वस्त्र मंत्रालय
संसद प्रश्न: भारतीय हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देने में इंडी हाट की भूमिका
Posted On:
24 MAR 2025 12:10PM by PIB Delhi
इंडी हाट पहल आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल अभियानों के साथ मेल खाती है। इंडी हाट कार्यक्रम विशेष रूप से भारत टेक्स के लिए तैयार किया गया था ताकि भारतीय बुनकरों और कारीगरों के हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों को इस कार्यक्रम में खरीदारों या आगंतुक के रूप में आए वैश्विक दर्शकों के समक्ष प्रदर्शित कर उन्हें बढ़ावा दिया जा सके।
इंडी हाट कार्यक्रम का आयोजन भारत के सबसे बड़े वस्त्र व्यापार मेले भारत टेक्स के लिए किया गया था ताकि इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सौ से अधिक देशों के आगंतुकों और प्रदर्शकों को भारतीय हस्तशिल्प और हथकरघा की बेहतरीन उत्पादों का प्रदर्शन किया जा सके। इससे अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों, नीति निर्माताओं और उद्योग हितधारकों के बीच भारत की समृद्ध हथकरघा और हस्तशिल्प विरासत की दृश्यता बढ़ गई है। इसके अतिरिक्त, भारत टेक्स में भाग लेने वाले निर्यातकों और विदेशी खरीदारों को कारीगरों और बुनकरों से मिलने और बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया गया। इंडी हाट में झारखंड के तीन कारीगरों सहित देशभर के 85 कारीगरों एवं बुनकरों द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रकार के 80 हस्तनिर्मित और हाथ से बुने उत्पादों का जीवंत प्रदर्शन किया गया।
वस्त्र मंत्रालय के अधीन विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय झारखंड सहित देश भर के हस्तशिल्प क्षेत्र के समग्र विकास और संवर्धन के लिए दो योजनाएं नामशः राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) और व्यापक हस्तशिल्प कलस्टर विकास योजना (सीएचसीडीएस) कार्यान्वित करता है। इन योजनाओं के तहत, विपणन कार्यक्रमों, कौशल विकास, क्लस्टर विकास, उत्पादक कंपनियों का गठन, कारीगरों को प्रत्यक्ष लाभ, आधारभूत संरचना एवं प्रौद्योगिकी सहायता, अनुसंधान एवं विकास समर्थन, डिजिटलीकरण, ब्रांडिंग आदि के माध्यम से कारीगरों को शुरु से अंत तक सहयोग हेतु आवश्यकता आधारित सहायता प्रदान की जाती है जिससे देशभर के पारंपरिक शिल्प और कारीगर लाभान्वित होते हैं।
साथ ही, विकास आयुक्त कार्यालय राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत झारखंड सहित (हथकरघा) देश और विदेश में हथकरघा उत्पादों को निम्नानुसार बढ़ावा देता है.
(i) राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम;
(ii) कच्चा माल आपूर्ति योजना;
उपर्युक्त योजनाओं के अंतर्गत पात्र हथकरघा एजेंसियों/बुनकरों को कच्चा माल, उन्नत करघे एवं सहायक उपकरणों की खरीद, सौर प्रकाशीय यूनिटों, वर्कशेड के निर्माण, कौशल विकास, उत्पाद एवं डिजाइन विकास, तकनीकी एवं सामान्य अवसंरचना, घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में हथकरघा उत्पादों के विपणन, बुनकर मुद्रा योजना के अंतर्गत रियायती ऋण और सामाजिक सुरक्षा आदि के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
यह जानकारी आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वस्त्र राज्य मंत्री श्री पबित्र मार्गेरिटा द्वारा दी गई।
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एमजी /आरपीएम/केसी/ केजे
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