वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
वित्त वर्ष 2024-25 पूरा होने से पहले सरकारी ई-मार्केटप्लेस ने ₹5 लाख करोड़ का जीएमवी पार किया
जेम ने प्रमुख नीतिगत सुधारों के साथ बाजार तक पहुंच को बेहतर बनाया, जिससे एमएसई, स्टार्टअप और महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को लाभ हुआ
Posted On:
17 MAR 2025 4:55PM by PIB Delhi
सरकारी ई मार्केटप्लेस (जेम) ने वित्त वर्ष 2024-25 पूर्ण होने से 18 दिन पहले अपने पोर्टल पर सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) ₹5 लाख करोड़ को पार कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह उपलब्धि सार्वजनिक खरीद के लिए एक प्राथमिक उपकरण के रूप में जेम के तेजी से विस्तार को उजागर करती है, जो 1.6 लाख से अधिक सरकारी संस्थाओं के खरीदार आधार की सेवा करती है। उल्लेखनीय रूप से, 23 जनवरी 2025 को पिछले सूचकांक को पार करने के बाद, ₹4 लाख करोड़ से ₹5 लाख करोड़ तक की छलांग 50 दिनों से भी कम समय में पूरी हुई।
जेम ने हाल के महीनों में विक्रेताओं के लिए बाजार पहुंच बेहतर बनाने और भागीदारी को सुव्यवस्थित करने के लिए प्रमुख नीतिगत सुधार किए हैं। लेन-देन शुल्क, विक्रेता मूल्यांकन शुल्क और सावधानी राशि की आवश्यकताओं में कमी जैसी प्रमुख पहलों ने प्लेटफॉर्म को और अधिक सुलभ बना दिया है, जिससे विशेष रूप से सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई), स्टार्टअप और महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को लाभ हुआ है। 13 फरवरी 2025 तक, 22 लाख से अधिक विक्रेता और सेवा प्रदाता जेम पर पंजीकृत हैं, जो एक विविध और प्रतिस्पर्धी खरीद इकोसिस्टम में योगदान दे रहे हैं।
इस वर्ष स्वायत्त (स्टार्टअप्स, महिलाओं और युवाओं को ई-लेनदेन के माध्यम से लाभ) की छठी वर्षगांठ भी मनाई जा रही है, यह एक ऐसी पहल है जो प्राथमिकता वाले विक्रेता समूहों को सरकारी खरीद ढांचे में एकीकृत करने के लिए जेम की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। 13 फरवरी 2025 तक, जेम ने 29,000 से अधिक स्टार्टअप और 1.8 लाख उद्यम-सत्यापित महिला-नेतृत्व वाले व्यवसायों को सफलतापूर्वक शामिल किया है, जिससे अधिक समावेशिता और आर्थिक सशक्तिकरण को प्रोत्साहन मिला है।
नीतिगत सुधारों के अलावा, तकनीकी प्रगति ने खरीद दक्षता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वित्त वर्ष 2024-25 में, जेम ने भारत में किसी सरकारी संगठन की ओर से सबसे बड़े क्लाउड माइग्रेशन में से एक को पूरा किया। इस माइग्रेशन से प्लेटफॉर्म की मापने की योग्यता बढ़ने की उम्मीद है, जिससे खरीदारों और विक्रेताओं दोनों को एक सुरक्षित, विश्वसनीय और निर्बाध अनुभव सुनिश्चित होगा।
उपयोगकर्ता की पहुंच को और बेहतर बनाने के लिए, जेम एआई के जरिए एआई-संचालित खोज क्षमताओं के एकीकरण ने हितधारकों को तेज और अधिक सूचित खरीद निर्णय लेने में योग्य बनाया है। जेम एआई लगातार प्लेटफॉर्म डेटा का विश्लेषण करके वास्तविक समय, सटीक और विश्वसनीय प्रतिक्रियाएं देता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उपयोगकर्ताओं को किसी भी समय, कहीं भी महत्वपूर्ण खरीद जानकारी तक पहुंच प्राप्त हो।
पारदर्शिता और राजकोषीय जिम्मेदारी के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ, जेम ने ₹1,15,000 करोड़ से अधिक की संचयी सार्वजनिक बचत की सुविधा प्रदान की है। इस प्लेटफॉर्म पर 1.6 लाख से अधिक पंजीकृत सरकारी खरीदार हैं, जिनमें केंद्रीय और राज्य मंत्रालय, विभाग, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम, पंचायतें और सहकारी समितियां शामिल हैं, जो शासन के सभी स्तरों पर डिजिटल खरीद को अपनाने को प्रोत्साहन दे रहे हैं।
जेम अपने विकास पथ पर आगे बढ़ रहा है, यह नवाचार को प्रोत्साहन देने, समावेशिता का विस्तार करने और खरीदारों को बेजोड़ मूल्य प्रदान करने के साथ-साथ विक्रेताओं के लिए बाजार संबंधों को मजबूत करने के लिए समर्पित है। तकनीकी प्रगति और पारदर्शी बाजार के जरिए, जेम भारत के सार्वजनिक खरीद पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत कर रहा है और देश की आर्थिक प्रगति में योगदान दे रहा है।
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