स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में एआई का उपयोग करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम


स्वास्थ्य में एआई आधारित समाधानों के विकास और उपयोग को बढ़ावा देने के मकसद से एम्स दिल्ली, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ और एम्स ऋषिकेश को ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए उत्कृष्टता केंद्र’ के रूप में नामित किया गया

संक्रामक रोगों के लिए घटना-आधारित निगरानी की मदद करने वाले, मीडिया रोग निगरानी (एमडीएस) का उपयोग किया गया; 4,500 से अधिक घटना अलर्ट प्रकाशित किए गए, जो रोग के प्रकोप की वक्त पर रोकथाम और उसे खत्म करने में योगदान करते हैं

परामर्श की गुणवत्ता बढ़ाने और एआई-आधारित अंतर दर्शाने वाली निदान संबंधी सिफारिशें देने के लिए, ई-संजीवनी में नैदानिक ​​निर्णय समर्थन प्रणाली (सीडीएसएस) का एकीकरण

सामुदायिक सेटिंग्स में फेंफड़ों संबंधी टीबी की जांच के लिए, ‘कफ अगेंस्ट टीबी’, एआई समाधान का इस्तेमाल किया जा रहा है; लापता मामलों की रिपोर्टिंग में सहायता

एआई समाधान, ‘प्रतिकूल टीबी परिणामों की भविष्यवाणी’ लागू; तैनाती के बाद से प्रतिकूल परिणामों में 27% की गिरावट दर्ज की गई

Posted On: 21 MAR 2025 4:04PM by PIB Delhi

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) पूरे भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का लाभ उठा रहा है। मंत्रालय ने स्वास्थ्य में एआई आधारित समाधानों के विकास और उपयोग को बढ़ावा देने के मकसद से एम्स दिल्ली, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ और एम्स ऋषिकेश को ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए उत्कृष्टता केंद्र’ के रूप में नामित किया है। एमओएचएफडब्ल्यू ने ई-संजीवनी में क्लिनिकल डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (सीडीएसएस), आईडीएसपी में मीडिया डिजीज़ सर्विलांस सॉल्यूशन, डायबिटिक रेटिनोपैथी आइडेंटिफिकेशन सॉल्यूशन और असामान्य चेस्ट एक्स-रे क्लासिफायर मॉडल जैसे एआई समाधान विकसित किए हैं और कई अन्य शुरुआती चरणों में हैं।

मीडिया रोग निगरानी’ (एमडीएस) एक एआई-संचालित उपकरण है, जो अप्रैल 2022 से संक्रामक रोगों के लिए घटना-आधारित निगरानी की मदद कर रहा है। यह उपकरण देश भर में डिजिटल समाचार स्रोतों को स्कैन करता है और प्रारंभिक कार्रवाई और प्रतिक्रिया के लिए जिलों के साथ प्रासंगिक जानकारी साझा करता है। अप्रैल 2022 से, इसने 4,500 से अधिक इवेंट अलर्ट प्रकाशित किए हैं, जो रोग के प्रकोप की, समय पर रोकथाम और उसे खत्म करने में योगदान करते हैं, जिससे मृत्यु दर और रोगों की संख्या कम होती है।

एक एआई समाधान,क्लिनिकल डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ (सीडीएसएस), को राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन प्लेटफ़ॉर्म, ई-संजीवनी में एकीकृत किया गया है, ताकि रोगी की शिकायतों को दर्ज करने और एआई-आधारित अंतर करने वाली निदान अनुशंसाएँ देकर परामर्श की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके। सीडीएसएस एकीकरण के बाद से, 196 मिलियन ई-संजीवनी परामर्शों को मानकीकृत डेटा कैप्चर से लाभ हुआ है, जिससे स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में एकरूपता आई है और 12 मिलियन परामर्शों को एआई-अनुशंसित निदान द्वारा सहायता मिली है, जिससे डॉक्टरों को पूरी जानकारी के साथ फैसले लेने में मदद मिली है।

क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत, सामुदायिक सेटिंग्स में फेफड़ों से संबंधित टीबी की जांच के लिए कफ अगेंस्ट टीबीएआई समाधान का उपयोग किया जाता है। जिन भौगोलिक क्षेत्रों में इन्हें लागू किया गया है, उनसे पाया गया कि समाधानों ने रिपोर्ट किए गए टीबी मामलों में 12-16% अतिरिक्त मामले दिखाए है, जो कि पारंपरिक तरीकों का उपयोग करके रोगियों की जांच करने पर छूट सकते थे।

प्रतिकूल टीबी परिणामों की भविष्यवाणी एआई समाधान’, उन टीबी रोगियों की जानकारी देने में मदद करता है, जिनके उपचार शुरू होते ही प्रतिकूल परिणामों की संभावना अधिक होती है। एआई समाधान के इस्तेमाल के बाद प्रतिकूल परिणामों में 27% की गिरावट दर्ज की गई है।

स्वास्थ्य सेवा में एआई के उपयोग को बढ़ाने के लिए, मंत्रालय द्वारा क्षेत्र-विशिष्ट उपाय किए जा रहे हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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एमजी/आरपीएम/केसी/एनएस


(Release ID: 2113755)
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