खान मंत्रालय
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भारत की पहली खनिज खोज लाइसेंस नीलामी और एआई-संचालित अन्वेषण हैकाथॉन गोवा में आरंभ


खनिज अन्वेषण लाइसेंस नीलामी की शुरूआत भारत में खनिज स्वतंत्रता के नए युग का प्रतीक: केंद्रीय कोयला एंव खान मंत्री जी. किशन रेड्डी

गोवा की समृद्ध खनन विरासत दायित्वपूर्ण, प्रौद्योगिकी-संचालित खनिज विकास का मार्ग प्रशस्त करती है: मुख्यमंत्री – गोवा: डॉ. प्रमोद सावंत

Posted On: 13 MAR 2025 5:33PM by PIB Delhi

केंद्रीय कोयला और खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी और गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत की उपस्थिति मे खान मंत्रालय ने गोवा सरकार के साथ मिलकर भारत में खानों के अनवेषण लाइसेंस (ईएल) की पहली नीलामी आरंभ की। यह देश में अप्रयुक्त महत्वपूर्ण और गहरी खानों की खोज और खनिज संसाधन उत्खनन की दिशा में महत्वपूर्ण सुधार है। आयोजन में महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी की 5वीं खेप पर एक रोड शो और एआई हैकाथॉन 2025 भी आरंभ किया गया जिसका उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता-एआई का इस्तेमाल कर खनिज पदार्थों की खोज करना है।

श्री रेड्डी और डॉ. सावंत ने 13 लाइसेंस ब्लॉकों के खोज की नीलामी आरंभ की जिसमें दुर्लभ खनिज पदार्थ (आरईई), जस्ता, हीरा, तांबा और प्लेटिनम समूह तत्व (पीजीई) जैसे महत्वपूर्ण खनिज शामिल हैं। पारदर्शी ऑनलाइन बोली प्रक्रिया के इस्तेमाल की यह पहल खनिज पदार्थों के अन्वेषण में व्यवस्थित रूप से तेजी लाने, निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने और आयात निर्भरता कम करने की दृष्टि से अहम है।

इस अवसर पर केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि देश में पहली बार संरचित और पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया द्वारा खनिज पदार्थों के अन्वेषण का व्यवस्थित चरण आरंभ हो रहा है। यह सुधार महत्वपूर्ण है और इससे गहराई में अवस्थित खनिज पदार्थों की खोज में तेजी आएगी। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और भारत की स्वच्छ ऊर्जा और औद्योगिक महत्वाकांक्षाओं के साथ संरेखित आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार खनिज पारिस्थितिकी तंत्र का मार्ग प्रशस्त होगा।

गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने केंद्र सरकार के सुधारवादी कदमों की सराहना करते हुए कहा कि गोवा के पास समृद्ध खनिज भंडार है और हम दायित्वपूर्ण, प्रौद्योगिकी-संचालित खनिज विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि ये सुधार भारत की खनिज क्षमता का विस्तार करेंगे और संधारणीय खनन के नए अवसर उत्पन्न करेंगे।

खान मंत्रालय सचिव श्री वीएल कांथा राव कहा कि यह नीलामी भारत की खनिज आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता-संचालित खनिज अन्वेषण तकनीक और निजी क्षेत्र की भागीदारी देश के विशाल खनिज संसाधनों के उत्खनन और उपयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि खान मंत्रालय महत्वपूर्ण खनिजों की बढ़ती मांग पूरी करने के लिए इन खंडों का समय से संचालन आरंभ करने को प्रतिबद्ध है।

श्री जी. किशन रेड्डी और मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने आयोजन के हिस्से के रूप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से खनिज लक्ष्यीकरण पर हैकथॉन का उद्घाटन किया। इस पहल का उद्देश्य नए खनिज समृद्ध क्षेत्रों विशेष रूप से गहराई वाले खनिज भंडारों की खोज के लिए एआई-संचालित तकनीकों और भूविज्ञान डेटा का इस्तेमाल करना है।

इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागी भूभौतिकी, भूरसायन, सुदूर संवेदन (रिमोट सेंसिंग) और बोरहोल डेटा जानकारी का उपयोग कर एआई मॉडल विकसित करेंगे जो दुर्लभ खनिज पदार्थों, मैग्मैटिक सल्फाइड युक्त निकेल और प्लैटिनम-समूह तत्वों तथा तांबे जैसे महत्वपूर्ण खनिज पदार्थों की खोज पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इस हैकथॉन से भारत के अन्वेषण पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलने और डेटा-संचालित खनिज की खोज प्रणाली सुदृढ़ होने की संभावना है।

खनिज अन्वेषण में निजी भागीदारी अधिक संख्या में प्रोत्साहित करने के लिए श्री रेड्डी और डॉ. सावंत ने तीन नव अधिसूचित निजी अन्वेषण एजेंसियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए जो निम्नलिखित हैं:

मेसर्स अर्थएनवायरो लैब प्राइवेट लिमिटेड
मेसर्स ओशन ड्रिलिंग एंड एक्सप्लोरेशन प्राइवेट लिमिटेड
मेसर्स एनके एनवायरो सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड

 

खान मंत्री ने गोवा में एक समीक्षा बैठक की भी अध्यक्षता की जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, खान सचिव श्री वीएल कांथा राव और गोवा के मुख्य सचिव डॉ. वी. कैंडावेलु शामिल हुए। बैठक में निजी कंपनियों, संभावित बोलीदाताओं, सार्वजनिक उपक्रमों, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, खनिज अन्वेषण और परामर्श निगम लिमिटेड और पर्यावरण विशेषज्ञों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बातचीत में दायित्वपूर्ण तथा संधारणीय खनन को बढ़ावा देने, खनिज अन्वेषण के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल और गोवा में पारिस्थितिक संतुलन सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

कार्यक्रम के उपरांत श्री जी. किशन रेड्डी और श्री कांथा राव ने पुनर्स्थापित संगुएलिम खदान का दौरा किया जो संधारणीय तथा दायित्वपूर्ण खनन की दिशा में अहम प्रयास है।

यह आयोजन भारत के खनन क्षेत्र को आधुनिक बनाने, अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल करने और महत्वपूर्ण खनिजों के उत्खनन प्रयासों द्वारा आत्मनिर्भर भविष्य सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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