विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड-विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (टीडीबी-डीएसटी) ने देश के छोटे हथियार विनिर्माण इको-सिस्टम को मजबूत करने में मेसर्स डीवीपा डिफेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का सहयोग किया
प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड-विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने स्वदेशी नवाचार का समर्थन किया: डीवीपा की उग्रम राइफल ने देश के छोटे हथियार विनिर्माण में एक नए युग की शुरुआत की
Posted On:
17 APR 2025 2:45PM by PIB Delhi
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) के माध्यम से मेसर्स डीवीपा डिफेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद (पूर्व में मेसर्स डीवीपा आर्मर प्राइवेट लिमिटेड) को वित्तीय सहायता प्रदान करके देश की छोटे हथियार विनिर्माण क्षमता को स्वदेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। "7.62 मिमी x 51 मिमी असॉल्ट राइफलों का विकास और व्यावसायीकरण" नामक इस परियोजना का उद्देश्य भारतीय सेना की जनरल स्टाफ गुणात्मक आवश्यकताओं (जीएसक्यूआर) के अनुरूप उच्च प्रदर्शन वाली स्वदेशी असॉल्ट राइफलों का उत्पादन करना है।

प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड की सहायता से "उग्रम" (यूजीआरएएम) राइफल के विकास, परीक्षण और व्यावसायीकरण को सक्षम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिसमें एकीकृत गुणवत्ता आश्वासन और परीक्षण बुनियादी ढांचे के साथ अत्याधुनिक इन-हाउस विनिर्माण इकाई का निर्माण शामिल है।
भारत आयातित छोटे हथियारों पर दशकों से बहुत अधिक निर्भर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप सशस्त्र बलों में पर्याप्त विदेशी मुद्रा बहिर्वाह और अंतर-संचालन चुनौतियां हैं, जिससे प्रशिक्षण और लॉजिस्टिक जटिल हो गई है। पुराने आईएनएसएएस राइफल, जो पहले के सहयोग से विकसित किए गए थे वो अब अप्रसांगिक हो गए हैं। सरकार ने वर्ष 2017 में 7.62 मिमी x 51 मिमी एनएटीओ-ग्रेड गोला-बारूद में चैम्बर वाली उन्नत, विश्वसनीय राइफलों के साथ इन्हें बदलने के लिए नीतिगत बदलाव शुरू किया।
इस राष्ट्रीय आवश्यकता को पूरा करने के लिए अक्टूबर 2018 में निगमित डीवीपा डिफेंस, रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में अग्रणी के रूप में उभरा है। छोटे हथियारों और गोला-बारूद के उत्पादन के लिए शुरुआती लाइसेंस धारकों में से एक के रूप में, कंपनी ने डीआरडीओ के आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई), पुणे के साथ भागीदारी की। एक स्वदेशी असॉल्ट राइफल, "उग्रम" (जिसका संस्कृत में अर्थ है "क्रूर") असाधारण निष्पादन का प्रदर्शन करते हुए, 100 दिनों के अंदर पांच प्रोटोटाइप विकसित किए गए और एआरडीई में प्रारंभिक परीक्षण सफलतापूर्वक प्राप्त किए।
"उग्रम" : एक आधुनिक, स्वदेशी असॉल्ट राइफल
उग्रम एक मॉड्यूलर, एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 7.62 मिमी x 51 मिमी असॉल्ट राइफल है, जिसे सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक इकाइयों और विशेष बलों द्वारा आतंकवाद विरोधी और आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए तैयार किया गया है। इसमें कई उन्नत विशेषताएं शामिल हैं:
स्वदेशी विकास:
- 100 प्रतिशत डिजाइन, सामग्री का चयन, विनिर्माण और परीक्षण घरेलू स्तर पर किया जाता है और एआरडीई, डीआरडीओ द्वारा अनुमोदित किया जाता है।
मुख्य विशेषताएं:
- बढ़ी हुई विश्वसनीयता के लिए लंबे स्ट्रोक वाला पिस्टन तंत्र।
- सभी दबाव-असर वाले भागों में उच्च शक्ति वाले स्टील का उपयोग किया जाता है।
- उच्च श्रेणी के नायलॉन-आधारित हैंडगार्ड, पिस्टल ग्रिप और बटस्टॉक।
- उभयलिंगी मैगज़ीन रिलीज़ और एर्गोनोमिक, साइड-माउंटेड कॉकिंग हैंडल।
प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड के सचिव, श्री राजेश कुमार पाठक ने इस अवसर पर कहा, " प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड का डीवीपा डिफेंस को सहयोग 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों को स्वदेशी बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। यह परियोजना न केवल आत्मनिर्भरता को मजबूत करती है बल्कि विश्वसनीय रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से आयात प्रतिस्थापन और भविष्य के निर्यात का मार्ग भी प्रशस्त करती है।"
प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड के सहयोग पर टिप्पणी करते हुए, मेसर्स डीवीपा डिफेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक ने कहा, "हमें भारत से विश्व स्तरीय रक्षा उत्पादों का निर्माण करके देश की सामरिक स्वायत्तता में योगदान देने पर गर्व है। प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड से मिलने वाला सहयोग भारत में सेनाओं द्वारा, सेनाओं के लिए निर्माण करने के हमारे संकल्प को मजबूत करता है।"
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एमजी/केसी/एचएन/एसके
(Release ID: 2122415)