खान मंत्रालय
राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन
भारत के स्वच्छ ऊर्जा भविष्य को सशक्त बनाना
Posted On:
09 APR 2025 6:33PM by PIB Delhi
परिचय
भारत सरकार ने महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की राह में एक मजबूत ढांचा स्थापित करने के लिए 2025 में राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (एनसीएमएम) की शुरूआत की। इस मिशन के तहत, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) को 2024-25 से 2030-31 तक 1,200 अन्वेषण परियोजनाओं का संचालन करने का काम सौंपा गया है।
नवंबर 2022 में खान मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति ने 30 महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान की, जिनमें से 24 को खान और खनिज विकास और विनियमन अधिनियम, 1957 (एमएमडीआर अधिनियम, 1957) की अनुसूची I के भाग डी में शामिल किया गया। खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम (एमएमडीआर अधिनियम) की पहली अनुसूची के भाग डी में 24 महत्वपूर्ण खनिजों को शामिल करने का अर्थ है कि केंद्र सरकार के पास अब इन विशिष्ट खनिजों के लिए खनन पट्टों और समग्र लाइसेंसों की नीलामी करने का विशेष अधिकार है।
इसने नियमित रूप से खनिज सूची को अपडेट करने और रणनीति का मार्गदर्शन करने के लिए महत्वपूर्ण खनिजों पर उत्कृष्टता केंद्र (सीईसीएम) स्थापित करने की भी सिफारिश की।
सौर पैनल, पवन टर्बाइन, ई.वी. और ऊर्जा भंडारण प्रणालियों जैसी स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए महत्वपूर्ण खनिज ज़रुरी हैं। इन संसाधनों को सुरक्षित करने हेतु भारत ने उनकी दीर्घकालिक उपलब्धता और प्रसंस्करण सुनिश्चित करने के लिए एनसीएमएम की शुरुआत की।
महत्वपूर्ण खनिज किसी भी देश के आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ज़रुरी हैं, तथा उनकी उपलब्धता में कमी या कुछ भौगोलिक स्थानों तक उनका संकेन्द्रण होने से आपूर्ति श्रृंखला कमजोर हो सकती है।
|
महत्वपूर्ण खनिजों का उपयोग
महत्वपूर्ण खनिज विभिन्न स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और उद्योगों के अहम भाग हैं। विभिन्न क्षेत्रों में उनके महत्व को उजागर किया जा सकता है:
1. सौर ऊर्जा
- सिलिकॉन, टेल्यूरियम, इंडियम और गैलियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज, सौर पैनलों में इस्तेमाल होने वाले फोटोवोल्टिक (पीवी) सेल्स के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- भारत की वर्तमान सौर क्षमता 64 गीगावॉट इन खनिजों पर बहुत अधिक निर्भर है।
2. पवन ऊर्जा
- दुर्लभ पृथ्वी तत्वों जैसे डिस्प्रोसियम और नियोडिमियम का प्रयोग पवन टर्बाइनों के लिए स्थायी चुम्बकों में किया जाता है।
- भारत का लक्ष्य 2030 तक अपनी पवन ऊर्जा क्षमता को 42 गीगावॉट से बढ़ाकर 140 गीगावॉट करना है, जिसके लिए इन खनिजों की स्थिर आपूर्ति ज़रुरी है।
3. इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी)
- लिथियम, निकेल और कोबाल्ट, लिथियम-आयन बैटरी में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री हैं।
- राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना (एनईएमएमपी) के तहत, भारत 2024 तक 6-7 मिलियन ईवी लाने की योजना बना रहा है, जिससे इन महत्वपूर्ण खनिजों की मांग में बढ़ोत्तरी होगी।
4. ऊर्जा भंडारण
- उन्नत ऊर्जा भंडारण प्रणालियों में उपयोग की जाने वाली लिथियम-आयन बैटरियां लिथियम, कोबाल्ट और निकेल पर निर्भर करती हैं।
एनसीएमएम के उद्देश्य
