सहकारिता मंत्रालय
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सहारा समूह सहित सहकारी समितियों में निवेशकों का पैसा वापस

Posted On: 11 MAR 2025 5:49PM by PIB Delhi

सहारा समूह की चार सहकारी समितियों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार 31.03.2023 तक जमाकर्ताओं की कुल संख्या 5.42 लाख है और जमा की गई कुल राशि 1,13,504 करोड़ रुपये है। जमा राशि का भुगतान न करने के संबंध में बड़ी संख्या में शिकायतें हैं।

डब्ल्यू पी (सी)WP (C) संख्या 191/2022 (पिनाक पाणि मोहंती बनाम यूओआई और अन्य) में सहकारिता मंत्रालय द्वारा दायर एक अंतरिम आवेदन में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 29.03.2023 को अन्य बातों के साथ-साथ आदेश दिया कि:

(i) “सहारा-सेबी रिफंड खाते” में  कुल 24,979.67 करोड़ रुपये की राशि में से, 5000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार को हस्तांतरित किए जाएंगे, जो बदले में सहारा सहकारी समितियों के समूह के जमाकर्ताओं के वैध बकाये के विरुद्ध इसका वितरण करेंगे, जिसका भुगतान वास्तविक जमाकर्ताओं को सबसे पारदर्शी तरीके से और उचित पहचान के आधार पर और उनकी जमा राशि और उनके दावों के प्रमाण प्रस्तुत करने पर किया जाएगा और सीधे उनके संबंधित बैंक खातों में जमा किया जाएगा।

(ii) इस वितरण की देखरेख और निगरानी इस न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी द्वारा की जाएगी, जिसमें विद्वान अधिवक्ता श्री गौरव अग्रवाल सहायता करेंगे, जिन्हें सहारा समूह के वास्तविक जमाकर्ताओं को राशि वितरित करने में न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी के साथ-साथ सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार की सहायता के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त किया गया है। भुगतान करने के तरीके और तौर-तरीकों को इस न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और विद्वान अधिवक्ता श्री गौरव अग्रवाल के परामर्श से सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार द्वारा तैयार किया जाना है।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 29.03.2023 के आदेश के अनुपालन में, सहारा समूह की चार बहु-राज्य सहकारी समितियों, जैसे सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, लखनऊ, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड , भोपाल, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, कोलकाता और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, हैदराबाद के वास्तविक जमाकर्ताओं द्वारा उनके वैध जमा की वापसी के लिए दावे प्रस्तुत करने के लिए 18.07.2023 को एक ऑनलाइन पोर्टल "सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल" https://mocrefund.crcs.gov.in ,शुरू किया गया है। वितरण की पूरी प्रक्रिया डिजिटल और कागज रहित है और इसे श्री गौरव अग्रवाल, एमिकस क्यूरी की सहायता से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी की देखरेख और निगरानी में किया जा रहा है।

पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों को उचित पहचान और उनकी पहचान तथा जमाराशि का प्रमाण प्रस्तुत करने पर पारदर्शी तरीके से  किया जा रहा है। वर्तमान में, आधार से जुड़े बैंक खाते के माध्यम से सत्यापित दावों के विरुद्ध सहारा समूह सहकारी समितियों के प्रत्येक वास्तविक जमाकर्ता को केवल 50,000/- रुपये तक का भुगतान किया जा रहा है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा जमाकर्ताओं को रिफंड के वितरण के लिए 31.12.2025 तक का विस्तार दिया है।

इसके अलावा, पोर्टल पर जमाकर्ता के आवेदन में कोई कमी पाए जाने की स्थिति में, उन्हें 15.11.2023 को पहले से लॉन्च किए गए पुन: प्रस्तुतीकरण पोर्टल के माध्यम से अपने आवेदन को फिर से प्रस्तुत करने के लिए कमियों से अवगत कराया जा रहा है।

28.02.2025 तक सहारा समूह के सहकारी समितियों के 12,97,111 जमाकर्ताओं को 2,314.20 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

यह बात सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।

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एमजी/केसी/एनकेएस

 


(Release ID: 2111425)
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