इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
एमईआईटीवाई ने इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना को अधिसूचित किया; इससे इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी
योजना का लक्ष्य भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम को मजबूत करना है; हितधारकों के फीडबैक के लिए मसौदा दिशानिर्देश जारी किए गए
केंद्रीय मंत्री ने कहा, पिछले दशक में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में पांच गुना और निर्यात में छह गुना वृद्धि हुई
भारत का स्मार्टफोन निर्यात 2 लाख करोड़ रुपये के पार; वित्त वर्ष 24-25 में अकेले आई-फोन का योगदान 1.5 लाख करोड़ रुपये रहा
Posted On:
08 APR 2025 9:49PM by PIB Delhi
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना को अधिसूचित किया, जो इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना की अधिसूचना हाल ही में कैबिनेट के फैसले के अनुरूप है। उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार हमेशा खुले विचारों वाली, परामर्शदात्री और समावेशी रही है। हम किसी भी कानून या नीति को अंतिम रूप देने से पहले सभी के विचारों को ध्यान में रखते हैं।'
इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में तीव्र वृद्धि
केन्द्रीय मंत्री ने इस क्षेत्र की प्रभावशाली वृद्धि दर पर भी प्रकाश डाला। पिछले वित्तीय वर्ष में स्मार्टफोन निर्यात 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का रहा, जिसमें अकेले आई-फोन निर्यात लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये था। पिछले दशक में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में पांच गुना वृद्धि हुई और निर्यात में छह गुना से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है, जिसमें निर्यात सीएजीआर 20 प्रतिशत से अधिक और उत्पादन सीएजीआर 17 प्रतिशत से अधिक है।
मंत्री ने कहा, "थोड़े ही समय में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण इकोसिस्टम - जिसमें घटक निर्माता और विभिन्न प्रकार के उत्पादक शामिल हैं - काफी विकसित हो गया है। आज बड़ी और छोटी दोनों तरह की 400 से अधिक उत्पादन इकाइयां हैं, जो विभिन्न प्रकार के घटकों का निर्माण करती हैं।"
केंद्रीय मंत्री ने वैश्विक उद्योग के रुझानों को दर्शाते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में भारत की यात्रा अलग-अलग चरणों से गुज़री है: तैयार माल से शुरू होकर, सब-असेंबली तक आगे बढ़ते हुए और अब गहरे घटक विनिर्माण के महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर रही है। यह क्षेत्र लगातार तीसरे चरण में आगे बढ़ रहा है, जो मूल्य संवर्धन, आत्मनिर्भरता और इकोसिस्टम की गहराई में एक महत्वपूर्ण छलांग है।
क्षैतिज विस्तार और घटक विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करें
मंत्री ने योजना की संरचना को रेखांकित करते हुए कहा कि इसे एक क्षैतिज पहल के रूप में तैयार किया गया है, जिसका लाभ उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा उपकरण, ऑटोमोबाइल, विद्युत इलेक्ट्रॉनिक्स और विद्युत ग्रिड जैसे कई क्षेत्रों तक फैला हुआ है, जिससे पूरी अर्थव्यवस्था में एक मजबूत गुणक प्रभाव पैदा होता है।
यह योजना विशेष रूप से निष्क्रिय इलेक्ट्रॉनिक घटकों पर केंद्रित है, जिन्हें नई पहल के तहत सहायता प्रदान की जाएगी। इसके विपरीत सक्रिय घटक भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के दायरे में आते हैं। निष्क्रिय घटकों की सांकेतिक सूची में प्रतिरोधक, संधारित्र, कनेक्टर, प्रेरक, स्पीकर, रिले, स्विच, ऑसिलेटर, सेंसर, फिल्म, लेंस और कई अन्य शामिल हैं- जो योजना के आकार-प्रकार को रेखांकित करते हैं।
पूंजीगत उपकरण और टूलींग उद्योग के लिए समर्थन
केन्द्रीय मंत्री श्री वैष्णव ने विनिर्माण में सटीक उपकरणों और पूंजीगत वस्तुओं के महत्व को पहचानते हुए घोषणा की कि यह योजना इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में उपयोग किए जाने वाले पूंजीगत उपकरणों के डिजाइन और विनिर्माण का भी समर्थन करेगी। उन्होंने कहा, "जिस तरह सेमीकंडक्टर मिशन ने एप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च जैसी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया, उसी तरह यह योजना इलेक्ट्रॉनिक्स घटक इकोसिस्टम के लिए एक समान मॉडल को बढ़ावा देगी।" लिंडे जैसी रासायनिक और गैस की बड़ी कंपनियों ने पहले ही भारत में सुविधाएं स्थापित करना शुरू कर दिया है ग्लोबल प्लेयर्स इकोसिस्टम में शामिल होने के लिए चर्चा कर रहे हैं।
क्षेत्र की आवश्यकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए अनुरूप प्रोत्साहन
मंत्री ने घटक क्षेत्र की संरचनात्मक बारीकियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक घटक विनिर्माण में आमतौर पर अधिक निवेश की आवश्यकता होती है और तैयार माल की तुलना में इसकी निर्माण अवधि भी अधिक होती है। तदनुसार यह योजना तीन प्रोत्साहन संरचनाओं की पेशकश करेगी: i) टर्नओवर-लिंक्ड प्रोत्साहन ii) कैपेक्स-लिंक्ड प्रोत्साहन iii) हाइब्रिड प्रोत्साहन मॉडल
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सभी आवेदकों के लिए रोजगार सृजन एक अनिवार्य आवश्यकता होगी, जिसमें घटक निर्माता और पूंजीगत उपकरण उत्पादक दोनों शामिल हैं। रोजगार सृजन पर यह जोर समावेशी विकास और भारत में एक मजबूत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण इकोसिस्टम के विकास के लिए सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
अधिसूचना यहां देखी जा सकती है
***
एमजी/केसी/पीसी/ओपी
(Release ID: 2120371)
Visitor Counter : 69