- घरेलू और विदेशी स्रोतों से खनिज उपलब्धता सुनिश्चित करके भारत की महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित करना।
- खनिज अन्वेषण, खनन, प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण में नवाचार, कौशल विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी, विनियामक और वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाकर मूल्य श्रृंखलाओं को मजबूत करना।
आउटपुट मिशन
मिशन के लक्ष्य
|
प्रमुख भाग
|
लक्ष्य (2024-25 से 2030-31)
|
घरेलू और विदेशी सोर्सिंग को सुरक्षित करना
|
घरेलू महत्वपूर्ण खनिज अन्वेषण परियोजनाएं- महत्वपूर्ण खनिजों के घरेलू भंडार की पहचान और मूल्यांकन करने के उद्देश्य से परियोजनाएं।
|
1200
|
विदेशी महत्वपूर्ण खनिज खदानें - सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा विदेशी खनिज परिसंपत्तियों की खोज और अधिग्रहण।
|
26
|
विदेशी महत्वपूर्ण खनिज खदानें - निजी संस्थाएं- विदेश में महत्वपूर्ण खनिज परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिए निजी फर्मों को सुविधा और समर्थन।
|
24
|
पुनर्चक्रण के लिए प्रोत्साहन योजना (केटी)
स्क्रैप और अपशिष्ट जैसे द्वितीयक स्रोतों से महत्वपूर्ण खनिजों की वसूली को बढ़ावा देने की योजना
|
400
|
मूल्य श्रंखला को मज़बूत बनाना
|
महत्वपूर्ण खनिज मूल्य श्रृंखला में पेटेंट
महत्वपूर्ण खनिज जीवनचक्र में पेटेंट के विकास के ज़रिए नवाचार को प्रोत्साहित करना।
|
1000
|
कौशल विकास
खनन, प्रसंस्करण और अनुसंधान एवं विकास में गतिविधियों का समर्थन करने के लिए कार्यबल को प्रशिक्षण और कौशल प्रदान करना।
|
10000
|
खनिज प्रसंस्करण पार्क
महत्वपूर्ण खनिजों के प्रसंस्करण के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के साथ समर्पित क्षेत्र।
|
4
|
उत्कृष्टता केंद्र
क्षेत्र में उन्नत अनुसंधान और तकनीकी विकास के लिए स्थापित संस्थान।
|
3
|
खनिज भंडार (संचयी)
महत्वपूर्ण खनिजों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक भंडार बनाए रखा जाता है।
|
5
|
राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (एनसीएमएम) के घटक

भारत के अन्वेषण प्रयास
एनसीएमएम मिशन के तहत, जीएसआई ने अपने अन्वेषण कार्यक्रमों को तेज़ कर दिया है। 2024-25 के फील्ड सीजन में, जीएसआई ने राजस्थान में 35 सहित 195 परियोजनाएं शुरू की हैं, जो महत्वपूर्ण खनिज भंडारों की पहचान और उनके आकलन पर केंद्रित हैं। यह मिशन घरेलू अन्वेषण और खनन प्रयासों को बढ़ाकर आयात निर्भरता को कम करने का प्रयास करता है। 100 से अधिक महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी की जानी है, और अन्वेषण को कोबाल्ट, दुर्लभ पृथ्वी तत्व (आरईई), निकेल और मैंगनीज युक्त पॉलीमेटेलिक नोड्यूल्स से समृद्ध अपतटीय क्षेत्रों तक विस्तारित किया जाएगा।
खान मंत्रालय के तहत भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई), महत्वपूर्ण खनिजों के लिए अन्वेषण गतिविधियों को करने के लिए संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क वर्गीकरण (यूएनएफसी) वर्गीकरण और खनिज (खनिज सामग्री का साक्ष्य) (एमईएमसी) नियम, 2015 का पालन करता है। इससे पहले 2021-22 और 2022-23 में, जीएसआई ने राजस्थान के सिरोही और भीलवाड़ा जिलों में नियोडिमियम सहित दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (आरईई) के लिए सर्वेक्षण किया था। इसके अलावा, परमाणु ऊर्जा विभाग ने राजस्थान के बालोतरा में करीब 1,11,845 टन इन-सीटू दुर्लभ पृथ्वी तत्व ऑक्साइड (आरईओ) की खोज की।

