कार्ड)

घ.

सब्सक्राइबर को बनाए रखने की अवधि की समाप्ति

कनेक्शन को बंद किए जाने के दौरान सेवा समाप्ति

3.

सब्सक्राइबर की संख्या (ए - बी)

 

विजिटर लोकेशन रजिस्टर (वीएलआर) सब्सक्राइबर का एक अस्थायी डाटाबेस होता है जिन्होंने किसी सेवा प्रदाता के सेवा क्षेत्र के विशिष्ट क्षेत्र में दौरा (रोम-इन) किया है। नेटवर्क में प्रत्येक बेस स्टेशन को केवल एक वीएलआर द्वारा सेवा प्रदान की जाती है। इसलिए, कोई सब्सक्राइबर एक समय में एक से अधिक वीएलआर में मौजूद नहीं रह सकता है।

यदि सब्सक्राइबर सक्रिय अवस्था में है अर्थात् वह काल करने/प्राप्त करने/एसएमएस भेजने/प्राप्त करने में सक्षम है, तो वह एचएलआर तथा वीएलआर में उपलब्ध है। तथापि, यह संभव है कि सब्सक्राइबर ने फोन बंद कर रखा हो अथवा वह कवरेज क्षेत्र से बाहर चला गया हो, पहुंच क्षेत्र से बाहर हो तथा इस कारण वह एचएलआर में पंजीकृत हो तथा वीएलआर में पंजीकृत नहीं हो। ऐसी परिस्थितियों में वह एचएलआर में उपस्थित होगा वीएलआर में नहीं। इससे सेवा प्रदाताओं द्वारा संसूचित सब्सक्राइबर की संख्या तथा वीएलआर में उपलब्ध संख्या के बीच अंतर आ जाता है।

यहां परिकलित वीएलआर डाटा, जिस विशिष्ट माह के लिए आंकड़ों को संग्रहित किया जा रहा है, उसके लिए अधिकतम वीएलआर की तिथि पर वीएलआर में सक्रिय सब्सक्राइबर के आधार पर परिकलित किया जाता है। यह डाटा ऐसे स्विचों से लिये जाने होते हैं जिनका 72 घंटों से अधिक का ’पर्ज टाइम’ (डाटा समाप्ति का समय) न हो।

 

अनुलग्नक-5

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Samrat


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