रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय
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प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत 28.02.2025 तक देशभर में कुल 15,057 जन औषधि केन्द्र (जेएके) खोले जा चुके हैं


जन औषधि केन्द्रों (जेएके) में सुचारू आपूर्ति और उत्पादों की उपलब्धता के लिए, शुरू से अंत तक एक आईटी-समर्थ आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली स्थापित की गई है; इसमें गुरुग्राम स्थित एक केन्द्रीय गोदाम और बेंगलुरु, गुवाहाटी, चेन्नई एवं सूरत स्थित चार क्षेत्रीय गोदाम शामिल हैं

Posted On: 25 MAR 2025 7:02PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत 28.02.2025 तक देशभर में कुल 15,057 जन औषधि केन्द्र (जेएके) खोले जा चुके हैं, जिनकी राज्य-वार और केन्द्र-शासित प्रदेश-वार संख्या अनुलग्नक में दी गई है।

जेएके में दवाओं की उपलब्धता में कमी एक प्रणालीगत समस्या नहीं है। जेएके में सुचारू आपूर्ति और उत्पादों की उपलब्धता के लिए, एक शुरू से अंत तक एक आईटी-समर्थ आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली स्थापित की गई है। इसमें गुरुग्राम स्थित एक केन्द्रीय गोदाम और बेंगलुरु, गुवाहाटी, चेन्नई एवं सूरत स्थित चार क्षेत्रीय गोदाम शामिल हैं। इसके अलावा, आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली को मजबूत करने हेतु देशभर में 36 वितरक नियुक्त किए गए हैं। उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु 400 तेजी से बिकने वाले (फास्ट-मूविंग) उत्पादों की उपलब्धता की नियमित रूप से निगरानी की जाती है। इसके अलावा, 200 दवाओं के लिए न्यूनतम भंडारण (स्टॉकिंग) अनिवार्यता लागू की गई है, जिसमें योजना से संबंधित उत्पादों की टोकरी में 100 सबसे ज्यादा बिकने वाली दवाएं और बाजार में 100 तेजी से बिकने वाली दवाएं शामिल हैं। भंडारण (स्टॉकिंग) अनिवार्यता के तहत, जन औषधि केन्द्र के मालिक अपने द्वारा किए गए उक्त 200 दवाओं के भंडारण के आधार पर प्रोत्साहन (इंसेंटिव) का दावा करने के पात्र हो जाते हैं। इस प्रकार, गोदामों व वितरकों की प्रणाली तथा निगरानी प्रणाली के माध्यम से जेएके को दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है और अधिक मांग वाले उत्पादों का भंडारण करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु जेएके को प्रोत्साहन (इंसेंटिव) प्रदान किए जाते हैं। जेएके उद्यमिता मॉडल पर संचालित होते हैं तथा उत्पादों का वास्तविक भंडारण मांग के आधार पर उद्यमियों द्वारा किया जाता है।

जेएके से बेची जाने वाली दवाओं की गुणवत्ता को लेकर आने वाली शिकायतों से बचाव के लिए, नीचे बताए गए कड़े उपाय लागू किए गए हैं ताकि जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से आपूर्ति की जाने वाली दवाओं का मानकों के अनुरूप होना सुनिश्चित किया जा सके:

  1. दवाइयां केवल विश्व स्वास्थ्य संगठन- अच्छी उत्पादन संबंधी कार्यप्रणाली (डब्ल्यूएचओ-जीएमपी) द्वारा प्रमाणित आपूर्तिकर्ताओं से ही खरीदी जाती हैं।
  2. इस योजना के तहत आपूर्ति की गई दवाओं के प्रत्येक बैच का परीक्षण राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में किया जाता है तथा गुणवत्ता परीक्षण में सफल होने के बाद ही दवाओं को जन औषधि केन्द्रों को भेजा जाता है।
  3. विक्रेताओं की सुविधाओं का गुणवत्ता ऑडिट नियमित रूप से फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया द्वारा किया जाता है।

दिनांक 28.2.2025 तक खोले गए जन औषधि केन्द्र (जेएके)

क्र.सं

राज्य/केन्द्र-शासित प्रदेश

खोले गए जेएके

1

अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह

9

2

आंध्र प्रदेश

275

3

अरुणाचल प्रदेश

34

4

असम

170

5

बिहार

812

6

चंडीगढ़

11

7

छत्तीसगढ़

278

8

दिल्ली

492

9

गोवा

15

10

गुजरात

760

11

हरियाणा

408

12

हिमाचल प्रदेश

71

13

जम्मू एवं कश्मीर

318

14

झारखंड

148

15

कर्नाटक

1,425

16

केरल

1,528

17

लद्दाख

2

18

लक्षद्वीप

1

19

मध्य प्रदेश

545

20

महाराष्ट्र

708

21

मणिपुर

54

22

मेघालय

25

23

मिजोरम

15

24

नागालैंड

22

25

ओडिशा

682

26

पुडुचेरी

33

27

पंजाब

489

28

राजस्थान

486

29

सिक्किम

11

30

तमिलनाडु

1,363

31

तेंलांगना

199

32

दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव

39

33

त्रिपुरा

28

34

उत्तर प्रदेश

2,658

35

उत्तराखंड

313

36

पश्चिम बंगाल

630

कुल

15,057

केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने यह जानकारी आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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