परियोजनाओं को गति देने के लिए, एक फास्ट-ट्रैक विनियामक अनुमोदन प्रणाली शुरू की जाएगी। एक नया अन्वेषण लाइसेंस (ईएल) निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा। नियमों और प्रोत्साहनों में ढील देकर फ्लाई ऐश, टेलिंग्स और रेड मड जैसे द्वितीयक स्रोतों से खनिजों को निकालने को बढ़ावा दिया जाएगा। ट्रेस मिनरल मूल्यांकन, प्रसंस्करण पार्कों के विकास और महत्वपूर्ण खनिज मूल्य श्रृंखला में राज्य सरकारों और सार्वजनिक उपक्रमों की बढ़ती भागीदारी पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
विदेश में परिसंपत्तियों का अधिग्रहण
भारत संसाधन संपन्न देशों में महत्वपूर्ण खनिज परिसंपत्तियों की खोज और अधिग्रहण में निवेश करेगा। पीएसयू और निजी फर्मों को फंडिंग, दिशा-निर्देशों और अंतर-मंत्रालयी समन्वय के ज़रिए समर्थन दिया जाएगा। सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा और विदेश मंत्रालय की मदद से बुनियादी ढांचे का समर्थन सुनिश्चित किया जाएगा।
प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय पहल
- काबिल (खानिज बिदेश इंडिया लिमिटेड) ने 15 जनवरी 2024 को अर्जेंटीना के कैटामार्का में एक सरकारी स्वामित्व वाली उद्यम कैमयेन एसई के साथ 15,703 हेक्टेयर में लिथियम अन्वेषण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
- काबिल ने मार्च 2022 में ऑस्ट्रेलिया सरकार के उद्योग, विज्ञान और संसाधन विभाग (डीआईएसईआर) के क्रिटिकल मिनरल ऑफिस (सीएमओ) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए।
- ऑफ-टेक व्यवस्था के ज़रिए रणनीतिक निवेश के लिए ऑस्ट्रेलिया में लिथियम और कोबाल्ट परियोजनाओं के चयन के लिए उचित कार्य चल रहा है।
आईआरईएल (इंडिया) लिमिटेड

6 लाख टन प्रति वर्ष की प्रसंस्करण क्षमता के साथ, आईआरईएल इल्मेनाइट, रूटाइल, जिरकोन, सिलिमेनाइट और गार्नेट जैसे प्रमुख खनिजों का उत्पादन करता है। यह ओडिशा के छत्रपुर में एक दुर्लभ पृथ्वी निष्कर्षण संयंत्र और केरल के अलुवा में एक दुर्लभ पृथ्वी शोधन इकाई भी संचालित करता है। कंपनी 1997-98 से लगातार लाभ कमा रही है, 2021-22 में इसका अधिकतम कारोबार 14,625 मिलियन रुपए से अधिक रहा, जिसमें निर्यात में 7,000 मिलियन रुपए शामिल हैं।
आईआरईएल अपनी उत्पादन क्षमता का विस्तार करने, मूल्य श्रृंखला उद्योगों का समर्थन करने और केरल के कोल्लम में अपनी सुविधा के ज़रिए अनुसंधान एवं विकास को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है।
निष्कर्ष
भारत का लक्ष्य 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 45% तक कम करना (2005 के स्तर से), 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से अपनी बिजली क्षमता का 50% हासिल करना और 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन तक पहुँचना है। इन जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने के लिए, राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (एमसीएमएम) महत्वपूर्ण खनिजों के लिए एक मज़बूत और आत्मनिर्भर व्यवस्था बनाकर एक अहम भूमिका निभा रहा है। यह मिशन घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने, निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने, अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी को मजबूत करने और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए, ज़रुरी खनिजों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विनियमों को सुव्यवस्थित करने पर केंद्रित है।
संदर्भ
पीडीएफ के लिए यहां क्लिक करें
***
एमजी/आरपीएम/केसी/एनएस/डीए
(Release ID: 2120606)
Visitor Counter : 306