कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय
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नई कृषि प्रौद्योगिकियां और बीज की किस्में

Posted On: 25 MAR 2025 5:07PM by PIB Delhi

22-24 फरवरी, 2025 के दौरान आयोजित पूसा कृषि विज्ञान मेले में सात प्रमुख कृषि फसलों की कुल 79 नई उच्च उपज देने वाली किस्में, फलों की 11 और सब्जियों की 31 किस्में प्रदर्शित की गईं। इसके अलावा, 18 जैव उर्वरकों और जैव-फॉर्म्यूलेशंस की तकनीकें, मृदा परीक्षण उर्वरक अनुशंसा मीटर, जेडएन-लोडेड नैनो क्ले पॉलीमर कंपोजिट; स्पीडीसीड वायबिलिटी किट; ब्रुचिड प्रबंधन के लिए पॉलिमर कंपोजिट सीड कोटिंग; पुमेलो पील और चावल की भूसी से निकाला गया नैनोसेल्यूलोज; इंस्टेंट नूडल्स के लिए मटर की फली का पाउडर; स्नैक पफ्स और मफिन में पके केले के पाउडर को बाय-प्रोडक्ट्स के साथ क्रियाशील बनाया गया। कार्यक्रम के दौरान आठ नए कृषि उपकरणों का भी प्रदर्शन किया गया।

तकनीकी सत्रों और किसान-वैज्ञानिक संवाद में शामिल मुख्य विषयों का विवरण सत्रवार निम्नानुसार है:

सत्र 1: जलवायु अनुकूल कृषि के लिए प्रौद्योगिकियां; सत्र 2: फसल विविधीकरण; सत्र 3: डिजिटल कृषि; सत्र 4: कृषि विपणन और निर्यात; सत्र 5: एफपीओ-स्टार्ट अप लिंकेज; सत्र 6: युवाओं और महिलाओं का उद्यमिता विकास और सत्र 7: नवोन्मेषी किसान सम्मेलन।

किसानों, उद्यमियों, युवाओं और महिलाओं को आईसीएआर-आईएआरआई द्वारा विकसित प्रमुख किस्मों और प्रौद्योगिकियों के लाइव प्रदर्शन के लिए निर्देशित पर्यटन के माध्यम से नई किस्मों और प्रौद्योगिकियों के बारे में संवेदनशील और शिक्षित किया गया; आईसीएआर-आईएआरआई के साथ-साथ आईसीएआर संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों, केवीके, एफपीओ, उद्यमियों, स्टार्ट-अप, सार्वजनिक और निजी कंपनियों की प्रमुख प्रौद्योगिकियों, उत्पादों और सेवाओं पर प्रदर्शनियां; और उन्नत कृषि - विकसित भारत थीम के तकनीकी सत्रों में किसान-वैज्ञानिकों के बीच संवाद आयोजित किया गया।

  • आईसीएआर संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों, सार्वजनिक और निजी संस्थानों, कृषि उद्यमियों के 245 स्टॉल लगाए गए।
  • धान, मूंग, अरहर, बाजरा और सब्जियों जैसी विभिन्न फसलों के 1800 क्विंटल से अधिक बीज किसानों को बहुत ही उचित दर पर उपलब्ध कराए गए। किसानों और अन्य हितधारकों को मौके पर ही सलाह दी गई।
  • सभी हितधारकों के बीच प्रौद्योगिकियों पर विस्तृत साहित्य भी वितरित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान की गई कुछ प्रमुख घोषणाओं में “कृषि चौपाल – विज्ञान से किसान तक” का पर्यवेक्षण और प्रौद्योगिकी के प्रसार में आईएआरआई पुरस्कार विजेता/नवाचार करने वाले किसानों आदि की भागीदारी शामिल है।

यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री श्री भागीरथ चौधरी ने दी।

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एमजी/आरपीएम/केसी/एमपी/डीए


(Release ID: 2115041)
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