सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार कल से देहरादून में मंत्रालय के दो दिन के चिंतन शिविर - सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर राष्ट्रीय संवाद - की अध्यक्षता करेंगे
प्रभावी अभिसरण, बेहतर केंद्र-राज्य समन्वय और जमीनी स्तर पर सरकारी सेवाओं की समावेशी पहुंच को लक्षित किया जाएगा
Posted On:
06 APR 2025 6:59PM by PIB Delhi
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय 7 से 8 अप्रैल 2025 को उत्तराखंड के देहरादून में चिंतन शिविर का आयोजन कर रहा है। दो दिन का यह राष्ट्रीय समीक्षा सम्मेलन देश भर के विशेषज्ञों और हितधारकों को एक साथ लाएगा। इससे प्रमुख सामाजिक न्याय और कल्याण पहलों का व्यापक मूल्यांकन किया जा सके। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अभिसरण को बढ़ावा देना, केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय में सुधार करना और जमीनी स्तर पर सरकारी सेवाओं की प्रभावी और समावेशी पहुंच सुनिश्चित करना है।
सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार करेंगे, साथ ही राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले और श्री बी.एल. वर्मा भी उपस्थित रहेंगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सहित विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 21 मंत्रियों के कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, राज्य समाज कल्याण विभागों और विकास एवं वित्त निगमों के प्रमुखों के वरिष्ठ अधिकारियों के भी इसमें शामिल होने की संभावना है।
चिंतन शिविर का उद्देश्य सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक सशक्तीकरण में आने वाली बाधाओं को दूर करके न्यायपूर्ण और समावेशी समाज के निर्माण के मंत्रालय के मिशन को आगे बढ़ाना है। विचार-विमर्श में हाशिए पर पड़े समूहों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुँच बढ़ाने, कौशल निर्माण को बढ़ावा देने और स्थायी आजीविका के अवसर सृजित करने पर बल दिया जाएगा। विकलांग व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों, सफाई कर्मचारियों और बेघर या भीख मांगने वाले लोगों जैसे समुदायों की गरिमा, पुनर्वास और समावेश सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
चिंतन शिविर में मानव सम्मान, अधिकार-आधारित समर्थन और समान अवसर पर केंद्रित मंत्रालय का विजन और मिशन पर भी चर्चा होगी। चर्चा में राज्य-स्तरीय नवाचारों, सफल समुदाय-आधारित मॉडलों और प्रभावशाली नीति कार्यान्वयन के लिए केंद्र-राज्य सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर भी चर्चा की जाएगी।
प्रमुख विकास और वित्त निगमों द्वारा प्रस्तुतियाँ ऐतिहासिक रूप से वंचित समूहों के बीच वित्तीय समावेशन और उद्यमशीलता को दर्शाएंगी। विचार-विमर्श में सामाजिक लेखा परीक्षा और डिजिटल प्रणालियों के माध्यम से अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक भागीदारी के लिए तंत्र भी शामिल होंगे।
सम्मेलन का समापन राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों के विचारों के साथ होगा। यह एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा, जहाँ हर व्यक्ति - जाति, आयु, लिंग या क्षमता की परवाह किए बिना - को आगे बढ़ने का अवसर मिले।
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