संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र

Posted On: 26 MAR 2025 4:27PM by PIB Delhi

दूरसंचार (मानक, अनुरूपता मूल्यांकन और प्रमाणन) नियम, 2025 का मसौदा भारतीय टेलीग्राफ (संशोधन) नियम, 2017 के स्थान पर प्रस्तावित किया गया है। जीएसआर 1131(ई) भाग XI के अनुसार “भारतीय टेलीग्राफ (संशोधन) नियम, 2017” दूरसंचार उपकरणों के अनिवार्य परीक्षण और प्रमाणन (एमटीसीटीई) का आदेश देता है और यह 01.10.2018 से ही लागू है।

यह सुनिश्चित करता है कि दूरसंचार नेटवर्क से जुड़े/उपयोग किए जाने वाले दूरसंचार उपकरण ईएमआई/ईएमसी, सुरक्षा, सुरक्षा आवश्यकताओं, अंतर-संचालन और अन्य तकनीकी आवश्यकताओं सहित सभी निर्धारित मानकों के अनुरूप हों। मुख्य उद्देश्य नीचे दिए गए हैं:

  1. कोई भी दूरसंचार उपकरण उस मौजूदा नेटवर्क के प्रदर्शन को ख़राब नहीं करता है जिससे वह जुड़ा हुआ है;
  2. अंतिम उपयोगकर्ताओं (एंड-यूजर्स) की सुरक्षा;
  3. दूरसंचार नेटवर्कों की सुरक्षा;
  4. उपकरण से रेडियो आवृत्ति उत्सर्जन निर्धारित मानकों से अधिक न हो, यह सुनिश्चित करके उपयोगकर्ताओं और आम जनता की सुरक्षा करना;
  5. दूरसंचार उपकरण प्रासंगिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय नियामकीय मानकों और आवश्यकताओं का अनुपालन करता है।

एमटीसीटीई के तहत छह चरणों में कुल 211 दूरसंचार उपकरण पहले ही अधिसूचित किए जा चुके हैं। इस प्रकार, प्रस्तावित नियम उपरोक्त उद्देश्यों को सुनिश्चित करना जारी रखेगा और पूरे भारत में दूरसंचार नेटवर्क को मजबूत करेगा।

टीईसी इन नियमों के तहत अधिसूचित विभिन्न दूरसंचार उपकरणों के लिए अनिवार्य आवश्यकताओं (ईआर) के विकास और उत्पाद अनिवार्य आवश्यकताओं का अनुपालन करने पर अनुरूपता प्रमाणपत्र जारी करने के लिए जिम्मेदार है। इसके अलावा, अनिवार्य आवश्यकताओं (ईआर) के खिलाफ परीक्षण करने के लिए टीईसी द्वारा प्रयोगशालाओं को नामित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय संचार सुरक्षा केंद्र (एनसीसीएस) दूरसंचार उपकरणों के लिए सुरक्षा आवश्यकताओं के विकास और निर्धारित सुरक्षा आवश्यकताओं के संबंध में दूरसंचार उपकरणों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है।

वर्तमान में, प्रमाणन प्रक्रिया पहले से ही एंड-टू-एंड ऑनलाइन है। हालांकि, प्रस्तावित पोर्टल इन नियमों के डिजिटल कार्यान्वयन को और सुविधाजनक बनाएगा, जिसमें अनुपालन, शुल्क और प्रभार, गैर-अनुरूपता के नोटिस और उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा इन नियमों के तहत किसी भी आदेश या निर्देश के लिए मानकों और अनुरूपता मूल्यांकन प्रक्रियाओं को निर्दिष्ट करना शामिल है। पोर्टल हितधारकों के लिए एकल खिड़की के रूप में कार्य करेगा और इस प्रकार देश में व्यापार करने में आसानी को बढ़ाएगा।

मसौदा नियमों में प्रावधान किए गए हैं जो अनुसंधान, प्रदर्शन या परीक्षण के लिए प्रासंगिक नियमों और प्रक्रियाओं के अनुपालन के अधीन भारत में अनुसंधान एवं विकास या प्रदर्शन या नमूनों की जांच करने के उद्देश्य से भारत में आयातित दूरसंचार उपकरणों के लिए छूट प्रदान करते हैं। ये छूट नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए, विशेष रूप से महाराष्ट्र सहित देश के किसी भी हिस्से में स्थित स्टार्ट-अप, अनुसंधान एवं विकास केंद्रों, शिक्षाविदों और उद्योगों के लिए उपयोगी होगी। मसौदा नियमों में भारत में निजी उपयोग के लिए किसी व्यक्ति द्वारा भारत में लाए गए दूरसंचार उपकरणों और जिसका आयात या उपयोग अधिनियम या किसी अन्य वर्तमान कानून के तहत प्रतिबंधित नहीं है, के लिए भी छूट प्रदान की गई है।

यह जानकारी आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने दी।

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