स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
मानसिक स्वास्थ्य पर उठाए गए कदम
एबी पीएम-जेएवाई मानसिक विकार विशेषता के अंतर्गत 22 प्रक्रियाओं सहित 27 चिकित्सा विशेषताओं में 1961 चिकित्सकीय प्रक्रियाओं से संबंधित कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम घटक को 767 जिलों में कार्यान्वयन के लिए मंजूरी दी गई है, जिसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता प्रदान की जाती है
एनएमएचपी के तृतीयक देखभाल घटक के तहत, मानसिक स्वास्थ्य विशेषताओं में पीजी विभागों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ तृतीयक स्तर की उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए 25 उत्कृष्टता केंद्रों को मंजूरी दी गई है
देश में 47 सरकारी मानसिक अस्पताल संचालित हैं, जिनमें 3 केंद्रीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान शामिल हैं
36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 53 टेली मानस प्रकोष्ठों की स्थापना की है और टेली मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं शुरू की हैं, इस हेल्पालाइन नंबर पर 19,67,000 से अधिक कॉल्स प्राप्त हुई है
सरकार ने विश्व मानसिक दिवस 10 अक्टूबर 2024 को मानसिक स्वास्थ्य से जुडे विभिन्न मुद्दों पर टेली मानस मोबाइल एप्लीकेशन की शुरुआत की थी
Posted On:
25 MAR 2025 1:48PM by PIB Delhi
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने 29.05.2024 को स्वास्थ्य बीमा कारोबार पर मास्टर सर्कुलर जारी किया है, जिसके अनुसार बीमाकर्ताओं को सभी प्रकार की मौजूदा चिकित्सा स्थितियों; पहले से मौजूद बीमारियों और पुरानी बीमारियों को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा संबंधी उत्पाद पेश करके पॉलिसीधारकों को व्यापक विकल्प प्रदान करने की आवश्यकता है। बीमाकर्ताओं को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के अनुपालन में सेवा उत्पाद उपलब्ध कराना भी अनिवार्य है। उपरोक्त प्रावधानों के अनुरूप, बीमाकर्ताओं के संबंधित उत्पाद सेवा डिजाइनों के अनुसार मानसिक बीमारी के लिए कवरेज प्रदान करने वाले उत्पाद बाजार में उपलब्ध हैं।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री - जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के तहत, स्वास्थ्य लाभ पैकेज (एचबीपी) के नवीनतम राष्ट्रीय मास्टर पात्र लाभार्थियों को 27 चिकित्सा विशेषताओं में 1961 चिकित्सकीय प्रक्रियाओं से संबंधित कैशलेस स्वास्थ्य सेवा प्रदान करती है, जिसमें मानसिक दिव्यांगता, सिज़ोफ्रेनिया, स्किज़ोटाइपल, भ्रम संबंधी विकार, ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार आदि जैसे मानसिक विकार विशेषताओं के तहत 22 प्रक्रियाएं शामिल हैं। इसके अलावा, राज्यों को स्थानीय संदर्भ के अनुसार स्वास्थ्य लाभ पैकेजों को और अधिक अनुकूलित करने की सुविधा प्रदान की गई है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) में केंद्रीय रूप से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 21.03.2025 तक, इस योजना के तहत अस्पतालों में 77,634 भर्तियों को अधिकृत किया गया है। जिन पर 87 करोड़ रूपए खर्च आया है।
देश में किफायती और सुलभ मानसिक स्वास्थ्य सेवा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार देश में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) लागू कर रही है। एनएमएचपी के जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (डीएमएचपी) घटक को 767 जिलों में लागू करने के लिए मंजूरी दी गई है। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता प्रदान की जाती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) स्तरों पर डीएमएचपी के तहत उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं में बाह्य रोगी सेवाएं, मूल्यांकन, परामर्श/मनो-सामाजिक समाधान, गंभीर मानसिक विकारों वाले व्यक्तियों को निरंतर देखभाल और सहायता, दवाएं, आउटरीच सेवाएं, एम्बुलेंस सेवाएं आदि शामिल हैं। उपरोक्त सेवाओं के अलावा जिला स्तर पर 10 बिस्तरों वाली इन-पेशेंट सुविधा का प्रावधान है।
सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए भी कदम उठा रही है। सरकार ने 1.75 लाख से अधिक उप स्वास्थ्य केंद्रों (एसएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में परिवर्तन किया है। इन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में प्रदान की जाने वाली व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के पैकेज में मानसिक, तंत्रिका संबंधी और पदार्थ उपयोग विकार (एमएनएस) को भी जोड़ा गया है।
एनएमएचपी के तृतीयक देखभाल घटक के अंतर्गत, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञताओं में पीजी विभागों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ तृतीयक स्तर की उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए 25 उत्कृष्टता केंद्रों को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञताओं में 47 पीजी विभागों को सहायता प्रदान करने के लिए 19 सरकारी मेडिकल कॉलेजों/संस्थानों को भी सहायता प्रदान की है।
देश में 47 सरकारी मानसिक अस्पताल हैं, जिनमें 3 केंद्रीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान शामिल हैं। यह राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु, लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई क्षेत्रीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, तेजपुर, असम और केंद्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान, रांची है। सभी एम्स में भी मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं।
सरकार 2018 से तीन केंद्रीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों अर्थात् राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु, लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई क्षेत्रीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, तेजपुर, असम और केंद्रीय मनोरोग संस्थान, रांची में स्थापित डिजिटल अकादमियों के माध्यम से सामान्य स्वास्थ्य सेवा चिकित्सा और अर्ध चिकित्सा पेशेवरों की विभिन्न श्रेणियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान करके देश के वंचित क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए जनशक्ति की उपलब्धता को बढ़ा रही है। डिजिटल अकादमियों के तहत प्रशिक्षित पेशेवरों की कुल संख्या 42,488 है।
सरकार ने देश में गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं तक पहुँच को और बेहतर बनाने के लिए 10 अक्टूबर, 2022 को “राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम” शुरू किया है। इस वर्ष 19 मार्च तक, 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 53 टेली मानस प्रकोष्ठ स्थापित किए हैं और टेली मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ शुरू की हैं। हेल्पलाइन नंबर पर 19,67,000 से अधिक कॉल प्राप्त हुई हैं।
सरकार ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस - 10 अक्टूबर, 2024 के अवसर पर टेली मानस मोबाइल एप्लिकेशन भी लॉन्च किया है। टेली-मानस मोबाइल एप्लिकेशन एक व्यापक मोबाइल प्लेटफॉर्म है जिसे मानसिक स्वास्थ्य से लेकर मानसिक विकारों तक विभिन्न मुद्दों के लिए सहायता प्रदान करने के लिए विकसित किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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